نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3753 | 36 | 48 | ويقولون متى هذا الوعد إن كنتم صادقين |
| | | और कहते हैं कि (भला) अगर तुम लोग (अपने दावे में सच्चे हो) तो आख़िर ये (क़यामत का) वायदा कब पूरा होगा |
|
3754 | 36 | 49 | ما ينظرون إلا صيحة واحدة تأخذهم وهم يخصمون |
| | | (ऐ रसूल) ये लोग एक सख्त चिंघाड़ (सूर) के मुनतज़िर हैं जो उन्हें (उस वक्त) ले डालेगी |
|
3755 | 36 | 50 | فلا يستطيعون توصية ولا إلى أهلهم يرجعون |
| | | जब ये लोग बाहम झगड़ रहे होगें फिर न तो ये लोग वसीयत ही करने पायेंगे और न अपने लड़के बालों ही की तरफ लौट कर जा सकेगें |
|
3756 | 36 | 51 | ونفخ في الصور فإذا هم من الأجداث إلى ربهم ينسلون |
| | | और फिर (जब दोबारा) सूर फूँका जाएगा तो उसी दम ये सब लोग (अपनी-अपनी) क़ब्रों से (निकल-निकल के) अपने परवरदिगार की बारगाह की तरफ चल खड़े होगे |
|
3757 | 36 | 52 | قالوا يا ويلنا من بعثنا من مرقدنا هذا ما وعد الرحمن وصدق المرسلون |
| | | और (हैरान होकर) कहेगें हाए अफसोस हम तो पहले सो रहे थे हमें ख्वाबगाह से किसने उठाया (जवाब आएगा) कि ये वही (क़यामत का) दिन है जिसका खुदा ने (भी) वायदा किया था |
|
3758 | 36 | 53 | إن كانت إلا صيحة واحدة فإذا هم جميع لدينا محضرون |
| | | और पैग़म्बरों ने भी सच कहा था (क़यामत तो) बस एक सख्त चिंघाड़ होगी फिर एका एकी ये लोग सब के सब हमारे हुजूर में हाज़िर किए जाएँगे |
|
3759 | 36 | 54 | فاليوم لا تظلم نفس شيئا ولا تجزون إلا ما كنتم تعملون |
| | | फिर आज (क़यामत के दिन) किसी शख्स पर कुछ भी ज़ुल्म न होगा और तुम लोगों को तो उसी का बदला दिया जाएगा जो तुम लोग (दुनिया में) किया करते थे |
|
3760 | 36 | 55 | إن أصحاب الجنة اليوم في شغل فاكهون |
| | | बेहश्त के रहने वाले आज (रोजे क़यामत) एक न एक मशग़ले में जी बहला रहे हैं |
|
3761 | 36 | 56 | هم وأزواجهم في ظلال على الأرائك متكئون |
| | | वह अपनी बीवियों के साथ (ठन्डी) छाँव में तकिया लगाए तख्तों पर (चैन से) बैठे हुए हैं |
|
3762 | 36 | 57 | لهم فيها فاكهة ولهم ما يدعون |
| | | बेिहश्त में उनके लिए (ताज़ा) मेवे (तैयार) हैं और जो वह चाहें उनके लिए (हाज़िर) है |
|