نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3794 | 37 | 6 | إنا زينا السماء الدنيا بزينة الكواكب |
| | | और (चाँद सूरज तारे के) तुलूउ व (गुरूब) के मक़ामात का भी मालिक है हम ही ने नीचे वाले आसमान को तारों की आरइश (जगमगाहट) से आरास्ता किया |
|
3795 | 37 | 7 | وحفظا من كل شيطان مارد |
| | | और (तारों को) हर सरकश शैतान से हिफ़ाज़त के वास्ते (भी पैदा किया) |
|
3796 | 37 | 8 | لا يسمعون إلى الملإ الأعلى ويقذفون من كل جانب |
| | | कि अब शैतान आलमे बाला की तरफ़ कान भी नहीं लगा सकते और (जहाँ सुन गुन लेना चाहा तो) हर तरफ़ से खदेड़ने के लिए शहाब फेके जाते हैं |
|
3797 | 37 | 9 | دحورا ولهم عذاب واصب |
| | | और उनके लिए पाएदार अज़ाब है |
|
3798 | 37 | 10 | إلا من خطف الخطفة فأتبعه شهاب ثاقب |
| | | मगर जो (शैतान शाज़ व नादिर फरिश्तों की) कोई बात उचक ले भागता है तो आग का दहकता हुआ तीर उसका पीछा करता है |
|
3799 | 37 | 11 | فاستفتهم أهم أشد خلقا أم من خلقنا إنا خلقناهم من طين لازب |
| | | तो (ऐ रसूल) तुम उनसे पूछो तो कि उनका पैदा करना ज्यादा दुश्वार है या उन (मज़कूरा) चीज़ों का जिनको हमने पैदा किया हमने तो उन लोगों को लसदार मिट्टी से पैदा किया |
|
3800 | 37 | 12 | بل عجبت ويسخرون |
| | | बल्कि तुम (उन कुफ्फ़ार के इन्कार पर) ताज्जुब करते हो और वह लोग (तुमसे) मसख़रापन करते हैं |
|
3801 | 37 | 13 | وإذا ذكروا لا يذكرون |
| | | और जब उन्हें समझाया जाता है तो समझते नहीं हैं |
|
3802 | 37 | 14 | وإذا رأوا آية يستسخرون |
| | | और जब किसी मौजिजे क़ो देखते हैं तो (उससे) मसख़रापन करते हैं |
|
3803 | 37 | 15 | وقالوا إن هذا إلا سحر مبين |
| | | और कहते हैं कि ये तो बस खुला हुआ जादू है |
|