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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4204 | 40 | 71 | إذ الأغلال في أعناقهم والسلاسل يسحبون |
| | | जब (भारी भारी) तौक़ और ज़ंजीरें उनकी गर्दनों में होंगी (और पहले) खौलते हुए पानी में घसीटे जाएँगे |
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4205 | 40 | 72 | في الحميم ثم في النار يسجرون |
| | | फिर (जहन्नुम की) आग में झोंक दिए जाएँगे |
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4206 | 40 | 73 | ثم قيل لهم أين ما كنتم تشركون |
| | | फिर उनसे पूछा जाएगा कि ख़ुदा के सिवा जिनको (उसका) शरीक बनाते थे |
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4207 | 40 | 74 | من دون الله قالوا ضلوا عنا بل لم نكن ندعو من قبل شيئا كذلك يضل الله الكافرين |
| | | (इस वक्त) क़हाँ हैं वह कहेंगे अब तो वह हमसे जाते रहे बल्कि (सच यूँ है कि) हम तो पहले ही से (ख़ुदा के सिवा) किसी चीज़ की परसतिश न करते थे यूँ ख़ुदा काफिरों को बौखला देगा |
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4208 | 40 | 75 | ذلكم بما كنتم تفرحون في الأرض بغير الحق وبما كنتم تمرحون |
| | | (कि कुछ समझ में न आएगा) ये उसकी सज़ा है कि तुम दुनिया में नाहक (बात पर) निहाल थे और इसकी सज़ा है कि तुम इतराया करते थे |
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4209 | 40 | 76 | ادخلوا أبواب جهنم خالدين فيها فبئس مثوى المتكبرين |
| | | अब जहन्नुम के दरवाज़े में दाख़िल हो जाओ (और) हमेशा उसी में (पड़े) रहो, ग़रज़ तकब्बुर करने वालों का भी (क्या) बुरा ठिकाना है |
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4210 | 40 | 77 | فاصبر إن وعد الله حق فإما نرينك بعض الذي نعدهم أو نتوفينك فإلينا يرجعون |
| | | तो (ऐ रसूल) तुम सब्र करो ख़ुदा का वायदा यक़ीनी सच्चा है तो जिस (अज़ाब) की हम उन्हें धमकी देते हैं अगर हम तुमको उसमें कुछ दिखा दें या तुम ही को (इसके क़ब्ल) दुनिया से उठा लें तो (आख़िर फिर) उनको हमारी तरफ लौट कर आना है, |
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4211 | 40 | 78 | ولقد أرسلنا رسلا من قبلك منهم من قصصنا عليك ومنهم من لم نقصص عليك وما كان لرسول أن يأتي بآية إلا بإذن الله فإذا جاء أمر الله قضي بالحق وخسر هنالك المبطلون |
| | | और तुमसे पहले भी हमने बहुत से पैग़म्बर भेजे उनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिनके हालात हमने तुमसे बयान कर दिए, और कुछ ऐसे हैं जिनके हालात तुमसे नहीं दोहराए और किसी पैग़म्बर की ये मजाल न थी कि ख़ुदा के ऐख्तेयार दिए बग़ैर कोई मौजिज़ा दिखा सकें फिर जब ख़ुदा का हुक्म (अज़ाब) आ पहुँचा तो ठीक ठीक फैसला कर दिया गया और अहले बातिल ही इस घाटे में रहे, |
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4212 | 40 | 79 | الله الذي جعل لكم الأنعام لتركبوا منها ومنها تأكلون |
| | | ख़ुदा ही तो वह है जिसने तुम्हारे लिए चारपाए पैदा किए ताकि तुम उनमें से किसी पर सवार होते हो और किसी को खाते हो |
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4213 | 40 | 80 | ولكم فيها منافع ولتبلغوا عليها حاجة في صدوركم وعليها وعلى الفلك تحملون |
| | | और तुम्हारे लिए उनमें (और भी) फायदे हैं और ताकि तुम उन पर (चढ़ कर) अपनी दिली मक़सद तक पहुँचो और उन पर और (नीज़) कश्तियों पर सवार फिरते हो |
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