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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4060 | 39 | 2 | إنا أنزلنا إليك الكتاب بالحق فاعبد الله مخلصا له الدين |
| | | (ऐ रसूल) हमने किताब (कुरान) को बिल्कुल ठीक नाज़िल किया है तो तुम इबादत को उसी के लिए निरा खुरा करके खुदा की बन्दगी किया करो |
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4061 | 39 | 3 | ألا لله الدين الخالص والذين اتخذوا من دونه أولياء ما نعبدهم إلا ليقربونا إلى الله زلفى إن الله يحكم بينهم في ما هم فيه يختلفون إن الله لا يهدي من هو كاذب كفار |
| | | आगाह रहो कि इबादत तो ख़ास खुदा ही के लिए है और जिन लोगों ने खुदा के सिवा (औरों को अपना) सरपरस्त बना रखा है और कहते हैं कि हम तो उनकी परसतिश सिर्फ़ इसलिए करते हैं कि ये लोग खुदा की बारगाह में हमारा तक़र्रब बढ़ा देगें इसमें शक नहीं कि जिस बात में ये लोग झगड़ते हैं (क़यामत के दिन) खुदा उनके दरमियान इसमें फैसला कर देगा बेशक खुदा झूठे नाशुक्रे को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता |
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4062 | 39 | 4 | لو أراد الله أن يتخذ ولدا لاصطفى مما يخلق ما يشاء سبحانه هو الله الواحد القهار |
| | | अगर खुदा किसी को (अपना) बेटा बनाना चाहता तो अपने मख़लूक़ात में से जिसे चाहता मुन्तखिब कर लेता (मगर) वह तो उससे पाक व पाकीज़ा है वह तो यकता बड़ा ज़बरदस्त अल्लाह है |
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4063 | 39 | 5 | خلق السماوات والأرض بالحق يكور الليل على النهار ويكور النهار على الليل وسخر الشمس والقمر كل يجري لأجل مسمى ألا هو العزيز الغفار |
| | | उसी ने सारे आसमान और ज़मीन को बजा (दुरूस्त) पैदा किया वही रात को दिन पर ऊपर तले लपेटता है और वही दिन को रात पर तह ब तह लपेटता है और उसी ने आफताब और महताब को अपने बस में कर लिया है कि ये सबके सब अपने (अपने) मुक़रर्र वक्त चलते रहेगें आगाह रहो कि वही ग़ालिब बड़ा बख्शने वाला है |
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4064 | 39 | 6 | خلقكم من نفس واحدة ثم جعل منها زوجها وأنزل لكم من الأنعام ثمانية أزواج يخلقكم في بطون أمهاتكم خلقا من بعد خلق في ظلمات ثلاث ذلكم الله ربكم له الملك لا إله إلا هو فأنى تصرفون |
| | | उसी ने तुम सबको एक ही शख्स से पैदा किया फिर उस (की बाक़ी मिट्टी) से उसकी बीबी (हौव्वा) को पैदा किया और उसी ने तुम्हारे लिए आठ क़िस्म के चारपाए पैदा किए वही तुमको तुम्हारी माँओं के पेट में एक क़िस्म की पैदाइश के बाद दूसरी क़िस्म (नुत्फे जमा हुआ खून लोथड़ा) की पैदाइश से तेहरे तेहरे अंधेरों (पेट) रहम और झिल्ली में पैदा करता है वही अल्लाह तुम्हारा परवरदिगार है उसी की बादशाही है उसके सिवा माबूद नहीं तो तुम लोग कहाँ फिरे जाते हो |
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4065 | 39 | 7 | إن تكفروا فإن الله غني عنكم ولا يرضى لعباده الكفر وإن تشكروا يرضه لكم ولا تزر وازرة وزر أخرى ثم إلى ربكم مرجعكم فينبئكم بما كنتم تعملون إنه عليم بذات الصدور |
| | | अगर तुमने उसकी नाशुक्री की तो (याद रखो कि) खुदा तुमसे बिल्कुल बेपरवाह है और अपने बन्दों से कुफ्र और नाशुक्री को पसन्द नहीं करता और अगर तुम शुक्र करोगे तो वह उसको तुम्हारे वास्ते पसन्द करता है और (क़यामत में) कोई किसी (के गुनाह) का बोझ (अपनी गर्दन पर) नहीं उठाएगा फिर तुमको अपने परवरदिगार की तरफ लौटना है तो (दुनिया में) जो कुछ (भला बुरा) करते थे वह तुम्हें बता देगा वह यक़ीनन दिलों के राज़ (तक) से खूब वाक़िफ है |
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4066 | 39 | 8 | وإذا مس الإنسان ضر دعا ربه منيبا إليه ثم إذا خوله نعمة منه نسي ما كان يدعو إليه من قبل وجعل لله أندادا ليضل عن سبيله قل تمتع بكفرك قليلا إنك من أصحاب النار |
| | | और आदमी (की हालत तो ये है कि) जब उसको कोई तकलीफ पहुँचती है तो उसी की तरफ रूजू करके अपने परवरदिगार से दुआ करता है (मगर) फिर जब खुदा अपनी तरफ से उसे नेअमत अता फ़रमा देता है तो जिस काम के लिए पहले उससे दुआ करता था उसे भुला देता है और बल्कि खुदा का शरीक बनाने लगता है ताकि (उस ज़रिए से और लोगों को भी) उसकी राह से गुमराह कर दे (ऐ रसूल ऐसे शख्स से) कह दो कि थोड़े दिनों और अपने कुफ्र (की हालत) में चैन कर लो |
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4067 | 39 | 9 | أمن هو قانت آناء الليل ساجدا وقائما يحذر الآخرة ويرجو رحمة ربه قل هل يستوي الذين يعلمون والذين لا يعلمون إنما يتذكر أولو الألباب |
| | | (आख़िर) तू यक़ीनी जहन्नुमियों में होगा क्या जो शख्स रात के अवक़ात में सजदा करके और खड़े-खड़े (खुदा की) इबादत करता हो और आख़ेरत से डरता हो अपने परवरदिगार की रहमत का उम्मीदवार हो (नाशुक्रे) काफिर के बराबर हो सकता है (ऐ रसूल) तुम पूछो तो कि भला कहीं जानने वाले और न जाननेवाले लोग बराबर हो सकते हैं (मगर) नसीहत इबरतें तो बस अक्लमन्द ही लोग मानते हैं |
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4068 | 39 | 10 | قل يا عباد الذين آمنوا اتقوا ربكم للذين أحسنوا في هذه الدنيا حسنة وأرض الله واسعة إنما يوفى الصابرون أجرهم بغير حساب |
| | | (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ मेरे ईमानदार बन्दों अपने परवरदिगार (ही) से डरते रहो (क्योंकि) जिन लोगों ने इस दुनिया में नेकी की उन्हीं के लिए (आख़ेरत में) भलाई है और खुदा की ज़मीन तो कुशादा है (जहाँ इबादत न कर सको उसे छोड़ दो) सब्र करने वालों ही की तो उनका भरपूर बेहिसाब बदला दिया जाएगा |
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4069 | 39 | 11 | قل إني أمرت أن أعبد الله مخلصا له الدين |
| | | (ऐ रसूल) तुम कह दो कि मुझे तो ये हुक्म दिया गया है कि मैं इबादत को उसके लिए ख़ास करके खुदा ही की बन्दगी करो |
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