بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
3975385أجعل الآلهة إلها واحدا إن هذا لشيء عجاب
भला (देखो तो) उसने तमाम माबूदों को (मटियामेट करके बस) एक ही माबूद क़ायम रखा ये तो यक़ीनी बड़ी ताज्जुब खेज़ बात है
3976386وانطلق الملأ منهم أن امشوا واصبروا على آلهتكم إن هذا لشيء يراد
और उनमें से चन्द रवादार लोग (मजलिस व अज़ा से) ये (कह कर) चल खड़े हुए कि (यहाँ से) चल दो और अपने माबूदों की इबादत पर जमे रहो यक़ीनन इसमें (उसकी) कुछ ज़ाती ग़रज़ है
3977387ما سمعنا بهذا في الملة الآخرة إن هذا إلا اختلاق
हम लोगों ने तो ये बात पिछले दीन में कभी सुनी भी नहीं हो न हो ये उसकी मन गढ़ंत है
3978388أأنزل عليه الذكر من بيننا بل هم في شك من ذكري بل لما يذوقوا عذاب
क्या हम सब लोगों में बस (मोहम्मद ही क़ाबिल था कि) उस पर कुरान नाज़िल हुआ, नहीं बात ये है कि इनके (सिरे से) मेरे कलाम ही में शक है कि मेरा है या नहीं बल्कि असल ये है कि इन लोगों ने अभी तक अज़ाब के मज़े नहीं चखे
3979389أم عندهم خزائن رحمة ربك العزيز الوهاب
(इस वजह से ये शरारत है) (ऐ रसूल) तुम्हारे ज़बरदस्त फ़य्याज़ परवरदिगार के रहमत के ख़ज़ाने इनके पास हैं
39803810أم لهم ملك السماوات والأرض وما بينهما فليرتقوا في الأسباب
या सारे आसमान व ज़मीन और उन दोनों के दरमियान की सलतनत इन्हीं की ख़ास है तब इनको चाहिए कि रास्ते या सीढियाँ लगाकर (आसमान पर) चढ़ जाएँ और इन्तेज़ाम करें
39813811جند ما هنالك مهزوم من الأحزاب
(ऐ रसूल उन पैग़म्बरों के साथ झगड़ने वाले) गिरोहों में से यहाँ तुम्हारे मुक़ाबले में भी एक लशकर है जो शिकस्त खाएगा
39823812كذبت قبلهم قوم نوح وعاد وفرعون ذو الأوتاد
उनसे पहले नूह की क़ौम और आद और फिरऔन मेंख़ों वाला
39833813وثمود وقوم لوط وأصحاب الأيكة أولئك الأحزاب
और समूद और लूत की क़ौम और जंगल के रहने वाले (क़ौम शुऐब ये सब पैग़म्बरों को) झुठला चुकी हैं यही वह गिरोह है
39843814إن كل إلا كذب الرسل فحق عقاب
(जो शिकस्त खा चुके) सब ही ने तो पैग़म्बरों को झुठलाया तो हमारा अज़ाब ठीक आ नाज़िल हुआ


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