بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
37873682إنما أمره إذا أراد شيئا أن يقول له كن فيكون
उसकी शान तो ये है कि जब किसी चीज़ को (पैदा करना) चाहता है तो वह कह देता है कि ''हो जा'' तो (फौरन) हो जाती है
37883683فسبحان الذي بيده ملكوت كل شيء وإليه ترجعون
तो वह ख़ुद (हर नफ्स से) पाक साफ़ है जिसके क़ब्ज़े कुदरत में हर चीज़ की हिकमत है और तुम लोग उसी की तरफ लौट कर जाओगे
3789371بسم الله الرحمن الرحيم والصافات صفا
(इबादत या जिहाद में) पर बाँधने वालों की (क़सम)
3790372فالزاجرات زجرا
फिर (बदों को बुराई से) झिड़क कर डाँटने वाले की (क़सम)
3791373فالتاليات ذكرا
फिर कुरान पढ़ने वालों की क़सम है
3792374إن إلهكم لواحد
तुम्हारा माबूद (यक़ीनी) एक ही है
3793375رب السماوات والأرض وما بينهما ورب المشارق
जो सारे आसमान ज़मीन का और जो कुछ इन दोनों के दरमियान है (सबका) परवरदिगार है
3794376إنا زينا السماء الدنيا بزينة الكواكب
और (चाँद सूरज तारे के) तुलूउ व (गुरूब) के मक़ामात का भी मालिक है हम ही ने नीचे वाले आसमान को तारों की आरइश (जगमगाहट) से आरास्ता किया
3795377وحفظا من كل شيطان مارد
और (तारों को) हर सरकश शैतान से हिफ़ाज़त के वास्ते (भी पैदा किया)
3796378لا يسمعون إلى الملإ الأعلى ويقذفون من كل جانب
कि अब शैतान आलमे बाला की तरफ़ कान भी नहीं लगा सकते और (जहाँ सुन गुन लेना चाहा तो) हर तरफ़ से खदेड़ने के लिए शहाब फेके जाते हैं


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