بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
40063836فسخرنا له الريح تجري بأمره رخاء حيث أصاب
तब हमने वायु को उसके लिए वशीभूत कर दिया, जो उसके आदेश से, जहाँ वह पहुँचना चाहता, सरलतापूर्वक चलती थी
40073837والشياطين كل بناء وغواص
और शैतानों को भी (वशीभुत कर दिया), प्रत्येक निर्माता और ग़ोताख़ोर को
40083838وآخرين مقرنين في الأصفاد
और दूसरों को भी जो ज़जीरों में जकड़े हुए रहत
40093839هذا عطاؤنا فامنن أو أمسك بغير حساب
"यह हमारी बेहिसाब देन है। अब एहसान करो या रोको।"
40103840وإن له عندنا لزلفى وحسن مآب
और निश्चय ही हमारे यहाँ उसके लिए अनिवार्यतः समीप्य और उत्तम ठिकाना है
40113841واذكر عبدنا أيوب إذ نادى ربه أني مسني الشيطان بنصب وعذاب
हमारे बन्दे अय्यूब को भी याद करो, जब उसने अपने रब को पुकारा कि "शैतान ने मुझे दुख और पीड़ा पहुँचा रखी है।"
40123842اركض برجلك هذا مغتسل بارد وشراب
"अपना पाँव (धरती पर) मार, यह है ठंडा (पानी) नहाने को और पीने को।"
40133843ووهبنا له أهله ومثلهم معهم رحمة منا وذكرى لأولي الألباب
और हमने उसे उसके परिजन दिए और उनके साथ वैसे ही और भी; अपनी ओर से दयालुता के रूप में और बुद्धि और समझ रखनेवालों के लिए शिक्षा के रूप में।
40143844وخذ بيدك ضغثا فاضرب به ولا تحنث إنا وجدناه صابرا نعم العبد إنه أواب
"और अपने हाथ में तिनकों का एक मुट्ठा ले और उससे मार और अपनी क़सम न तोड़।" निश्चय ही हमने उसे धैर्यवान पाया, क्या ही अच्छा बन्दा! निस्संदेह वह बड़ा ही रुजू रहनेवाला था
40153845واذكر عبادنا إبراهيم وإسحاق ويعقوب أولي الأيدي والأبصار
हमारे बन्दों, इबराहीम और इसहाक़ और याक़ूब को भी याद करो, जो हाथों (शक्ति) और निगाहोंवाले (ज्ञान-चक्षुवाले) थे


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