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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4003 | 38 | 33 | ردوها علي فطفق مسحا بالسوق والأعناق |
| | | "उन्हें मेरे पास वापस लाओ!" फिर वह उनकी पिंडलियों और गरदनों पर हाथ फेरने लगा |
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4004 | 38 | 34 | ولقد فتنا سليمان وألقينا على كرسيه جسدا ثم أناب |
| | | निश्चय ही हमने सुलैमान को भी परीक्षा में डाला। और हमने उसके तख़्त पर एक धड़ डाल दिया। फिर वह रुजू हुआ |
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4005 | 38 | 35 | قال رب اغفر لي وهب لي ملكا لا ينبغي لأحد من بعدي إنك أنت الوهاب |
| | | उसने कहा, "ऐ मेरे रब! मुझे क्षमा कर दे और मुझे वह राज्य प्रदान कर, जो मेरे पश्चात किसी के लिए शोभनीय न हो। निश्चय ही तू बड़ा दाता है।" |
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4006 | 38 | 36 | فسخرنا له الريح تجري بأمره رخاء حيث أصاب |
| | | तब हमने वायु को उसके लिए वशीभूत कर दिया, जो उसके आदेश से, जहाँ वह पहुँचना चाहता, सरलतापूर्वक चलती थी |
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4007 | 38 | 37 | والشياطين كل بناء وغواص |
| | | और शैतानों को भी (वशीभुत कर दिया), प्रत्येक निर्माता और ग़ोताख़ोर को |
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4008 | 38 | 38 | وآخرين مقرنين في الأصفاد |
| | | और दूसरों को भी जो ज़जीरों में जकड़े हुए रहत |
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4009 | 38 | 39 | هذا عطاؤنا فامنن أو أمسك بغير حساب |
| | | "यह हमारी बेहिसाब देन है। अब एहसान करो या रोको।" |
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4010 | 38 | 40 | وإن له عندنا لزلفى وحسن مآب |
| | | और निश्चय ही हमारे यहाँ उसके लिए अनिवार्यतः समीप्य और उत्तम ठिकाना है |
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4011 | 38 | 41 | واذكر عبدنا أيوب إذ نادى ربه أني مسني الشيطان بنصب وعذاب |
| | | हमारे बन्दे अय्यूब को भी याद करो, जब उसने अपने रब को पुकारा कि "शैतान ने मुझे दुख और पीड़ा पहुँचा रखी है।" |
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4012 | 38 | 42 | اركض برجلك هذا مغتسل بارد وشراب |
| | | "अपना पाँव (धरती पर) मार, यह है ठंडा (पानी) नहाने को और पीने को।" |
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