بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
40723914قل الله أعبد مخلصا له ديني
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं अपनी इबादत को उसी के वास्ते ख़ालिस करके खुदा ही की बन्दगी करता हूँ (अब रहे तुम) तो उसके सिवा जिसको चाहो पूजो
40733915فاعبدوا ما شئتم من دونه قل إن الخاسرين الذين خسروا أنفسهم وأهليهم يوم القيامة ألا ذلك هو الخسران المبين
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि फिल हक़ीक़त घाटे में वही लोग हैं जिन्होंने अपना और अपने लड़के वालों का क़यामत के दिन घाटा किया आगाह रहो कि सरीही (खुल्लम खुल्ला) घाटा यही है कि उनके लिए उनके ऊपर से आग ही के ओढ़ने होगें
40743916لهم من فوقهم ظلل من النار ومن تحتهم ظلل ذلك يخوف الله به عباده يا عباد فاتقون
और उनके नीचे भी (आग ही के) बिछौने ये वह अज़ाब है जिससे खुदा अपने बन्दों को डराता है तो ऐ मेरे बन्दों मुझी से डरते रहो
40753917والذين اجتنبوا الطاغوت أن يعبدوها وأنابوا إلى الله لهم البشرى فبشر عباد
और जो लोग बुतों से उनके पूजने से बचे रहे और ख़ुदा ही की तरफ रूजु की उनके लिए (जन्नत की) ख़ुशख़बरी है
40763918الذين يستمعون القول فيتبعون أحسنه أولئك الذين هداهم الله وأولئك هم أولو الألباب
तो (ऐ रसूल) तुम मेरे (ख़ास) बन्दों को खुशख़बरी दे दो जो बात को जी लगाकर सुनते हैं और फिर उसमें से अच्छी बात पर अमल करते हैं यही वह लोग हैं जिनकी खुदा ने हिदायत की और यही लोग अक्लमन्द हैं
40773919أفمن حق عليه كلمة العذاب أفأنت تنقذ من في النار
तो (ऐ रसूल) भला जिस शख्स पर अज़ाब का वायदा पूरा हो चुका हो तो क्या तुम उस शख्स की ख़लासी दे सकते हो
40783920لكن الذين اتقوا ربهم لهم غرف من فوقها غرف مبنية تجري من تحتها الأنهار وعد الله لا يخلف الله الميعاد
जो आग में (पड़ा) हो मगर जो लोग अपने परवरदिगार से डरते रहे उनके ऊँचे-ऊँचे महल हैं (और) बाला ख़ानों पर बालाख़ाने बने हुए हैं जिनके नीचे नहरें जारी हैं ये खुदा का वायदा है (और) वायदा ख़िलाफी नहीं किया करता
40793921ألم تر أن الله أنزل من السماء ماء فسلكه ينابيع في الأرض ثم يخرج به زرعا مختلفا ألوانه ثم يهيج فتراه مصفرا ثم يجعله حطاما إن في ذلك لذكرى لأولي الألباب
क्या तुमने इस पर ग़ौर नहीं किया कि खुदा ही ने आसमान से पानी बरसाया फिर उसको ज़मीन में चश्में बनाकर जारी किया फिर उसके ज़रिए से रंग बिरंग (के गल्ले) की खेती उगाता है फिर (पकने के बाद) सूख जाती है तो तुम को वह ज़र्द दिखायी देती है फिर खुदा उसे चूर-चूर भूसा कर देता है बेशक इसमें अक्लमन्दों के लिए (बड़ी) इबरत व नसीहत है
40803922أفمن شرح الله صدره للإسلام فهو على نور من ربه فويل للقاسية قلوبهم من ذكر الله أولئك في ضلال مبين
तो क्या वह शख्स जिस के सीने को खुदा ने (क़ुबूल) इस्लाम के लिए कुशादा कर दिया है तो वह अपने परवरदिगार (की हिदायत) की रौशनी पर (चलता) है मगर गुमराहों के बराबर हो सकता है अफसोस तो उन लोगों पर है जिनके दिल खुदा की याद से (ग़ाफ़िल होकर) सख्त हो गए हैं
40813923الله نزل أحسن الحديث كتابا متشابها مثاني تقشعر منه جلود الذين يخشون ربهم ثم تلين جلودهم وقلوبهم إلى ذكر الله ذلك هدى الله يهدي به من يشاء ومن يضلل الله فما له من هاد
ये लोग सरीही गुमराही में (पड़े) हैं ख़ुदा ने बहुत ही अच्छा कलाम (यावी ये) किताब नाज़िल फरमाई (जिसकी आयतें) एक दूसरे से मिलती जुलती हैं और (एक बात कई-कई बार) दोहराई गयी है उसके सुनने से उन लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं जो अपने परवरदिगार से डरते हैं फिर उनके जिस्म नरम हो जाते हैं और उनके दिल खुदा की याद की तरफ बा इतमेनान मुतावज्जे हो जाते हैं ये खुदा की हिदायत है इसी से जिसकी चाहता है हिदायत करता है और खुदा जिसको गुमराही में छोड़ दे तो उसको कोई राह पर लाने वाला नहीं


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