بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
41303972قيل ادخلوا أبواب جهنم خالدين فيها فبئس مثوى المتكبرين
(तब उनसे) कहा जाएगा कि जहन्नुम के दरवाज़ों में धँसो और हमेशा इसी में रहो ग़रज़ तकब्बुर करने वाले का (भी) क्या बुरा ठिकाना है
41313973وسيق الذين اتقوا ربهم إلى الجنة زمرا حتى إذا جاءوها وفتحت أبوابها وقال لهم خزنتها سلام عليكم طبتم فادخلوها خالدين
और जो लोग अपने परवरदिगार से डरते थे वह गिर्दो गिर्दा (गिरोह गिरोह) बेहिश्त की तरफ़ (एजाज़ व इकराम से) बुलाए जाएगें यहाँ तक कि जब उसके पास पहुँचेगें और बेहिश्त के दरवाज़े खोल दिये जाएँगें और उसके निगेहबान उन से कहेंगें सलाम अलैकुम तुम अच्छे रहे, तुम बेहिश्त में हमेशा के लिए दाख़िल हो जाओ
41323974وقالوا الحمد لله الذي صدقنا وعده وأورثنا الأرض نتبوأ من الجنة حيث نشاء فنعم أجر العاملين
और ये लोग कहेंगें ख़ुदा का शुक्र जिसने अपना वायदा हमसे सच्चा कर दिखाया और हमें (बेहिश्त की) सरज़मीन का मालिक बनाया कि हम बेहिश्त में जहाँ चाहें रहें तो नेक चलन वालों की भी क्या ख़ूब (खरी) मज़दूरी है
41333975وترى الملائكة حافين من حول العرش يسبحون بحمد ربهم وقضي بينهم بالحق وقيل الحمد لله رب العالمين
और (उस दिन) फरिश्तों को देखोगे कि अर्श के गिर्दा गिर्द घेरे हुए डटे होंगे और अपने परवरदिगार की तारीफ की (तसबीह) कर रहे होंगे और लोगों के दरमियान ठीक फैसला कर दिया जाएगा और (हर तरफ से यही) सदा बुलन्द होगी अल्हमदो लिल्लाहे रब्बिल आलेमीन
4134401بسم الله الرحمن الرحيم حم
हा मीम
4135402تنزيل الكتاب من الله العزيز العليم
(इस) किताब (कुरान) का नाज़िल करना (ख़ास बारगाहे) ख़ुदा से है जो (सबसे) ग़ालिब बड़ा वाक़िफ़कार है
4136403غافر الذنب وقابل التوب شديد العقاب ذي الطول لا إله إلا هو إليه المصير
गुनाहों का बख्शने वाला और तौबा का क़ुबूल करने वाला सख्त अज़ाब देने वाला साहिबे फज़ल व करम है उसके सिवा कोई माबूद नहीं उसी की तरफ (सबको) लौट कर जाना है
4137404ما يجادل في آيات الله إلا الذين كفروا فلا يغررك تقلبهم في البلاد
ख़ुदा की आयतों में बस वही लोग झगड़े पैदा करते हैं जो काफिर हैं तो (ऐ रसूल) उन लोगों का शहरों (शहरों) घूमना फिरना और माल हासिल करना
4138405كذبت قبلهم قوم نوح والأحزاب من بعدهم وهمت كل أمة برسولهم ليأخذوه وجادلوا بالباطل ليدحضوا به الحق فأخذتهم فكيف كان عقاب
तुम्हें इस धोखे में न डाले (कि उन पर आज़ाब न होगा) इन के पहले नूह की क़ौम ने और उन के बाद और उम्मतों ने (अपने पैग़म्बरों को) झुठलाया और हर उम्मत ने अपने पैग़म्बरों के बारे में यही ठान लिया कि उन्हें गिरफ्तार कर (के क़त्ल कर डालें) और बेहूदा बातों की आड़ पकड़ कर लड़ने लगें - ताकि उसके ज़रिए से हक़ बात को उखाड़ फेंकें तो मैंने, उन्हें गिरफ्तार कर लिया फिर देखा कि उन पर (मेरा अज़ाब कैसा (सख्त हुआ)
4139406وكذلك حقت كلمت ربك على الذين كفروا أنهم أصحاب النار
और इसी तरह तुम्हारे परवरदिगार का अज़ाब का हुक्म (उन) काफ़िरों पर पूरा हो चुका है कि यह लोग यक़ीनी जहन्नुमी हैं


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