بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
42054072في الحميم ثم في النار يسجرون
वे खौलते हुए पानी में घसीटे जाएँगे, फिर आग में झोंक दिए जाएँगे
42064073ثم قيل لهم أين ما كنتم تشركون
फिर उनसे कहा जाएगा, "कहाँ है वे जिन्हें प्रभुत्व में साझी ठहराकर तुम अल्लाह के सिवा पूजते थे?"
42074074من دون الله قالوا ضلوا عنا بل لم نكن ندعو من قبل شيئا كذلك يضل الله الكافرين
वे कहेंगे, "वे हमसे गुम होकर रह गए, बल्कि हम इससे पहले किसी चीज़ को नहीं पुकारते थे।" इसी प्रकार अल्लाह इनकार करनेवालों को भटकता छोड़ देता है
42084075ذلكم بما كنتم تفرحون في الأرض بغير الحق وبما كنتم تمرحون
"यह इसलिए कि तुम धरती में नाहक़ मग्न थे और इसलिए कि तुम इतराते रहे हो
42094076ادخلوا أبواب جهنم خالدين فيها فبئس مثوى المتكبرين
प्रवेश करो जहन्नम के द्वारों में, उसमे सदैव रहने के लिए।" अतः बहुत ही बुरा ठिकाना है अहंकारियों का!
42104077فاصبر إن وعد الله حق فإما نرينك بعض الذي نعدهم أو نتوفينك فإلينا يرجعون
अतः धैर्य से काम लो। निश्चय ही अल्लाह का वादा सच्चा है। तो जिस चीज़ की हम उन्हें धमकी दे रहे है उसमें से कुछ यदि हम तुम्हें दिखा दें या हम तुम्हे उठा लें, हर हाल में उन्हें लौटना तो हमारी ही ओर है
42114078ولقد أرسلنا رسلا من قبلك منهم من قصصنا عليك ومنهم من لم نقصص عليك وما كان لرسول أن يأتي بآية إلا بإذن الله فإذا جاء أمر الله قضي بالحق وخسر هنالك المبطلون
हम तुमसे पहले कितने ही रसूल भेज चुके है। उनमें से कुछ तो वे है जिनके वृत्तान्त का उल्लेख हमने तुमसे किया है और उनमें ऐसे भी है जिनके वृत्तान्त का उल्लेख हमने तुमसे नहीं किया। किसी रसूल को भी यह सामर्थ्य प्राप्त न थी कि वह अल्लाह की अनुज्ञा के बिना कोई निशानी ले आए। फिर जब अल्लाह का आदेश आ जाता है तो ठीक-ठीक फ़ैसला कर दिया जाता है। और उस समय झूठवाले घाटे में पड़ जाते है
42124079الله الذي جعل لكم الأنعام لتركبوا منها ومنها تأكلون
अल्लाह ही है जिसने तुम्हारे लिए चौपाए बनाए ताकि उनमें से कुछ पर तुम सवारी करो और उनमें से कुछ को तुम खाते भी हो
42134080ولكم فيها منافع ولتبلغوا عليها حاجة في صدوركم وعليها وعلى الفلك تحملون
उनमें तुम्हारे लिए और भी फ़ायदे है - और ताकि उनके द्वारा तुम उस आवश्यकता की पूर्ति कर सको जो तुम्हारे सीनों में हो, और उनपर भी और नौकाओं पर भी सवार होते हो
42144081ويريكم آياته فأي آيات الله تنكرون
और वह तुम्हें अपनी निशानियाँ दिखाता है। आख़िर तुम अल्लाह की कौन-सी निशानी को नहीं पहचानते?


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