بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
41884055فاصبر إن وعد الله حق واستغفر لذنبك وسبح بحمد ربك بالعشي والإبكار
(ऐ रसूल) तुम (उनकी शरारत) पर सब्र करो बेशक ख़ुदा का वायदा सच्चा है, और अपने (उम्मत की) गुनाहों की माफी माँगो और सुबह व शाम अपने परवरदिगार की हम्द व सना के साथ तसबीह करते रहो
41894056إن الذين يجادلون في آيات الله بغير سلطان أتاهم إن في صدورهم إلا كبر ما هم ببالغيه فاستعذ بالله إنه هو السميع البصير
जिन लोगों के पास (ख़ुदा की तरफ से) कोई दलील तो आयी नहीं और (फिर) वह ख़ुदा की आयतों में (ख्वाह मा ख्वाह) झगड़े निकालते हैं, उनके दिल में बुराई (की बेजां हवस) के सिवा कुछ नहीं हालाँकि वह लोग उस तक कभी पहुँचने वाले नहीं तो तुम बस ख़ुदा की पनाह माँगते रहो बेशक वह बड़ा सुनने वाला (और) देखने वाला है
41904057لخلق السماوات والأرض أكبر من خلق الناس ولكن أكثر الناس لا يعلمون
सारे आसमान और ज़मीन का पैदा करना लोगों के पैदा करने की ये निस्बत यक़ीनी बड़ा (काम) है मगर अक्सर लोग (इतना भी) नहीं जानते
41914058وما يستوي الأعمى والبصير والذين آمنوا وعملوا الصالحات ولا المسيء قليلا ما تتذكرون
और अंधा और ऑंख वाला (दोनों) बराबर नहीं हो सकते और न मोमिनीन जिन्होने अच्छे काम किए और न बदकार (ही) बराबर हो सकते हैं बात ये है कि तुम लोग बहुत कम ग़ौर करते हो, कयामत तो ज़रूर आने वाली है
41924059إن الساعة لآتية لا ريب فيها ولكن أكثر الناس لا يؤمنون
इसमें किसी तरह का शक नहीं मगर अक्सर लोग (इस पर भी) ईमान नहीं रखते
41934060وقال ربكم ادعوني أستجب لكم إن الذين يستكبرون عن عبادتي سيدخلون جهنم داخرين
और तुम्हारा परवरदिगार इरशाद फ़रमाता है कि तुम मुझसे दुआएं माँगों मैं तुम्हारी (दुआ) क़ुबूल करूँगा जो लोग हमारी इबादत से अकड़ते हैं वह अनक़रीब ही ज़लील व ख्वार हो कर यक़ीनन जहन्नुम वासिल होंगे
41944061الله الذي جعل لكم الليل لتسكنوا فيه والنهار مبصرا إن الله لذو فضل على الناس ولكن أكثر الناس لا يشكرون
ख़ुदा ही तो है जिसने तुम्हारे वास्ते रात बनाई ताकि तुम उसमें आराम करो और दिन को रौशन (बनाया) तकि काम करो बेशक ख़ुदा लोगों परा बड़ा फज़ल व करम वाला है, मगर अक्सर लोग उसका शुक्र नहीं अदा करते
41954062ذلكم الله ربكم خالق كل شيء لا إله إلا هو فأنى تؤفكون
यही ख़ुदा तुम्हारा परवरदिगार है जो हर चीज़ का ख़ालिक़ है, और उसके सिवा कोई माबूद नहीं, फिर तुम कहाँ बहके जा रहे हो
41964063كذلك يؤفك الذين كانوا بآيات الله يجحدون
जो लोग ख़ुदा की आयतों से इन्कार रखते थे वह इसी तरह भटक रहे थे
41974064الله الذي جعل لكم الأرض قرارا والسماء بناء وصوركم فأحسن صوركم ورزقكم من الطيبات ذلكم الله ربكم فتبارك الله رب العالمين
अल्लाह ही तो है जिसने तुम्हारे वास्ते ज़मीन को ठहरने की जगह और आसमान को छत बनाया और उसी ने तुम्हारी सूरतें बनायीं तो अच्छी सूरतें बनायीं और उसी ने तुम्हें साफ सुथरी चीज़ें खाने को दीं यही अल्लाह तो तुम्हारा परवरदिगार है तो ख़ुदा बहुत ही मुतबर्रिक है जो सारे जहाँन का पालने वाला है


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