نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4162 | 40 | 29 | يا قوم لكم الملك اليوم ظاهرين في الأرض فمن ينصرنا من بأس الله إن جاءنا قال فرعون ما أريكم إلا ما أرى وما أهديكم إلا سبيل الرشاد |
| | | ऐ मेरी क़ौम के लोगो! आज तुम्हारी बादशाही है। धरती में प्रभावी हो। किन्तु अल्लाह की यातना के मुक़ाबले में कौन हमारी सहायता करेगा, यदि वह हम पर आ जाए?" फ़िरऔन ने कहा, "मैं तो तुम्हें बस वही दिखा रहा हूँ जो मैं स्वयं देख रहा हूँ और मैं तुम्हें बस ठीक रास्ता दिखा रहा हूँ, जो बुद्धिसंगत भी है।" |
|
4163 | 40 | 30 | وقال الذي آمن يا قوم إني أخاف عليكم مثل يوم الأحزاب |
| | | उस व्यक्ति ने, जो ईमान ला चुका था, कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मुझे भय है कि तुमपर (विनाश का) ऐसा दिन न आ पड़े, जैसा दूसरे विगत समुदायों पर आ पड़ा था। |
|
4164 | 40 | 31 | مثل دأب قوم نوح وعاد وثمود والذين من بعدهم وما الله يريد ظلما للعباد |
| | | जैसे नूह की क़ौम और आद और समूद और उनके पश्चात्वर्ती लोगों का हाल हुआ। अल्लाह तो ऐसा नहीं कि बन्दों पर कोई ज़ुल्म करना चाहे |
|
4165 | 40 | 32 | ويا قوم إني أخاف عليكم يوم التناد |
| | | और ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मुझे तुम्हारे बारे में चीख़-पुकार के दिन का भय है, |
|
4166 | 40 | 33 | يوم تولون مدبرين ما لكم من الله من عاصم ومن يضلل الله فما له من هاد |
| | | जिस दिन तुम पीठ फेरकर भागोगे, तुम्हें अल्लाह से बचानेवाला कोई न होगा - और जिसे अल्लाह ही भटका दे उसे मार्ग दिखानेवाला कोई नहीं। - |
|
4167 | 40 | 34 | ولقد جاءكم يوسف من قبل بالبينات فما زلتم في شك مما جاءكم به حتى إذا هلك قلتم لن يبعث الله من بعده رسولا كذلك يضل الله من هو مسرف مرتاب |
| | | हमने पहले भी तुम्हारे पास यूसुफ़ खुले प्रमाण लेकर आ चुके है, किन्तु जो कुछ वे लेकर तुम्हारे पास आए थे, उसके बारे में तुम बराबर सन्देह में पड़े रहे, यहाँ तक कि जब उनकी मृत्यु हो गई तो तुम कहने लगे, "अल्लाह उनके पश्चात कदापि कोई रसूल न भेजेगा।" इसी प्रकार अल्लाह उसे गुमराही में डाल देता है जो मर्यादाहीन, सन्देहों में पड़नेवाला हो। - |
|
4168 | 40 | 35 | الذين يجادلون في آيات الله بغير سلطان أتاهم كبر مقتا عند الله وعند الذين آمنوا كذلك يطبع الله على كل قلب متكبر جبار |
| | | ऐसे लोगो को (गुमराही में डालता है) जो अल्लाह की आयतों में झगड़ते है, बिना इसके कि उनके पास कोई प्रमाण आया हो, अल्लाह की दृष्टि) में और उन लोगों की दृष्टि में जो ईमान लाए यह (बात) अत्यन्त अप्रिय है। इसी प्रकार अल्लाह हर अहंकारी, निर्दय- अत्याचारी के दिल पर मुहर लगा देता है। - |
|
4169 | 40 | 36 | وقال فرعون يا هامان ابن لي صرحا لعلي أبلغ الأسباب |
| | | फ़िरऔन ने कहा, "ऐ हामान! मेरे एक उच्च भवन बना, ताकि मैं साधनों तक पहुँच सकूँ, |
|
4170 | 40 | 37 | أسباب السماوات فأطلع إلى إله موسى وإني لأظنه كاذبا وكذلك زين لفرعون سوء عمله وصد عن السبيل وما كيد فرعون إلا في تباب |
| | | आकाशों को साधनों (और क्षत्रों) तक। फिर मूसा के पूज्य को झाँककर देखूँ। मैं तो उसे झूठा ही समझता हूँ।" इस प्रकार फ़िरऔन को लिए उसका दुष्कर्म सुहाना बना दिया गया और उसे मार्ग से रोक दिया गया। फ़िरऔन की चाल तो बस तबाही के सिलसिले में रही |
|
4171 | 40 | 38 | وقال الذي آمن يا قوم اتبعون أهدكم سبيل الرشاد |
| | | उस व्यक्ति ने, जो ईमान लाया था, कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मेरा अनुसरण करो, मैं तुम्हे भलाई का ठीक रास्ता दिखाऊँगा |
|