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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3864 | 37 | 76 | ونجيناه وأهله من الكرب العظيم |
| | | हमने उसे और उसके लोगों को बड़ी घुटन और बेचैनी से छुटकारा दिया |
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3865 | 37 | 77 | وجعلنا ذريته هم الباقين |
| | | और हमने उसकी सतति (औलाद व अनुयायी) ही को बाक़ी रखा |
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3866 | 37 | 78 | وتركنا عليه في الآخرين |
| | | और हमने पीछे आनेवाली नस्लों में उसका अच्छा ज़िक्र छोड़ा |
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3867 | 37 | 79 | سلام على نوح في العالمين |
| | | कि "सलाम है नूह पर सम्पूर्ण संसारवालों में!" |
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3868 | 37 | 80 | إنا كذلك نجزي المحسنين |
| | | निस्संदेह हम उत्तमकारों को ऐसा बदला देते है |
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3869 | 37 | 81 | إنه من عبادنا المؤمنين |
| | | निश्चय ही वह हमारे ईमानवाले बन्दों में से था |
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3870 | 37 | 82 | ثم أغرقنا الآخرين |
| | | फिर हमने दूसरो को डूबो दिया। |
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3871 | 37 | 83 | وإن من شيعته لإبراهيم |
| | | और इबराहीम भी उसी के सहधर्मियों में से था। |
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3872 | 37 | 84 | إذ جاء ربه بقلب سليم |
| | | याद करो, जब वह अपने रब के समक्ष भला-चंगा हृदय लेकर आया; |
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3873 | 37 | 85 | إذ قال لأبيه وقومه ماذا تعبدون |
| | | जबकि उसने अपने बाप और अपनी क़ौम के लोगों से कहा, "तुम किस चीज़ की पूजा करते हो? |
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