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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3783 | 36 | 78 | وضرب لنا مثلا ونسي خلقه قال من يحيي العظام وهي رميم |
| | | और हमारी निसबत बातें बनाने लगा और अपनी ख़िलक़त (की हालत) भूल गया और कहने लगा कि भला जब ये हड्डियां (सड़गल कर) ख़ाक हो जाएँगी तो (फिर) कौन (दोबारा) ज़िन्दा कर सकता है |
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3784 | 36 | 79 | قل يحييها الذي أنشأها أول مرة وهو بكل خلق عليم |
| | | (ऐ रसूल) तुम कह दो कि उसको वही ज़िन्दा करेगा जिसने उनको (जब ये कुछ न थे) पहली बार ज़िन्दा कर (रखा) |
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3785 | 36 | 80 | الذي جعل لكم من الشجر الأخضر نارا فإذا أنتم منه توقدون |
| | | और वह हर तरह की पैदाइश से वाक़िफ है जिसने तुम्हारे वास्ते (मिर्ख़ और अफ़ार के) हरे दरख्त से आग पैदा कर दी फिर तुम उससे (और) आग सुलगा लेते हो |
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3786 | 36 | 81 | أوليس الذي خلق السماوات والأرض بقادر على أن يخلق مثلهم بلى وهو الخلاق العليم |
| | | (भला) जिस (खुदा) ने सारे आसमान और ज़मीन पैदा किए क्या वह इस पर क़ाबू नहीं रखता कि उनके मिस्ल (दोबारा) पैदा कर दे हाँ (ज़रूर क़ाबू रखता है) और वह तो पैदा करने वाला वाक़िफ़कार है |
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3787 | 36 | 82 | إنما أمره إذا أراد شيئا أن يقول له كن فيكون |
| | | उसकी शान तो ये है कि जब किसी चीज़ को (पैदा करना) चाहता है तो वह कह देता है कि ''हो जा'' तो (फौरन) हो जाती है |
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3788 | 36 | 83 | فسبحان الذي بيده ملكوت كل شيء وإليه ترجعون |
| | | तो वह ख़ुद (हर नफ्स से) पाक साफ़ है जिसके क़ब्ज़े कुदरत में हर चीज़ की हिकमत है और तुम लोग उसी की तरफ लौट कर जाओगे |
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3789 | 37 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والصافات صفا |
| | | (इबादत या जिहाद में) पर बाँधने वालों की (क़सम) |
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3790 | 37 | 2 | فالزاجرات زجرا |
| | | फिर (बदों को बुराई से) झिड़क कर डाँटने वाले की (क़सम) |
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3791 | 37 | 3 | فالتاليات ذكرا |
| | | फिर कुरान पढ़ने वालों की क़सम है |
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3792 | 37 | 4 | إن إلهكم لواحد |
| | | तुम्हारा माबूद (यक़ीनी) एक ही है |
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