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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4225 | 41 | 7 | الذين لا يؤتون الزكاة وهم بالآخرة هم كافرون |
| | | जो ज़कात नहीं देते और आखेरत के भी क़ायल नहीं |
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4226 | 41 | 8 | إن الذين آمنوا وعملوا الصالحات لهم أجر غير ممنون |
| | | बेशक जो लोग ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करते रहे और उनके लिए वह सवाब है जो कभी ख़त्म होने वाला नहीं |
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4227 | 41 | 9 | قل أئنكم لتكفرون بالذي خلق الأرض في يومين وتجعلون له أندادا ذلك رب العالمين |
| | | (ऐ रसूल) तुम कह दो कि क्या तुम उस (ख़ुदा) से इन्कार करते हो जिसने ज़मीन को दो दिन में पैदा किया और तुम (औरों को) उसका हमसर बनाते हो, यही तो सारे जहाँ का सरपरस्त है |
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4228 | 41 | 10 | وجعل فيها رواسي من فوقها وبارك فيها وقدر فيها أقواتها في أربعة أيام سواء للسائلين |
| | | और उसी ने ज़मीन में उसके ऊपर से पहाड़ पैदा किए और उसी ने इसमें बरकत अता की और उसी ने एक मुनासिब अन्दाज़ पर इसमें सामाने माईशत का बन्दोबस्त किया (ये सब कुछ) चार दिन में और तमाम तलबगारों के लिए बराबर है |
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4229 | 41 | 11 | ثم استوى إلى السماء وهي دخان فقال لها وللأرض ائتيا طوعا أو كرها قالتا أتينا طائعين |
| | | फिर आसमान की तरफ मुतावज्जे हुआ और (उस वक्त) धुएँ (का सा) था उसने उससे और ज़मीन से फरमाया कि तुम दोनों आओ ख़़ुशी से ख्वाह कराहत से, दोनों ने अर्ज़ की हम ख़़ुशी ख़़ुशी हाज़िर हैं |
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4230 | 41 | 12 | فقضاهن سبع سماوات في يومين وأوحى في كل سماء أمرها وزينا السماء الدنيا بمصابيح وحفظا ذلك تقدير العزيز العليم |
| | | (और हुक्म के पाबन्द हैं) फिर उसने दोनों में उस (धुएँ) के सात आसमान बनाए और हर आसमान में उसके (इन्तेज़ाम) का हुक्म (कार कुनान कज़ा व क़दर के पास) भेज दिया और हमने नीचे वाले आसमान को (सितारों के) चिराग़ों से मज़य्यन किया और (शैतानों से महफूज़) रखा ये वाक़िफ़कार ग़ालिब ख़ुदा के (मुक़र्रर किए हुए) अन्दाज़ हैं |
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4231 | 41 | 13 | فإن أعرضوا فقل أنذرتكم صاعقة مثل صاعقة عاد وثمود |
| | | फिर अगर हम पर भी ये कुफ्फार मुँह फेरें तो कह दो कि मैं तुम को ऐसी बिजली गिरने (के अज़ाब से) डराता हूँ जैसी क़ौम आद व समूद की बिजली की कड़क |
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4232 | 41 | 14 | إذ جاءتهم الرسل من بين أيديهم ومن خلفهم ألا تعبدوا إلا الله قالوا لو شاء ربنا لأنزل ملائكة فإنا بما أرسلتم به كافرون |
| | | जब उनके पास उनके आगे से और पीछे से पैग़म्बर (ये ख़बर लेकर) आए कि ख़ुदा के सिवा किसी की इबादत न करो तो कहने लगे कि अगर हमारा परवरदिगार चाहता तो फ़रिश्ते नाज़िल करता और जो (बातें) देकर तुम लोग भेजे गए हो हम तो उसे नहीं मानते |
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4233 | 41 | 15 | فأما عاد فاستكبروا في الأرض بغير الحق وقالوا من أشد منا قوة أولم يروا أن الله الذي خلقهم هو أشد منهم قوة وكانوا بآياتنا يجحدون |
| | | तो आद नाहक़ रूए ज़मीन में ग़ुरूर करने लगे और कहने लगे कि हम से बढ़ के क़ूवत में कौन है, क्या उन लोगों ने इतना भी ग़ौर न किया कि ख़ुदा जिसने उनको पैदा किया है वह उनसे क़ूवत में कहीं बढ़ के है, ग़रज़ वह लोग हमारी आयतों से इन्कार ही करते रहे |
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4234 | 41 | 16 | فأرسلنا عليهم ريحا صرصرا في أيام نحسات لنذيقهم عذاب الخزي في الحياة الدنيا ولعذاب الآخرة أخزى وهم لا ينصرون |
| | | तो हमने भी (तो उनके) नहूसत के दिनों में उन पर बड़ी ज़ोरों की ऑंधी चलाई ताकि दुनिया की ज़िन्दगी में भी उनको रूसवाई के अज़ाब का मज़ा चखा दें और आखेरत का अज़ाब तो और ज्यादा रूसवा करने वाला ही होगा और (फिर) उनको कहीं से मदद भी न मिलेगी |
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