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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3871 | 37 | 83 | وإن من شيعته لإبراهيم |
| | | और यक़ीनन उन्हीं के तरीक़ो पर चलने वालों में इबराहीम (भी) ज़रूर थे |
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3872 | 37 | 84 | إذ جاء ربه بقلب سليم |
| | | जब वह अपने परवरदिगार (कि इबादत) की तरफ (पहलू में) ऐसा दिल लिए हुए बढ़े जो (हर ऐब से पाक था |
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3873 | 37 | 85 | إذ قال لأبيه وقومه ماذا تعبدون |
| | | जब उन्होंने अपने (मुँह बोले) बाप और अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग किस चीज़ की परसतिश करते हो |
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3874 | 37 | 86 | أئفكا آلهة دون الله تريدون |
| | | क्या खुदा को छोड़कर दिल से गढ़े हुए माबूदों की तमन्ना रखते हो |
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3875 | 37 | 87 | فما ظنكم برب العالمين |
| | | फिर सारी खुदाई के पालने वाले के साथ तुम्हारा क्या ख्याल है |
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3876 | 37 | 88 | فنظر نظرة في النجوم |
| | | फिर (एक ईद में उन लोगों ने चलने को कहा) तो इबराहीम ने सितारों की तरफ़ एक नज़र देखा |
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3877 | 37 | 89 | فقال إني سقيم |
| | | और कहा कि मैं (अनक़रीब) बीमार पड़ने वाला हूँ |
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3878 | 37 | 90 | فتولوا عنه مدبرين |
| | | तो वह लोग इबराहीम के पास से पीठ फेर फेर कर हट गए |
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3879 | 37 | 91 | فراغ إلى آلهتهم فقال ألا تأكلون |
| | | (बस) फिर तो इबराहीम चुपके से उनके बुतों की तरफ मुतावज्जे हुए और (तान से) कहा तुम्हारे सामने इतने चढ़ाव रखते हैं |
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3880 | 37 | 92 | ما لكم لا تنطقون |
| | | आख़िर तुम खाते क्यों नहीं (अरे तुम्हें क्या हो गया है) |
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