نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4052 | 38 | 82 | قال فبعزتك لأغوينهم أجمعين |
| | | उसने कहा, "तेरे प्रताप की सौगन्ध! मैं अवश्य उन सबको बहकाकर रहूँगा, |
|
4053 | 38 | 83 | إلا عبادك منهم المخلصين |
| | | सिवाय उनमें से तेरे उन बन्दों के, जो चुने हुए है।" |
|
4054 | 38 | 84 | قال فالحق والحق أقول |
| | | कहा, "तो यह सत्य है और मैं सत्य ही कहता हूँ |
|
4055 | 38 | 85 | لأملأن جهنم منك وممن تبعك منهم أجمعين |
| | | कि मैं जहन्नम को तुझसे और उन सबसे भर दूँगा, जिन्होंने उनमें से तेरा अनुसरण किया होगा।" |
|
4056 | 38 | 86 | قل ما أسألكم عليه من أجر وما أنا من المتكلفين |
| | | कह दो, "मैं इसपर तुमसे कोई पारिश्रमिक नहीं माँगता और न मैं बनानट करनेवालों में से हूँ।" |
|
4057 | 38 | 87 | إن هو إلا ذكر للعالمين |
| | | वह तो एक अनुस्मृति है सारे संसारवालों के लिए |
|
4058 | 38 | 88 | ولتعلمن نبأه بعد حين |
| | | और थोड़ी ही अवधि के पश्चात उसकी दी हुई ख़बर तुम्हे मालूम हो जाएगी |
|
4059 | 39 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم تنزيل الكتاب من الله العزيز الحكيم |
| | | इस किताब का अवतरण अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी की ओर से है |
|
4060 | 39 | 2 | إنا أنزلنا إليك الكتاب بالحق فاعبد الله مخلصا له الدين |
| | | निस्संदेह हमने यह किताब तुम्हारी ओर सत्य के साथ अवतरित की है |
|
4061 | 39 | 3 | ألا لله الدين الخالص والذين اتخذوا من دونه أولياء ما نعبدهم إلا ليقربونا إلى الله زلفى إن الله يحكم بينهم في ما هم فيه يختلفون إن الله لا يهدي من هو كاذب كفار |
| | | जान रखो कि विशुद्ध धर्म अल्लाह ही के लिए है। रहे वे लोग जिन्होंने उससे हटकर दूसरे समर्थक औऱ संरक्षक बना रखे है (कहते है,) "हम तो उनकी बन्दगी इसी लिए करते है कि वे हमें अल्लाह का सामीप्य प्राप्त करा दें।" निश्चय ही अल्लाह उनके बीच उस बात का फ़ैसला कर देगा जिसमें वे विभेद कर रहे है। अल्लाह उसे मार्ग नहीं दिखाता जो झूठा और बड़ा अकृतज्ञ हो |
|