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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3896 | 37 | 108 | وتركنا عليه في الآخرين |
| | | और हमने उनका अच्छा चर्चा बाद को आने वालों में बाक़ी रखा है |
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3897 | 37 | 109 | سلام على إبراهيم |
| | | कि (सारी खुदायी में) इबराहीम पर सलाम (ही सलाम) हैं |
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3898 | 37 | 110 | كذلك نجزي المحسنين |
| | | हम यूँ नेकी करने वालों को जज़ाए ख़ैर देते हैं |
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3899 | 37 | 111 | إنه من عبادنا المؤمنين |
| | | बेशक इबराहीम हमारे (ख़ास) ईमानदार बन्दों में थे |
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3900 | 37 | 112 | وبشرناه بإسحاق نبيا من الصالحين |
| | | और हमने इबराहीम को इसहाक़ (के पैदा होने की) खुशख़बरी दी थी |
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3901 | 37 | 113 | وباركنا عليه وعلى إسحاق ومن ذريتهما محسن وظالم لنفسه مبين |
| | | जो एक नेकोसार नबी थे और हमने खुद इबराहीम पर और इसहाक़ पर अपनी बरकत नाज़िल की और इन दोनों की नस्ल में बाज़ तो नेकोकार और बाज़ (नाफरमानी करके) अपनी जान पर सरीही सितम ढ़ाने वाला |
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3902 | 37 | 114 | ولقد مننا على موسى وهارون |
| | | और हमने मूसा और हारून पर बहुत से एहसानात किए हैं |
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3903 | 37 | 115 | ونجيناهما وقومهما من الكرب العظيم |
| | | और खुद दोनों को और इनकी क़ौम को बड़ी (सख्त) मुसीबत से नजात दी |
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3904 | 37 | 116 | ونصرناهم فكانوا هم الغالبين |
| | | और (फिरऔन के मुक़ाबले में) हमने उनकी मदद की तो (आख़िर) यही लोग ग़ालिब रहे |
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3905 | 37 | 117 | وآتيناهما الكتاب المستبين |
| | | और हमने उन दोनों को एक वाज़ेए उलम तालिब किताब (तौरेत) अता की |
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