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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4210 | 40 | 77 | فاصبر إن وعد الله حق فإما نرينك بعض الذي نعدهم أو نتوفينك فإلينا يرجعون |
| | | तो (ऐ रसूल) तुम सब्र करो ख़ुदा का वायदा यक़ीनी सच्चा है तो जिस (अज़ाब) की हम उन्हें धमकी देते हैं अगर हम तुमको उसमें कुछ दिखा दें या तुम ही को (इसके क़ब्ल) दुनिया से उठा लें तो (आख़िर फिर) उनको हमारी तरफ लौट कर आना है, |
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4211 | 40 | 78 | ولقد أرسلنا رسلا من قبلك منهم من قصصنا عليك ومنهم من لم نقصص عليك وما كان لرسول أن يأتي بآية إلا بإذن الله فإذا جاء أمر الله قضي بالحق وخسر هنالك المبطلون |
| | | और तुमसे पहले भी हमने बहुत से पैग़म्बर भेजे उनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिनके हालात हमने तुमसे बयान कर दिए, और कुछ ऐसे हैं जिनके हालात तुमसे नहीं दोहराए और किसी पैग़म्बर की ये मजाल न थी कि ख़ुदा के ऐख्तेयार दिए बग़ैर कोई मौजिज़ा दिखा सकें फिर जब ख़ुदा का हुक्म (अज़ाब) आ पहुँचा तो ठीक ठीक फैसला कर दिया गया और अहले बातिल ही इस घाटे में रहे, |
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4212 | 40 | 79 | الله الذي جعل لكم الأنعام لتركبوا منها ومنها تأكلون |
| | | ख़ुदा ही तो वह है जिसने तुम्हारे लिए चारपाए पैदा किए ताकि तुम उनमें से किसी पर सवार होते हो और किसी को खाते हो |
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4213 | 40 | 80 | ولكم فيها منافع ولتبلغوا عليها حاجة في صدوركم وعليها وعلى الفلك تحملون |
| | | और तुम्हारे लिए उनमें (और भी) फायदे हैं और ताकि तुम उन पर (चढ़ कर) अपनी दिली मक़सद तक पहुँचो और उन पर और (नीज़) कश्तियों पर सवार फिरते हो |
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4214 | 40 | 81 | ويريكم آياته فأي آيات الله تنكرون |
| | | और वह तुमको अपनी (कुदरत की) निशानियाँ दिखाता है तो तुम ख़ुदा की किन किन निशानियों को न मानोगे |
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4215 | 40 | 82 | أفلم يسيروا في الأرض فينظروا كيف كان عاقبة الذين من قبلهم كانوا أكثر منهم وأشد قوة وآثارا في الأرض فما أغنى عنهم ما كانوا يكسبون |
| | | तो क्या ये लोग रूए ज़मीन पर चले फिरे नहीं, तो देखते कि जो लोग इनसे पहले थे उनका क्या अंजाम हुआ, जो उनसे (तादाद में) कहीं ज्यादा थे और क़ूवत और ज़मीन पर (अपनी) निशानियाँ (यादगारें) छोड़ने में भी कहीं बढ़ चढ़ कर थे तो जो कुछ उन लोगों ने किया कराया था उनके कुछ भी काम न आया |
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4216 | 40 | 83 | فلما جاءتهم رسلهم بالبينات فرحوا بما عندهم من العلم وحاق بهم ما كانوا به يستهزئون |
| | | फिर जब उनके पैग़म्बर उनके पास वाज़ेए व रौशन मौजिज़े ले कर आए तो जो इल्म (अपने ख्याल में) उनके पास था उस पर नाज़िल हुए और जिस (अज़ाब) की ये लोग हँसी उड़ाते थे उसी ने उनको चारों तरफ से घेर लिया |
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4217 | 40 | 84 | فلما رأوا بأسنا قالوا آمنا بالله وحده وكفرنا بما كنا به مشركين |
| | | तो जब इन लोगों ने हमारे अज़ाब को देख लिया तो कहने लगे, हम यकता ख़ुदा पर ईमान लाए और जिस चीज़ को हम उसका शरीक बनाते थे हम उनको नहीं मानते |
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4218 | 40 | 85 | فلم يك ينفعهم إيمانهم لما رأوا بأسنا سنت الله التي قد خلت في عباده وخسر هنالك الكافرون |
| | | तो जब उन लोगों ने हमारा (अज़ाब) आते देख लिया तो अब उनका ईमान लाना कुछ भी फायदेमन्द नहीं हो सकता (ये) ख़ुदा की आदत (है) जो अपने बन्दों के बारे में (सदा से) चली आती है और काफ़िर लोग इस वक्त घाटे मे रहे |
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4219 | 41 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم حم |
| | | हा मीम |
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