بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
37533648ويقولون متى هذا الوعد إن كنتم صادقين
और कहते हैं कि (भला) अगर तुम लोग (अपने दावे में सच्चे हो) तो आख़िर ये (क़यामत का) वायदा कब पूरा होगा
37543649ما ينظرون إلا صيحة واحدة تأخذهم وهم يخصمون
(ऐ रसूल) ये लोग एक सख्त चिंघाड़ (सूर) के मुनतज़िर हैं जो उन्हें (उस वक्त) ले डालेगी
37553650فلا يستطيعون توصية ولا إلى أهلهم يرجعون
जब ये लोग बाहम झगड़ रहे होगें फिर न तो ये लोग वसीयत ही करने पायेंगे और न अपने लड़के बालों ही की तरफ लौट कर जा सकेगें
37563651ونفخ في الصور فإذا هم من الأجداث إلى ربهم ينسلون
और फिर (जब दोबारा) सूर फूँका जाएगा तो उसी दम ये सब लोग (अपनी-अपनी) क़ब्रों से (निकल-निकल के) अपने परवरदिगार की बारगाह की तरफ चल खड़े होगे
37573652قالوا يا ويلنا من بعثنا من مرقدنا هذا ما وعد الرحمن وصدق المرسلون
और (हैरान होकर) कहेगें हाए अफसोस हम तो पहले सो रहे थे हमें ख्वाबगाह से किसने उठाया (जवाब आएगा) कि ये वही (क़यामत का) दिन है जिसका खुदा ने (भी) वायदा किया था
37583653إن كانت إلا صيحة واحدة فإذا هم جميع لدينا محضرون
और पैग़म्बरों ने भी सच कहा था (क़यामत तो) बस एक सख्त चिंघाड़ होगी फिर एका एकी ये लोग सब के सब हमारे हुजूर में हाज़िर किए जाएँगे
37593654فاليوم لا تظلم نفس شيئا ولا تجزون إلا ما كنتم تعملون
फिर आज (क़यामत के दिन) किसी शख्स पर कुछ भी ज़ुल्म न होगा और तुम लोगों को तो उसी का बदला दिया जाएगा जो तुम लोग (दुनिया में) किया करते थे
37603655إن أصحاب الجنة اليوم في شغل فاكهون
बेहश्त के रहने वाले आज (रोजे क़यामत) एक न एक मशग़ले में जी बहला रहे हैं
37613656هم وأزواجهم في ظلال على الأرائك متكئون
वह अपनी बीवियों के साथ (ठन्डी) छाँव में तकिया लगाए तख्तों पर (चैन से) बैठे हुए हैं
37623657لهم فيها فاكهة ولهم ما يدعون
बेिहश्त में उनके लिए (ताज़ा) मेवे (तैयार) हैं और जो वह चाहें उनके लिए (हाज़िर) है


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