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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
379 | 3 | 86 | كيف يهدي الله قوما كفروا بعد إيمانهم وشهدوا أن الرسول حق وجاءهم البينات والله لا يهدي القوم الظالمين |
| | | अल्लाह उन लोगों को कैसे मार्ग दिखाएगा, जिन्होंने अपने ईमान के पश्चात अधर्म और इनकार की नीति अपनाई, जबकि वे स्वयं इस बात की गवाही दे चुके हैं कि यह रसूल सच्चा है और उनके पास स्पष्ट निशानियाँ भी आ चुकी हैं? अल्लाह अत्याचारी लोगों को मार्ग नहीं दिखाया करता |
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380 | 3 | 87 | أولئك جزاؤهم أن عليهم لعنة الله والملائكة والناس أجمعين |
| | | उन लोगों का बदला यही है कि उनपर अल्लाह और फ़रिश्तों और सारे मनुष्यों की लानत है |
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381 | 3 | 88 | خالدين فيها لا يخفف عنهم العذاب ولا هم ينظرون |
| | | इसी दशा में वे सदैव रहेंगे, न उनकी यातना हल्की होगी और न उन्हें मुहलत ही दी जाएगी |
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382 | 3 | 89 | إلا الذين تابوا من بعد ذلك وأصلحوا فإن الله غفور رحيم |
| | | हाँ, जिन लोगों ने इसके पश्चात तौबा कर ली और अपनी नीति को सुधार लिया तो निस्संदेह अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है |
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383 | 3 | 90 | إن الذين كفروا بعد إيمانهم ثم ازدادوا كفرا لن تقبل توبتهم وأولئك هم الضالون |
| | | रहे वे लोग जिन्होंने अपने ईमान के पश्चात इनकार किया और अपने इनकार में बढ़ते ही गए, उनकी तौबा कदापि स्वीकार न होगी। वास्तव में वही पथभ्रष्ट हैं |
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384 | 3 | 91 | إن الذين كفروا وماتوا وهم كفار فلن يقبل من أحدهم ملء الأرض ذهبا ولو افتدى به أولئك لهم عذاب أليم وما لهم من ناصرين |
| | | निस्संदेह जिन लोगों ने इनकार किया और इनकार ही की दशा में मरे, तो उनमें किसी से धरती के बराबर सोना भी, यदि उसने प्राण-मुक्ति के लिए दिया हो, कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसे लोगों के लिए दुखद यातना है और उनका कोई सहायक न होगा |
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385 | 3 | 92 | لن تنالوا البر حتى تنفقوا مما تحبون وما تنفقوا من شيء فإن الله به عليم |
| | | तुम नेकी और वफ़ादारी के दर्जे को नहीं पहुँच सकते, जब तक कि उन चीज़ो को (अल्लाह के मार्ग में) ख़र्च न करो, जो तुम्हें प्रिय है। और जो चीज़ भी तुम ख़र्च करोगे, निश्चय ही अल्लाह को उसका ज्ञान होगा |
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386 | 3 | 93 | كل الطعام كان حلا لبني إسرائيل إلا ما حرم إسرائيل على نفسه من قبل أن تنزل التوراة قل فأتوا بالتوراة فاتلوها إن كنتم صادقين |
| | | खाने की सारी चीज़े इसराईल की संतान के लिए हलाल थी, सिवाय उन चीज़ों के जिन्हें तौरात के उतरने से पहले इसराईल ने स्वयं अपने हराम कर लिया था। कहो, "यदि तुम सच्चे हो तो तौरात लाओ और उसे पढ़ो।" |
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387 | 3 | 94 | فمن افترى على الله الكذب من بعد ذلك فأولئك هم الظالمون |
| | | अब इसके पश्चात भी जो व्यक्ति झूठी बातें अल्लाह से जोड़े, तो ऐसे ही लोग अत्याचारी है |
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388 | 3 | 95 | قل صدق الله فاتبعوا ملة إبراهيم حنيفا وما كان من المشركين |
| | | कहो, "अल्लाह ने सच कहा है; अतः इबराहीम के तरीक़े का अनुसरण करो, जो हर ओर से कटकर एक का हो गया था और मुशरिकों में से न था |
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