بسم الله الرحمن الرحيم

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40573887إن هو إلا ذكر للعالمين
ये (क़ुरान) तो बस सारे जहाँन के लिए नसीहत है
40583888ولتعلمن نبأه بعد حين
और कुछ दिनों बाद तुमको इसकी हक़ीकत मालूम हो जाएगी
4059391بسم الله الرحمن الرحيم تنزيل الكتاب من الله العزيز الحكيم
(इस) किताब (क़ुरान) का नाज़िल करना उस खुदा की बारगाह से है जो (सब पर) ग़ालिब हिकमत वाला है
4060392إنا أنزلنا إليك الكتاب بالحق فاعبد الله مخلصا له الدين
(ऐ रसूल) हमने किताब (कुरान) को बिल्कुल ठीक नाज़िल किया है तो तुम इबादत को उसी के लिए निरा खुरा करके खुदा की बन्दगी किया करो
4061393ألا لله الدين الخالص والذين اتخذوا من دونه أولياء ما نعبدهم إلا ليقربونا إلى الله زلفى إن الله يحكم بينهم في ما هم فيه يختلفون إن الله لا يهدي من هو كاذب كفار
आगाह रहो कि इबादत तो ख़ास खुदा ही के लिए है और जिन लोगों ने खुदा के सिवा (औरों को अपना) सरपरस्त बना रखा है और कहते हैं कि हम तो उनकी परसतिश सिर्फ़ इसलिए करते हैं कि ये लोग खुदा की बारगाह में हमारा तक़र्रब बढ़ा देगें इसमें शक नहीं कि जिस बात में ये लोग झगड़ते हैं (क़यामत के दिन) खुदा उनके दरमियान इसमें फैसला कर देगा बेशक खुदा झूठे नाशुक्रे को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता
4062394لو أراد الله أن يتخذ ولدا لاصطفى مما يخلق ما يشاء سبحانه هو الله الواحد القهار
अगर खुदा किसी को (अपना) बेटा बनाना चाहता तो अपने मख़लूक़ात में से जिसे चाहता मुन्तखिब कर लेता (मगर) वह तो उससे पाक व पाकीज़ा है वह तो यकता बड़ा ज़बरदस्त अल्लाह है
4063395خلق السماوات والأرض بالحق يكور الليل على النهار ويكور النهار على الليل وسخر الشمس والقمر كل يجري لأجل مسمى ألا هو العزيز الغفار
उसी ने सारे आसमान और ज़मीन को बजा (दुरूस्त) पैदा किया वही रात को दिन पर ऊपर तले लपेटता है और वही दिन को रात पर तह ब तह लपेटता है और उसी ने आफताब और महताब को अपने बस में कर लिया है कि ये सबके सब अपने (अपने) मुक़रर्र वक्त चलते रहेगें आगाह रहो कि वही ग़ालिब बड़ा बख्शने वाला है
4064396خلقكم من نفس واحدة ثم جعل منها زوجها وأنزل لكم من الأنعام ثمانية أزواج يخلقكم في بطون أمهاتكم خلقا من بعد خلق في ظلمات ثلاث ذلكم الله ربكم له الملك لا إله إلا هو فأنى تصرفون
उसी ने तुम सबको एक ही शख्स से पैदा किया फिर उस (की बाक़ी मिट्टी) से उसकी बीबी (हौव्वा) को पैदा किया और उसी ने तुम्हारे लिए आठ क़िस्म के चारपाए पैदा किए वही तुमको तुम्हारी माँओं के पेट में एक क़िस्म की पैदाइश के बाद दूसरी क़िस्म (नुत्फे जमा हुआ खून लोथड़ा) की पैदाइश से तेहरे तेहरे अंधेरों (पेट) रहम और झिल्ली में पैदा करता है वही अल्लाह तुम्हारा परवरदिगार है उसी की बादशाही है उसके सिवा माबूद नहीं तो तुम लोग कहाँ फिरे जाते हो
4065397إن تكفروا فإن الله غني عنكم ولا يرضى لعباده الكفر وإن تشكروا يرضه لكم ولا تزر وازرة وزر أخرى ثم إلى ربكم مرجعكم فينبئكم بما كنتم تعملون إنه عليم بذات الصدور
अगर तुमने उसकी नाशुक्री की तो (याद रखो कि) खुदा तुमसे बिल्कुल बेपरवाह है और अपने बन्दों से कुफ्र और नाशुक्री को पसन्द नहीं करता और अगर तुम शुक्र करोगे तो वह उसको तुम्हारे वास्ते पसन्द करता है और (क़यामत में) कोई किसी (के गुनाह) का बोझ (अपनी गर्दन पर) नहीं उठाएगा फिर तुमको अपने परवरदिगार की तरफ लौटना है तो (दुनिया में) जो कुछ (भला बुरा) करते थे वह तुम्हें बता देगा वह यक़ीनन दिलों के राज़ (तक) से खूब वाक़िफ है
4066398وإذا مس الإنسان ضر دعا ربه منيبا إليه ثم إذا خوله نعمة منه نسي ما كان يدعو إليه من قبل وجعل لله أندادا ليضل عن سبيله قل تمتع بكفرك قليلا إنك من أصحاب النار
और आदमी (की हालत तो ये है कि) जब उसको कोई तकलीफ पहुँचती है तो उसी की तरफ रूजू करके अपने परवरदिगार से दुआ करता है (मगर) फिर जब खुदा अपनी तरफ से उसे नेअमत अता फ़रमा देता है तो जिस काम के लिए पहले उससे दुआ करता था उसे भुला देता है और बल्कि खुदा का शरीक बनाने लगता है ताकि (उस ज़रिए से और लोगों को भी) उसकी राह से गुमराह कर दे (ऐ रसूल ऐसे शख्स से) कह दो कि थोड़े दिनों और अपने कुफ्र (की हालत) में चैन कर लो


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