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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4006 | 38 | 36 | فسخرنا له الريح تجري بأمره رخاء حيث أصاب |
| | | तब हमने वायु को उसके लिए वशीभूत कर दिया, जो उसके आदेश से, जहाँ वह पहुँचना चाहता, सरलतापूर्वक चलती थी |
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4007 | 38 | 37 | والشياطين كل بناء وغواص |
| | | और शैतानों को भी (वशीभुत कर दिया), प्रत्येक निर्माता और ग़ोताख़ोर को |
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4008 | 38 | 38 | وآخرين مقرنين في الأصفاد |
| | | और दूसरों को भी जो ज़जीरों में जकड़े हुए रहत |
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4009 | 38 | 39 | هذا عطاؤنا فامنن أو أمسك بغير حساب |
| | | "यह हमारी बेहिसाब देन है। अब एहसान करो या रोको।" |
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4010 | 38 | 40 | وإن له عندنا لزلفى وحسن مآب |
| | | और निश्चय ही हमारे यहाँ उसके लिए अनिवार्यतः समीप्य और उत्तम ठिकाना है |
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4011 | 38 | 41 | واذكر عبدنا أيوب إذ نادى ربه أني مسني الشيطان بنصب وعذاب |
| | | हमारे बन्दे अय्यूब को भी याद करो, जब उसने अपने रब को पुकारा कि "शैतान ने मुझे दुख और पीड़ा पहुँचा रखी है।" |
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4012 | 38 | 42 | اركض برجلك هذا مغتسل بارد وشراب |
| | | "अपना पाँव (धरती पर) मार, यह है ठंडा (पानी) नहाने को और पीने को।" |
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4013 | 38 | 43 | ووهبنا له أهله ومثلهم معهم رحمة منا وذكرى لأولي الألباب |
| | | और हमने उसे उसके परिजन दिए और उनके साथ वैसे ही और भी; अपनी ओर से दयालुता के रूप में और बुद्धि और समझ रखनेवालों के लिए शिक्षा के रूप में। |
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4014 | 38 | 44 | وخذ بيدك ضغثا فاضرب به ولا تحنث إنا وجدناه صابرا نعم العبد إنه أواب |
| | | "और अपने हाथ में तिनकों का एक मुट्ठा ले और उससे मार और अपनी क़सम न तोड़।" निश्चय ही हमने उसे धैर्यवान पाया, क्या ही अच्छा बन्दा! निस्संदेह वह बड़ा ही रुजू रहनेवाला था |
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4015 | 38 | 45 | واذكر عبادنا إبراهيم وإسحاق ويعقوب أولي الأيدي والأبصار |
| | | हमारे बन्दों, इबराहीम और इसहाक़ और याक़ूब को भी याद करो, जो हाथों (शक्ति) और निगाहोंवाले (ज्ञान-चक्षुवाले) थे |
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