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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4175 | 40 | 42 | تدعونني لأكفر بالله وأشرك به ما ليس لي به علم وأنا أدعوكم إلى العزيز الغفار |
| | | तुम मुझे बुलाते हो कि मै ख़ुदा के साथ कुफ्र करूं और उस चीज़ को उसका शरीक बनाऊ जिसका मुझे इल्म में भी नहीं, और मैं तुम्हें ग़ालिब (और) बड़े बख्शने वाले ख़ुदा की तरफ बुलाता हूँ |
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4176 | 40 | 43 | لا جرم أنما تدعونني إليه ليس له دعوة في الدنيا ولا في الآخرة وأن مردنا إلى الله وأن المسرفين هم أصحاب النار |
| | | बेशक तुम जिस चीज़ की तरफ़ मुझे बुलाते हो वह न तो दुनिया ही में पुकारे जाने के क़ाबिल है और न आख़िरत में और आख़िर में हम सबको ख़ुदा ही की तरफ लौट कर जाना है और इसमें तो शक ही नहीं कि हद से बढ़ जाने वाले जहन्नुमी हैं |
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4177 | 40 | 44 | فستذكرون ما أقول لكم وأفوض أمري إلى الله إن الله بصير بالعباد |
| | | तो जो मैं तुमसे कहता हूँ अनक़रीब ही उसे याद करोगे और मैं तो अपना काम ख़ुदा ही को सौंपे देता हूँ कुछ शक नहीं की ख़ुदा बन्दों ( के हाल ) को ख़ूब देख रहा है |
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4178 | 40 | 45 | فوقاه الله سيئات ما مكروا وحاق بآل فرعون سوء العذاب |
| | | तो ख़ुदा ने उसे उनकी तद्बीरों की बुराई से महफूज़ रखा और फिरऔनियों को बड़े अज़ाब ने ( हर तरफ ) से घेर लिया |
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4179 | 40 | 46 | النار يعرضون عليها غدوا وعشيا ويوم تقوم الساعة أدخلوا آل فرعون أشد العذاب |
| | | और अब तो कब्र में दोज़ख़ की आग है कि वह लोग (हर) सुबह व शाम उसके सामने ला खड़े किए जाते हैं और जिस दिन क़यामत बरपा होगी (हुक्म होगा) फिरऔन के लोगों को सख्त से सख्त अज़ाब में झोंक दो |
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4180 | 40 | 47 | وإذ يتحاجون في النار فيقول الضعفاء للذين استكبروا إنا كنا لكم تبعا فهل أنتم مغنون عنا نصيبا من النار |
| | | और ये लोग जिस वक्त ज़हन्नुम में बाहम झगड़ेंगें तो कम हैसियत लोग बड़े आदमियों से कहेंगे कि हम तुम्हारे ताबे थे तो क्या तुम इस वक्त (दोज़ख़ की) आग का कुछ हिस्सा हमसे हटा सकते हो |
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4181 | 40 | 48 | قال الذين استكبروا إنا كل فيها إن الله قد حكم بين العباد |
| | | तो बड़े लोग कहेंगें (अब तो) हम (तुम) सबके सब आग में पड़े हैं ख़ुदा (को) तो बन्दों के बारे में (जो कुछ) फैसला (करना था) कर चुका |
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4182 | 40 | 49 | وقال الذين في النار لخزنة جهنم ادعوا ربكم يخفف عنا يوما من العذاب |
| | | और जो लोग आग में (जल रहे) होंगे जहन्नुम के दरोग़ाओं से दरख्वास्त करेंगे कि अपने परवरदिगार से अर्ज़ करो कि एक दिन तो हमारे अज़ाब में तख़फ़ीफ़ कर दें |
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4183 | 40 | 50 | قالوا أولم تك تأتيكم رسلكم بالبينات قالوا بلى قالوا فادعوا وما دعاء الكافرين إلا في ضلال |
| | | वह जवाब देंगे कि क्या तुम्हारे पास तुम्हारे पैग़म्बर साफ व रौशन मौजिज़े लेकर नहीं आए थे वह कहेंगे (हाँ) आए तो थे, तब फरिश्ते तो कहेंगे फिर तुम ख़़ुद (क्यों) न दुआ करो, हालाँकि काफ़िरों की दुआ तो बस बेकार ही है |
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4184 | 40 | 51 | إنا لننصر رسلنا والذين آمنوا في الحياة الدنيا ويوم يقوم الأشهاد |
| | | हम अपने पैग़म्बरों की और ईमान वालों की दुनिया की ज़िन्दगी में भी ज़रूर मदद करेंगे और जिस दिन गवाह (पैग़म्बर फरिश्ते गवाही को) उठ खड़े होंगे |
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