بسم الله الرحمن الرحيم

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42614143ما يقال لك إلا ما قد قيل للرسل من قبلك إن ربك لذو مغفرة وذو عقاب أليم
तुम्हें बस वही कहा जा रहा है, जो उन रसूलों को कहा जा चुका है, जो तुमसे पहले गुज़र चुके है। निस्संदेह तुम्हारा रब बड़ा क्षमाशील है और दुखद दंड देनेवाला भी
42624144ولو جعلناه قرآنا أعجميا لقالوا لولا فصلت آياته أأعجمي وعربي قل هو للذين آمنوا هدى وشفاء والذين لا يؤمنون في آذانهم وقر وهو عليهم عمى أولئك ينادون من مكان بعيد
यदि हम उसे ग़ैर अरबी क़ुरआन बनाते तो वे कहते कि "उसकी आयतें क्यों नहीं (हमारी भाषा में) खोलकर बयान की गई? यह क्या कि वाणी तो ग़ैर अरबी है और व्यक्ति अरबी?" कहो, "वह उन लोगों के लिए जो ईमान लाए मार्गदर्शन और आरोग्य है, किन्तु जो लोग ईमान नहीं ला रहे है उनके कानों में बोझ है और वह (क़ुरआन) उनके लिए अन्धापन (सिद्ध हो रहा) है, वे ऐसे है जिनको किसी दूर के स्थान से पुकारा जा रहा हो।"
42634145ولقد آتينا موسى الكتاب فاختلف فيه ولولا كلمة سبقت من ربك لقضي بينهم وإنهم لفي شك منه مريب
हमने मूसा को भी किताब प्रदान की थी, फिर उसमें भी विभेद किया गया। यदि तुम्हारे रब की ओर से पहले ही से एक बात निश्चित न हो चुकी होती तो उनके बीत फ़ैसला चुका दिया जाता। हालाँकि वे उसकी ओर से उलझन में डाल देनेवाले सन्देह में पड़े हुए है
42644146من عمل صالحا فلنفسه ومن أساء فعليها وما ربك بظلام للعبيد
जिस किसी ने अच्छा कर्म किया तो अपने ही लिए और जिस किसी ने बुराई की, तो उसका वबाल भी उसी पर पड़ेगा। वास्तव में तुम्हारा रब अपने बन्दों पर तनिक भी ज़ुल्म नहीं करता
42654147إليه يرد علم الساعة وما تخرج من ثمرات من أكمامها وما تحمل من أنثى ولا تضع إلا بعلمه ويوم يناديهم أين شركائي قالوا آذناك ما منا من شهيد
उस घड़ी का ज्ञान अल्लाह की ओर फिरता है। जो फल भी अपने कोषों से निकलते है और जो मादा भी गर्भवती होती है और बच्चा जनती है, अनिवार्यतः उसे इन सबका ज्ञान होता है। जिस दिन वह उन्हें पुकारेगा, "कहाँ है मेरे साझीदार?" वे कहेंगे, "हम तेरे समक्ष खुल्लम-ख़ुल्ला कह चुके है कि हममें से कोई भी इसका गवाह नहीं।"
42664148وضل عنهم ما كانوا يدعون من قبل وظنوا ما لهم من محيص
और जिन्हें वे पहले पुकारा करते थे वे उनसे गुम हो जाएँगे। और वे समझ लेंगे कि उनके लिए कोई भी भागने की जगह नहीं है
42674149لا يسأم الإنسان من دعاء الخير وإن مسه الشر فيئوس قنوط
मनुष्य भलाई माँगने से नहीं उकताता, किन्तु यदि उसे कोई तकलीफ़ छू जाती है तो वह निराश होकर आस छोड़ बैठता है
42684150ولئن أذقناه رحمة منا من بعد ضراء مسته ليقولن هذا لي وما أظن الساعة قائمة ولئن رجعت إلى ربي إن لي عنده للحسنى فلننبئن الذين كفروا بما عملوا ولنذيقنهم من عذاب غليظ
और यदि उस तकलीफ़ के बाद, जो उसे पहुँची, हम उसे अपनी दयालुता का आस्वादन करा दें तो वह निश्चय ही कहेंगा, "यह तो मेरा हक़ ही है। मैं तो यह नहीं समझता कि वह, क़ियामत की घड़ी, घटित होगी और यदि मैं अपने रब की ओर लौटाया भी गया तो अवश्य ही उसके पास मेरे लिए अच्छा पारितोषिक होगा।" फिर हम उन लोगों को जिन्होंने इनकार किया, अवश्य बताकर रहेंगे, जो कुछ उन्होंने किया होगा। और हम उन्हें अवश्य ही कठोर यातना का मज़ा चखाएँगे
42694151وإذا أنعمنا على الإنسان أعرض ونأى بجانبه وإذا مسه الشر فذو دعاء عريض
जब हम मनुष्य पर अनुकम्पा करते है तो वह ध्यान में नहीं लाता और अपना पहलू फेर लेता है। किन्तु जब उसे तकलीफ़ छू जाती है, तो वह लम्बी-चौड़ी प्रार्थनाएँ करने लगता है
42704152قل أرأيتم إن كان من عند الله ثم كفرتم به من أضل ممن هو في شقاق بعيد
कह दो, "क्या तुमने विचार किया, यदि वह (क़ुरआन) अल्लाह की ओर सो ही हुआ और तुमने उसका इनकार किया तो उससे बढ़कर भटका हुआ और कौन होगा जो विरोध में बहुत दूर जा पड़ा हो?"


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