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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4266 | 41 | 48 | وضل عنهم ما كانوا يدعون من قبل وظنوا ما لهم من محيص |
| | | और जिन्हें वे पहले पुकारा करते थे वे उनसे गुम हो जाएँगे। और वे समझ लेंगे कि उनके लिए कोई भी भागने की जगह नहीं है |
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4267 | 41 | 49 | لا يسأم الإنسان من دعاء الخير وإن مسه الشر فيئوس قنوط |
| | | मनुष्य भलाई माँगने से नहीं उकताता, किन्तु यदि उसे कोई तकलीफ़ छू जाती है तो वह निराश होकर आस छोड़ बैठता है |
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4268 | 41 | 50 | ولئن أذقناه رحمة منا من بعد ضراء مسته ليقولن هذا لي وما أظن الساعة قائمة ولئن رجعت إلى ربي إن لي عنده للحسنى فلننبئن الذين كفروا بما عملوا ولنذيقنهم من عذاب غليظ |
| | | और यदि उस तकलीफ़ के बाद, जो उसे पहुँची, हम उसे अपनी दयालुता का आस्वादन करा दें तो वह निश्चय ही कहेंगा, "यह तो मेरा हक़ ही है। मैं तो यह नहीं समझता कि वह, क़ियामत की घड़ी, घटित होगी और यदि मैं अपने रब की ओर लौटाया भी गया तो अवश्य ही उसके पास मेरे लिए अच्छा पारितोषिक होगा।" फिर हम उन लोगों को जिन्होंने इनकार किया, अवश्य बताकर रहेंगे, जो कुछ उन्होंने किया होगा। और हम उन्हें अवश्य ही कठोर यातना का मज़ा चखाएँगे |
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4269 | 41 | 51 | وإذا أنعمنا على الإنسان أعرض ونأى بجانبه وإذا مسه الشر فذو دعاء عريض |
| | | जब हम मनुष्य पर अनुकम्पा करते है तो वह ध्यान में नहीं लाता और अपना पहलू फेर लेता है। किन्तु जब उसे तकलीफ़ छू जाती है, तो वह लम्बी-चौड़ी प्रार्थनाएँ करने लगता है |
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4270 | 41 | 52 | قل أرأيتم إن كان من عند الله ثم كفرتم به من أضل ممن هو في شقاق بعيد |
| | | कह दो, "क्या तुमने विचार किया, यदि वह (क़ुरआन) अल्लाह की ओर सो ही हुआ और तुमने उसका इनकार किया तो उससे बढ़कर भटका हुआ और कौन होगा जो विरोध में बहुत दूर जा पड़ा हो?" |
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4271 | 41 | 53 | سنريهم آياتنا في الآفاق وفي أنفسهم حتى يتبين لهم أنه الحق أولم يكف بربك أنه على كل شيء شهيد |
| | | शीघ्र ही हम उन्हें अपनी निशानियाँ वाह्य क्षेत्रों में दिखाएँगे और स्वयं उनके अपने भीतर भी, यहाँ तक कि उनपर स्पष्टा हो जाएगा कि वह (क़ुरआन) सत्य है। क्या तुम्हारा रब इस दृष्टि, से काफ़ी नहीं कि वह हर चीज़ का साक्षी है |
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4272 | 41 | 54 | ألا إنهم في مرية من لقاء ربهم ألا إنه بكل شيء محيط |
| | | जान लो कि वे लोग अपने रब से मिलन के बारे में संदेह में पड़े हुए है। जान लो कि निश्चय ही वह हर चीज़ को अपने घेरे में लिए हुए है |
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4273 | 42 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم حم |
| | | हा॰ मीम॰ |
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4274 | 42 | 2 | عسق |
| | | ऐन॰ सीन॰ क़ाफ़॰ |
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4275 | 42 | 3 | كذلك يوحي إليك وإلى الذين من قبلك الله العزيز الحكيم |
| | | इसी प्रकार अल्लाह प्रुभत्वशाली, तत्वदर्शी तुम्हारी ओर और उन लोगों की ओर प्रकाशना (वह्यप) करता रहा है, जो तुमसे पहले गुज़र चुके है |
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