بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
4225417الذين لا يؤتون الزكاة وهم بالآخرة هم كافرون
जो ज़कात नहीं देते और आखेरत के भी क़ायल नहीं
4226418إن الذين آمنوا وعملوا الصالحات لهم أجر غير ممنون
बेशक जो लोग ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करते रहे और उनके लिए वह सवाब है जो कभी ख़त्म होने वाला नहीं
4227419قل أئنكم لتكفرون بالذي خلق الأرض في يومين وتجعلون له أندادا ذلك رب العالمين
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि क्या तुम उस (ख़ुदा) से इन्कार करते हो जिसने ज़मीन को दो दिन में पैदा किया और तुम (औरों को) उसका हमसर बनाते हो, यही तो सारे जहाँ का सरपरस्त है
42284110وجعل فيها رواسي من فوقها وبارك فيها وقدر فيها أقواتها في أربعة أيام سواء للسائلين
और उसी ने ज़मीन में उसके ऊपर से पहाड़ पैदा किए और उसी ने इसमें बरकत अता की और उसी ने एक मुनासिब अन्दाज़ पर इसमें सामाने माईशत का बन्दोबस्त किया (ये सब कुछ) चार दिन में और तमाम तलबगारों के लिए बराबर है
42294111ثم استوى إلى السماء وهي دخان فقال لها وللأرض ائتيا طوعا أو كرها قالتا أتينا طائعين
फिर आसमान की तरफ मुतावज्जे हुआ और (उस वक्त) धुएँ (का सा) था उसने उससे और ज़मीन से फरमाया कि तुम दोनों आओ ख़़ुशी से ख्वाह कराहत से, दोनों ने अर्ज़ की हम ख़़ुशी ख़़ुशी हाज़िर हैं
42304112فقضاهن سبع سماوات في يومين وأوحى في كل سماء أمرها وزينا السماء الدنيا بمصابيح وحفظا ذلك تقدير العزيز العليم
(और हुक्म के पाबन्द हैं) फिर उसने दोनों में उस (धुएँ) के सात आसमान बनाए और हर आसमान में उसके (इन्तेज़ाम) का हुक्म (कार कुनान कज़ा व क़दर के पास) भेज दिया और हमने नीचे वाले आसमान को (सितारों के) चिराग़ों से मज़य्यन किया और (शैतानों से महफूज़) रखा ये वाक़िफ़कार ग़ालिब ख़ुदा के (मुक़र्रर किए हुए) अन्दाज़ हैं
42314113فإن أعرضوا فقل أنذرتكم صاعقة مثل صاعقة عاد وثمود
फिर अगर हम पर भी ये कुफ्फार मुँह फेरें तो कह दो कि मैं तुम को ऐसी बिजली गिरने (के अज़ाब से) डराता हूँ जैसी क़ौम आद व समूद की बिजली की कड़क
42324114إذ جاءتهم الرسل من بين أيديهم ومن خلفهم ألا تعبدوا إلا الله قالوا لو شاء ربنا لأنزل ملائكة فإنا بما أرسلتم به كافرون
जब उनके पास उनके आगे से और पीछे से पैग़म्बर (ये ख़बर लेकर) आए कि ख़ुदा के सिवा किसी की इबादत न करो तो कहने लगे कि अगर हमारा परवरदिगार चाहता तो फ़रिश्ते नाज़िल करता और जो (बातें) देकर तुम लोग भेजे गए हो हम तो उसे नहीं मानते
42334115فأما عاد فاستكبروا في الأرض بغير الحق وقالوا من أشد منا قوة أولم يروا أن الله الذي خلقهم هو أشد منهم قوة وكانوا بآياتنا يجحدون
तो आद नाहक़ रूए ज़मीन में ग़ुरूर करने लगे और कहने लगे कि हम से बढ़ के क़ूवत में कौन है, क्या उन लोगों ने इतना भी ग़ौर न किया कि ख़ुदा जिसने उनको पैदा किया है वह उनसे क़ूवत में कहीं बढ़ के है, ग़रज़ वह लोग हमारी आयतों से इन्कार ही करते रहे
42344116فأرسلنا عليهم ريحا صرصرا في أيام نحسات لنذيقهم عذاب الخزي في الحياة الدنيا ولعذاب الآخرة أخزى وهم لا ينصرون
तो हमने भी (तो उनके) नहूसत के दिनों में उन पर बड़ी ज़ोरों की ऑंधी चलाई ताकि दुनिया की ज़िन्दगी में भी उनको रूसवाई के अज़ाब का मज़ा चखा दें और आखेरत का अज़ाब तो और ज्यादा रूसवा करने वाला ही होगा और (फिर) उनको कहीं से मदद भी न मिलेगी


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