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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4243 | 41 | 25 | وقيضنا لهم قرناء فزينوا لهم ما بين أيديهم وما خلفهم وحق عليهم القول في أمم قد خلت من قبلهم من الجن والإنس إنهم كانوا خاسرين |
| | | हमने उनके लिए कुछ साथी नियुक्त कर दिए थे। फिर उन्होंने उनके आगे और उनके पीछे जो कुछ था उसे सुहाना बनाकर उन्हें दिखाया। अन्ततः उनपर भी जिन्नों और मनुष्यों के उन गिरोहों के साथ फ़ैसला सत्यापित होकर रहा, जो उनसे पहले गुज़र चुके थे। निश्चय ही वे घाटा उठानेवाले थे |
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4244 | 41 | 26 | وقال الذين كفروا لا تسمعوا لهذا القرآن والغوا فيه لعلكم تغلبون |
| | | जिन लोगों ने इनकार किया उन्होंने कहा, "इस क़ुरआन को सुनो ही मत और इसके बीच में शोर-गुल मचाओ, ताकि तुम प्रभावी रहो।" |
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4245 | 41 | 27 | فلنذيقن الذين كفروا عذابا شديدا ولنجزينهم أسوأ الذي كانوا يعملون |
| | | अतः हम अवश्य ही उन लोगों को, जिन्होंने इनकार किया, कठोर यातना का मजा चखाएँगे, और हम अवश्य उन्हें उसका बदला देंगे, जो निकृष्टतम कर्म वे करते रहे है |
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4246 | 41 | 28 | ذلك جزاء أعداء الله النار لهم فيها دار الخلد جزاء بما كانوا بآياتنا يجحدون |
| | | वह है अल्लाह के शत्रुओं का बदला - आग। उसी में उसका सदा का घर है, उसके बदले में जो वे हमारी आयतों का इनकार करते रहे |
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4247 | 41 | 29 | وقال الذين كفروا ربنا أرنا اللذين أضلانا من الجن والإنس نجعلهما تحت أقدامنا ليكونا من الأسفلين |
| | | और जिन लोगों ने इनकार किया वे कहेंगे, "ऐ हमारे रब! हमें दिखा दे उन जिन्नों और मनुष्यों को, जिन्होंने हमको पथभ्रष़्ट किया कि हम उन्हें अपने पैरों तले डाल दे ताकि वे सबसे नीचे जा पड़े |
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4248 | 41 | 30 | إن الذين قالوا ربنا الله ثم استقاموا تتنزل عليهم الملائكة ألا تخافوا ولا تحزنوا وأبشروا بالجنة التي كنتم توعدون |
| | | जिन लोगों ने कहा कि "हमारा रब अल्लाह है।" फिर इस पर दृढ़तापूर्वक जमें रहे, उनपर फ़रिश्ते उतरते है कि "न डरो और न शोकाकुल हो, और उस जन्नत की शुभ सूचना लो जिसका तुमसे वादा किया गया है |
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4249 | 41 | 31 | نحن أولياؤكم في الحياة الدنيا وفي الآخرة ولكم فيها ما تشتهي أنفسكم ولكم فيها ما تدعون |
| | | हम सांसारिक जीवन में भी तुम्हारे सहचर मित्र है और आख़िरत में भी। और वहाँ तुम्हारे लिए वह सब कुछ है, जिसकी इच्छा तुम्हारे जी को होगी। और वहाँ तुम्हारे लिए वह सब कुछ होगा, जिसका तुम माँग करोगे |
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4250 | 41 | 32 | نزلا من غفور رحيم |
| | | आतिथ्य के रूप में क्षमाशील, दयावान सत्ता की ओर से" |
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4251 | 41 | 33 | ومن أحسن قولا ممن دعا إلى الله وعمل صالحا وقال إنني من المسلمين |
| | | और उस व्यक्ति से बात में अच्छा कौन हो सकता है जो अल्लाह की ओर बुलाए और अच्छे कर्म करे और कहे, "निस्संदेह मैं मुस्लिम (आज्ञाकारी) हूँ?" |
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4252 | 41 | 34 | ولا تستوي الحسنة ولا السيئة ادفع بالتي هي أحسن فإذا الذي بينك وبينه عداوة كأنه ولي حميم |
| | | भलाई और बुराई समान नहीं है। तुम (बुरे आचरण की बुराई को) अच्छे से अच्छे आचरण के द्वारा दूर करो। फिर क्या देखोगे कि वही व्यक्ति तुम्हारे और जिसके बीच वैर पड़ा हुआ था, जैसे वह कोई घनिष्ठ मित्र है |
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