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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4156 | 40 | 23 | ولقد أرسلنا موسى بآياتنا وسلطان مبين |
| | | और हमने मूसा को भी अपनी निशानियों और स्पष्ट प्रमाण के साथ |
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4157 | 40 | 24 | إلى فرعون وهامان وقارون فقالوا ساحر كذاب |
| | | फ़िरऔन औऱ हामान और क़ारून की ओर भेजा था, किन्तु उन्होंने कहा, "यह तो जादूगर है, बड़ा झूठा!" |
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4158 | 40 | 25 | فلما جاءهم بالحق من عندنا قالوا اقتلوا أبناء الذين آمنوا معه واستحيوا نساءهم وما كيد الكافرين إلا في ضلال |
| | | फिर जब वह उनके सामने हमारे पास से सत्य लेकर आया तो उन्होंने कहा, "जो लोग ईमान लेकर उसके साथ है, उनके बेटों को मार डालो औऱ उनकी स्त्रियों को जीवित छोड़ दो।" किन्तु इनकार करनेवालों की चाल तो भटकने ही के लिए होती है |
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4159 | 40 | 26 | وقال فرعون ذروني أقتل موسى وليدع ربه إني أخاف أن يبدل دينكم أو أن يظهر في الأرض الفساد |
| | | फ़िरऔन ने कहा, "मुझे छोड़ो, मैं मूसा को मार डालूँ और उसे चाहिए कि वह अपने रब को (अपनी सहायता के लिए) पुकारे। मुझे डर है कि ऐसा न हो कि वह तुम्हारे धर्म को बदल डाले या यह कि वह देश में बिगाड़ पैदा करे।" |
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4160 | 40 | 27 | وقال موسى إني عذت بربي وربكم من كل متكبر لا يؤمن بيوم الحساب |
| | | मूसा ने कहा, "मैंने हर अहंकारी के मुक़ाबले में, जो हिसाब के दिन पर ईमान नहीं रखता, अपने रब और तुम्हारे रब की शरण ले ली है।" |
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4161 | 40 | 28 | وقال رجل مؤمن من آل فرعون يكتم إيمانه أتقتلون رجلا أن يقول ربي الله وقد جاءكم بالبينات من ربكم وإن يك كاذبا فعليه كذبه وإن يك صادقا يصبكم بعض الذي يعدكم إن الله لا يهدي من هو مسرف كذاب |
| | | फ़िरऔन के लोगों में से एक ईमानवाले व्यक्ति ने, जो अपने ईमान को छिपा रहा था, कहा, "क्या तुम एक ऐसे व्यक्ति को इसलिए मार डालोगे कि वह कहता है कि मेरा रब अल्लाह है और वह तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से खुले प्रमाण भी लेकर आया है? यदि वह झूठा है तो उसके झूठ का वबाल उसी पर पड़ेगा। किन्तु यदि वह सच्चा है तो जिस चीज़ की वह तुम्हें धमकी दे रहा है, उसमें से कुछ न कुछ तो तुमपर पड़कर रहेगा। निश्चय ही अल्लाह उसको मार्ग नहीं दिखाता जो मर्यादाहीन, बड़ा झूठा हो |
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4162 | 40 | 29 | يا قوم لكم الملك اليوم ظاهرين في الأرض فمن ينصرنا من بأس الله إن جاءنا قال فرعون ما أريكم إلا ما أرى وما أهديكم إلا سبيل الرشاد |
| | | ऐ मेरी क़ौम के लोगो! आज तुम्हारी बादशाही है। धरती में प्रभावी हो। किन्तु अल्लाह की यातना के मुक़ाबले में कौन हमारी सहायता करेगा, यदि वह हम पर आ जाए?" फ़िरऔन ने कहा, "मैं तो तुम्हें बस वही दिखा रहा हूँ जो मैं स्वयं देख रहा हूँ और मैं तुम्हें बस ठीक रास्ता दिखा रहा हूँ, जो बुद्धिसंगत भी है।" |
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4163 | 40 | 30 | وقال الذي آمن يا قوم إني أخاف عليكم مثل يوم الأحزاب |
| | | उस व्यक्ति ने, जो ईमान ला चुका था, कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मुझे भय है कि तुमपर (विनाश का) ऐसा दिन न आ पड़े, जैसा दूसरे विगत समुदायों पर आ पड़ा था। |
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4164 | 40 | 31 | مثل دأب قوم نوح وعاد وثمود والذين من بعدهم وما الله يريد ظلما للعباد |
| | | जैसे नूह की क़ौम और आद और समूद और उनके पश्चात्वर्ती लोगों का हाल हुआ। अल्लाह तो ऐसा नहीं कि बन्दों पर कोई ज़ुल्म करना चाहे |
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4165 | 40 | 32 | ويا قوم إني أخاف عليكم يوم التناد |
| | | और ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मुझे तुम्हारे बारे में चीख़-पुकार के दिन का भय है, |
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