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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3787 | 36 | 82 | إنما أمره إذا أراد شيئا أن يقول له كن فيكون |
| | | उसकी शान तो ये है कि जब किसी चीज़ को (पैदा करना) चाहता है तो वह कह देता है कि ''हो जा'' तो (फौरन) हो जाती है |
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3788 | 36 | 83 | فسبحان الذي بيده ملكوت كل شيء وإليه ترجعون |
| | | तो वह ख़ुद (हर नफ्स से) पाक साफ़ है जिसके क़ब्ज़े कुदरत में हर चीज़ की हिकमत है और तुम लोग उसी की तरफ लौट कर जाओगे |
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3789 | 37 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والصافات صفا |
| | | (इबादत या जिहाद में) पर बाँधने वालों की (क़सम) |
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3790 | 37 | 2 | فالزاجرات زجرا |
| | | फिर (बदों को बुराई से) झिड़क कर डाँटने वाले की (क़सम) |
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3791 | 37 | 3 | فالتاليات ذكرا |
| | | फिर कुरान पढ़ने वालों की क़सम है |
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3792 | 37 | 4 | إن إلهكم لواحد |
| | | तुम्हारा माबूद (यक़ीनी) एक ही है |
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3793 | 37 | 5 | رب السماوات والأرض وما بينهما ورب المشارق |
| | | जो सारे आसमान ज़मीन का और जो कुछ इन दोनों के दरमियान है (सबका) परवरदिगार है |
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3794 | 37 | 6 | إنا زينا السماء الدنيا بزينة الكواكب |
| | | और (चाँद सूरज तारे के) तुलूउ व (गुरूब) के मक़ामात का भी मालिक है हम ही ने नीचे वाले आसमान को तारों की आरइश (जगमगाहट) से आरास्ता किया |
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3795 | 37 | 7 | وحفظا من كل شيطان مارد |
| | | और (तारों को) हर सरकश शैतान से हिफ़ाज़त के वास्ते (भी पैदा किया) |
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3796 | 37 | 8 | لا يسمعون إلى الملإ الأعلى ويقذفون من كل جانب |
| | | कि अब शैतान आलमे बाला की तरफ़ कान भी नहीं लगा सकते और (जहाँ सुन गुन लेना चाहा तो) हर तरफ़ से खदेड़ने के लिए शहाब फेके जाते हैं |
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