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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4232 | 41 | 14 | إذ جاءتهم الرسل من بين أيديهم ومن خلفهم ألا تعبدوا إلا الله قالوا لو شاء ربنا لأنزل ملائكة فإنا بما أرسلتم به كافرون |
| | | जब उनके पास उनके आगे से और पीछे से पैग़म्बर (ये ख़बर लेकर) आए कि ख़ुदा के सिवा किसी की इबादत न करो तो कहने लगे कि अगर हमारा परवरदिगार चाहता तो फ़रिश्ते नाज़िल करता और जो (बातें) देकर तुम लोग भेजे गए हो हम तो उसे नहीं मानते |
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4233 | 41 | 15 | فأما عاد فاستكبروا في الأرض بغير الحق وقالوا من أشد منا قوة أولم يروا أن الله الذي خلقهم هو أشد منهم قوة وكانوا بآياتنا يجحدون |
| | | तो आद नाहक़ रूए ज़मीन में ग़ुरूर करने लगे और कहने लगे कि हम से बढ़ के क़ूवत में कौन है, क्या उन लोगों ने इतना भी ग़ौर न किया कि ख़ुदा जिसने उनको पैदा किया है वह उनसे क़ूवत में कहीं बढ़ के है, ग़रज़ वह लोग हमारी आयतों से इन्कार ही करते रहे |
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4234 | 41 | 16 | فأرسلنا عليهم ريحا صرصرا في أيام نحسات لنذيقهم عذاب الخزي في الحياة الدنيا ولعذاب الآخرة أخزى وهم لا ينصرون |
| | | तो हमने भी (तो उनके) नहूसत के दिनों में उन पर बड़ी ज़ोरों की ऑंधी चलाई ताकि दुनिया की ज़िन्दगी में भी उनको रूसवाई के अज़ाब का मज़ा चखा दें और आखेरत का अज़ाब तो और ज्यादा रूसवा करने वाला ही होगा और (फिर) उनको कहीं से मदद भी न मिलेगी |
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4235 | 41 | 17 | وأما ثمود فهديناهم فاستحبوا العمى على الهدى فأخذتهم صاعقة العذاب الهون بما كانوا يكسبون |
| | | और रहे समूद तो हमने उनको सीधा रास्ता दिखाया, मगर उन लोगों ने हिदायत के मुक़ाबले में गुमराही को पसन्द किया तो उन की करतूतों की बदौलत ज़िल्लत के अज़ाब की बिजली ने उनको ले डाला |
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4236 | 41 | 18 | ونجينا الذين آمنوا وكانوا يتقون |
| | | और जो लोग ईमान लाए और परहेज़गारी करते थे उनको हमने (इस) मुसीबत से बचा लिया |
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4237 | 41 | 19 | ويوم يحشر أعداء الله إلى النار فهم يوزعون |
| | | और जिस दिन ख़ुदा के दुशमन दोज़ख़ की तरफ हकाए जाएँगे तो ये लोग तरतीब वार खड़े किए जाएँगे |
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4238 | 41 | 20 | حتى إذا ما جاءوها شهد عليهم سمعهم وأبصارهم وجلودهم بما كانوا يعملون |
| | | यहाँ तक की जब सब के सब जहन्नुम के पास जाएँगे तो उनके कान और उनकी ऑंखें और उनके (गोश्त पोस्त) उनके ख़िलाफ उनके मुक़ाबले में उनकी कारस्तानियों की गवाही देगें |
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4239 | 41 | 21 | وقالوا لجلودهم لم شهدتم علينا قالوا أنطقنا الله الذي أنطق كل شيء وهو خلقكم أول مرة وإليه ترجعون |
| | | और ये लोग अपने आज़ा से कहेंगे कि तुमने हमारे ख़िलाफ क्यों गवाही दी तो वह जवाब देंगे कि जिस ख़ुदा ने हर चीज़ को गोया किया उसने हमको भी (अपनी क़ुदरत से) गोया किया और उसी ने तुमको पहली बार पैदा किया था और (आख़िर) उसी की तरफ लौट कर जाओगे |
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4240 | 41 | 22 | وما كنتم تستترون أن يشهد عليكم سمعكم ولا أبصاركم ولا جلودكم ولكن ظننتم أن الله لا يعلم كثيرا مما تعملون |
| | | और (तुम्हारी तो ये हालत थी कि) तुम लोग इस ख्याल से (अपने गुनाहों की) पर्दा दारी भी तो नहीं करते थे कि तुम्हारे कान और तुम्हारी ऑंखे और तुम्हारे आज़ा तुम्हारे बरख़िलाफ गवाही देंगे बल्कि तुम इस ख्याल मे (भूले हुए) थे कि ख़ुदा को तुम्हारे बहुत से कामों की ख़बर ही नहीं |
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4241 | 41 | 23 | وذلكم ظنكم الذي ظننتم بربكم أرداكم فأصبحتم من الخاسرين |
| | | और तुम्हारी इस बदख्याली ने जो तुम अपने परवरदिगार के बारे में रखते थे तुम्हें तबाह कर छोड़ा आख़िर तुम घाटे में रहे |
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