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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3975 | 38 | 5 | أجعل الآلهة إلها واحدا إن هذا لشيء عجاب |
| | | भला (देखो तो) उसने तमाम माबूदों को (मटियामेट करके बस) एक ही माबूद क़ायम रखा ये तो यक़ीनी बड़ी ताज्जुब खेज़ बात है |
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3976 | 38 | 6 | وانطلق الملأ منهم أن امشوا واصبروا على آلهتكم إن هذا لشيء يراد |
| | | और उनमें से चन्द रवादार लोग (मजलिस व अज़ा से) ये (कह कर) चल खड़े हुए कि (यहाँ से) चल दो और अपने माबूदों की इबादत पर जमे रहो यक़ीनन इसमें (उसकी) कुछ ज़ाती ग़रज़ है |
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3977 | 38 | 7 | ما سمعنا بهذا في الملة الآخرة إن هذا إلا اختلاق |
| | | हम लोगों ने तो ये बात पिछले दीन में कभी सुनी भी नहीं हो न हो ये उसकी मन गढ़ंत है |
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3978 | 38 | 8 | أأنزل عليه الذكر من بيننا بل هم في شك من ذكري بل لما يذوقوا عذاب |
| | | क्या हम सब लोगों में बस (मोहम्मद ही क़ाबिल था कि) उस पर कुरान नाज़िल हुआ, नहीं बात ये है कि इनके (सिरे से) मेरे कलाम ही में शक है कि मेरा है या नहीं बल्कि असल ये है कि इन लोगों ने अभी तक अज़ाब के मज़े नहीं चखे |
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3979 | 38 | 9 | أم عندهم خزائن رحمة ربك العزيز الوهاب |
| | | (इस वजह से ये शरारत है) (ऐ रसूल) तुम्हारे ज़बरदस्त फ़य्याज़ परवरदिगार के रहमत के ख़ज़ाने इनके पास हैं |
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3980 | 38 | 10 | أم لهم ملك السماوات والأرض وما بينهما فليرتقوا في الأسباب |
| | | या सारे आसमान व ज़मीन और उन दोनों के दरमियान की सलतनत इन्हीं की ख़ास है तब इनको चाहिए कि रास्ते या सीढियाँ लगाकर (आसमान पर) चढ़ जाएँ और इन्तेज़ाम करें |
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3981 | 38 | 11 | جند ما هنالك مهزوم من الأحزاب |
| | | (ऐ रसूल उन पैग़म्बरों के साथ झगड़ने वाले) गिरोहों में से यहाँ तुम्हारे मुक़ाबले में भी एक लशकर है जो शिकस्त खाएगा |
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3982 | 38 | 12 | كذبت قبلهم قوم نوح وعاد وفرعون ذو الأوتاد |
| | | उनसे पहले नूह की क़ौम और आद और फिरऔन मेंख़ों वाला |
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3983 | 38 | 13 | وثمود وقوم لوط وأصحاب الأيكة أولئك الأحزاب |
| | | और समूद और लूत की क़ौम और जंगल के रहने वाले (क़ौम शुऐब ये सब पैग़म्बरों को) झुठला चुकी हैं यही वह गिरोह है |
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3984 | 38 | 14 | إن كل إلا كذب الرسل فحق عقاب |
| | | (जो शिकस्त खा चुके) सब ही ने तो पैग़म्बरों को झुठलाया तो हमारा अज़ाब ठीक आ नाज़िल हुआ |
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