بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
4043111لن يضروكم إلا أذى وإن يقاتلوكم يولوكم الأدبار ثم لا ينصرون
थोड़ा दुख पहुँचाने के अतिरिक्त वे तुम्हारा कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते। और यदि वे तुमसे लड़ेंगे, तो तुम्हें पीठ दिखा जाएँगे, फिर उन्हें कोई सहायता भी न मिलेगी
4053112ضربت عليهم الذلة أين ما ثقفوا إلا بحبل من الله وحبل من الناس وباءوا بغضب من الله وضربت عليهم المسكنة ذلك بأنهم كانوا يكفرون بآيات الله ويقتلون الأنبياء بغير حق ذلك بما عصوا وكانوا يعتدون
वे जहाँ कहीं भी पाए गए उनपर ज़िल्लत (अपमान) थोप दी गई। किन्तु अल्लाह की रस्सी थामें या लोगों का रस्सी, तो और बात है। वे ल्लाह के प्रकोप के पात्र हुए और उनपर दशाहीनता थोप दी गई। यह इसलिए कि वे अल्लाह की आयतों का इनकार और नबियों को नाहक़ क़त्ल करते रहे है। और यह इसलिए कि उन्होंने अवज्ञा की और सीमोल्लंघन करते रहे
4063113ليسوا سواء من أهل الكتاب أمة قائمة يتلون آيات الله آناء الليل وهم يسجدون
ये सब एक जैसे नहीं है। किताबवालों में से कुछ ऐसे लोग भी है जो सीधे मार्ग पर है और रात की घड़ियों में अल्लाह की आयतें पढ़ते है और वे सजदा करते रहनेवाले है
4073114يؤمنون بالله واليوم الآخر ويأمرون بالمعروف وينهون عن المنكر ويسارعون في الخيرات وأولئك من الصالحين
वे अल्लाह और अन्तिम दिन पर ईमान रखते है और नेकी का हुक्म देते और बुराई से रोकते है और नेक कामों में अग्रसर रहते है, और वे अच्छे लोगों में से है
4083115وما يفعلوا من خير فلن يكفروه والله عليم بالمتقين
जो नेकी भी वे करेंगे, उसकी अवमानना न होगी। अल्लाह का डर रखनेवालो से भली-भाँति परिचित है
4093116إن الذين كفروا لن تغني عنهم أموالهم ولا أولادهم من الله شيئا وأولئك أصحاب النار هم فيها خالدون
रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया, तो अल्लाह के मुक़ाबले में न उनके माल कुछ काम आ सकेंगे और न उनकी सन्तान ही। वे तो आग में जानेवाले लोग है, उसी में वे सदैव रहेंगे
4103117مثل ما ينفقون في هذه الحياة الدنيا كمثل ريح فيها صر أصابت حرث قوم ظلموا أنفسهم فأهلكته وما ظلمهم الله ولكن أنفسهم يظلمون
इस सांसारिक जीवन के लिए जो कुछ भी वे ख़र्च करते है, उसकी मिसाल उस वायु जैसी है जिसमें पाला हो और वह उन लोगों की खेती पर चल जाए, जिन्होंने अपने ऊपर अत्याचार नहीं किया, अपितु वे तो स्वयं अपने ऊपर अत्याचार कर रहे है
4113118يا أيها الذين آمنوا لا تتخذوا بطانة من دونكم لا يألونكم خبالا ودوا ما عنتم قد بدت البغضاء من أفواههم وما تخفي صدورهم أكبر قد بينا لكم الآيات إن كنتم تعقلون
ऐ ईमान लानेवालो! अपनों को छोड़कर दूसरों को अपना अंतरंग मित्र न बनाओ, वे तुम्हें नुक़सान पहुँचाने में कोई कमी नहीं करते। जितनी भी तुम कठिनाई में पड़ो, वही उनको प्रिय है। उनका द्वेष तो उनके मुँह से व्यक्त हो चुका है और जो कुछ उनके सीने छिपाए हुए है, वह तो इससे भी बढ़कर है। यदि तुम बुद्धि से काम लो, तो हमने तुम्हारे लिए निशानियाँ खोलकर बयान कर दी हैं
4123119ها أنتم أولاء تحبونهم ولا يحبونكم وتؤمنون بالكتاب كله وإذا لقوكم قالوا آمنا وإذا خلوا عضوا عليكم الأنامل من الغيظ قل موتوا بغيظكم إن الله عليم بذات الصدور
ये चो तुम हो जो उनसे प्रेम करते हो और वे तुमसे प्रेम नहीं करते, जबकि तुम समस्त किताबों पर ईमान रखते हो। और वे जब तुमसे मिलते है तो कहने को तो कहते है कि "हम ईमान लाए है।" किन्तु जब वे अलग होते है तो तुमपर क्रोध के मारे दाँतों से उँगलियाँ काटने लगते है। कह दो, "तुम अपने क्रोध में आप मरो। निस्संदेह अल्लाह दिलों के भेद को जानता है।"
4133120إن تمسسكم حسنة تسؤهم وإن تصبكم سيئة يفرحوا بها وإن تصبروا وتتقوا لا يضركم كيدهم شيئا إن الله بما يعملون محيط
यदि तुम्हारा कोई भला होता है तो उन्हें बुरा लगता है। परन्तु यदि तुम्हें कोई अप्रिय बात पेश आती है तो उससे वे प्रसन्न हो जाते है। यदि तुमने धैर्य से काम लिया और (अल्लाह का) डर रखा, तो उनकी कोई चाल तुम्हें नुक़सान नहीं पहुँचा सकती। जो कुछ वे कर रहे है, अल्लाह ने उसे अपने धेरे में ले रखा है


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