بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
37193614إذ أرسلنا إليهم اثنين فكذبوهما فعززنا بثالث فقالوا إنا إليكم مرسلون
जबकि हमने उनकी ओर दो दूत भेजे, तो उन्होंने झुठला दिया। तब हमने तीसरे के द्वारा शक्ति पहुँचाई, तो उन्होंने कहा, "हम तुम्हारी ओर भेजे गए हैं।"
37203615قالوا ما أنتم إلا بشر مثلنا وما أنزل الرحمن من شيء إن أنتم إلا تكذبون
वे बोले, "तुम तो बस हमारे ही जैसे मनुष्य हो। रहमान ने तो कोई भी चीज़ अवतरित नहीं की है। तुम केवल झूठ बोलते हो।"
37213616قالوا ربنا يعلم إنا إليكم لمرسلون
उन्होंने कहा, "हमारा रब जानता है कि हम निश्चय ही तुम्हारी ओर भेजे गए है
37223617وما علينا إلا البلاغ المبين
औऱ हमारी ज़िम्मेदारी तो केवल स्पष्ट रूप से संदेश पहुँचा देने की हैं।"
37233618قالوا إنا تطيرنا بكم لئن لم تنتهوا لنرجمنكم وليمسنكم منا عذاب أليم
वे बोले, "हम तो तुम्हें अपशकुन समझते है, यदि तुम बाज न आए तो हम तुम्हें पथराव करके मार डालेंगे और तुम्हें अवश्य हमारी ओर से दुखद यातना पहुँचेगी।"
37243619قالوا طائركم معكم أئن ذكرتم بل أنتم قوم مسرفون
उन्होंने कहा, "तुम्हारा अवशकुन तो तुम्हारे अपने ही साथ है। क्या यदि तुम्हें याददिहानी कराई जाए (तो यह कोई क्रुद्ध होने की बात है)? नहीं, बल्कि तुम मर्यादाहीन लोग हो।"
37253620وجاء من أقصى المدينة رجل يسعى قال يا قوم اتبعوا المرسلين
इतने में नगर के दूरवर्ती सिरे से एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आया। उसने कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! उनका अनुवर्तन करो, जो भेजे गए है।
37263621اتبعوا من لا يسألكم أجرا وهم مهتدون
उसका अनुवर्तन करो जो तुमसे कोई बदला नहीं माँगते और वे सीधे मार्ग पर है
37273622وما لي لا أعبد الذي فطرني وإليه ترجعون
"और मुझे क्या हुआ है कि मैं उसकी बन्दगी न करूँ, जिसने मुझे पैदा किया और उसी की ओर तुम्हें लौटकर जाना है?
37283623أأتخذ من دونه آلهة إن يردن الرحمن بضر لا تغن عني شفاعتهم شيئا ولا ينقذون
"क्या मैं उससे इतर दूसरे उपास्य बना लूँ? यदि रहमान मुझे कोई तकलीफ़ पहुँचाना चाहे तो उनकी सिफ़ारिश मेरे कुछ काम नहीं आ सकती और न वे मुझे छुडा ही सकते है


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