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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3756 | 36 | 51 | ونفخ في الصور فإذا هم من الأجداث إلى ربهم ينسلون |
| | | और फिर (जब दोबारा) सूर फूँका जाएगा तो उसी दम ये सब लोग (अपनी-अपनी) क़ब्रों से (निकल-निकल के) अपने परवरदिगार की बारगाह की तरफ चल खड़े होगे |
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3757 | 36 | 52 | قالوا يا ويلنا من بعثنا من مرقدنا هذا ما وعد الرحمن وصدق المرسلون |
| | | और (हैरान होकर) कहेगें हाए अफसोस हम तो पहले सो रहे थे हमें ख्वाबगाह से किसने उठाया (जवाब आएगा) कि ये वही (क़यामत का) दिन है जिसका खुदा ने (भी) वायदा किया था |
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3758 | 36 | 53 | إن كانت إلا صيحة واحدة فإذا هم جميع لدينا محضرون |
| | | और पैग़म्बरों ने भी सच कहा था (क़यामत तो) बस एक सख्त चिंघाड़ होगी फिर एका एकी ये लोग सब के सब हमारे हुजूर में हाज़िर किए जाएँगे |
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3759 | 36 | 54 | فاليوم لا تظلم نفس شيئا ولا تجزون إلا ما كنتم تعملون |
| | | फिर आज (क़यामत के दिन) किसी शख्स पर कुछ भी ज़ुल्म न होगा और तुम लोगों को तो उसी का बदला दिया जाएगा जो तुम लोग (दुनिया में) किया करते थे |
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3760 | 36 | 55 | إن أصحاب الجنة اليوم في شغل فاكهون |
| | | बेहश्त के रहने वाले आज (रोजे क़यामत) एक न एक मशग़ले में जी बहला रहे हैं |
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3761 | 36 | 56 | هم وأزواجهم في ظلال على الأرائك متكئون |
| | | वह अपनी बीवियों के साथ (ठन्डी) छाँव में तकिया लगाए तख्तों पर (चैन से) बैठे हुए हैं |
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3762 | 36 | 57 | لهم فيها فاكهة ولهم ما يدعون |
| | | बेिहश्त में उनके लिए (ताज़ा) मेवे (तैयार) हैं और जो वह चाहें उनके लिए (हाज़िर) है |
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3763 | 36 | 58 | سلام قولا من رب رحيم |
| | | मेहरबान परवरदिगार की तरफ से सलाम का पैग़ाम आएगा |
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3764 | 36 | 59 | وامتازوا اليوم أيها المجرمون |
| | | और (एक आवाज़ आएगी कि) ऐ गुनाहगारों तुम लोग (इनसे) अलग हो जाओ |
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3765 | 36 | 60 | ألم أعهد إليكم يا بني آدم أن لا تعبدوا الشيطان إنه لكم عدو مبين |
| | | ऐ आदम की औलाद क्या मैंने तुम्हारे पास ये हुक्म नहीं भेजा था कि (ख़बरदार) शैतान की परसतिश न करना वह यक़ीनी तुम्हारा खुल्लम खुल्ला दुश्मन है |
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