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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3719 | 36 | 14 | إذ أرسلنا إليهم اثنين فكذبوهما فعززنا بثالث فقالوا إنا إليكم مرسلون |
| | | जबकि हमने उनकी ओर दो दूत भेजे, तो उन्होंने झुठला दिया। तब हमने तीसरे के द्वारा शक्ति पहुँचाई, तो उन्होंने कहा, "हम तुम्हारी ओर भेजे गए हैं।" |
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3720 | 36 | 15 | قالوا ما أنتم إلا بشر مثلنا وما أنزل الرحمن من شيء إن أنتم إلا تكذبون |
| | | वे बोले, "तुम तो बस हमारे ही जैसे मनुष्य हो। रहमान ने तो कोई भी चीज़ अवतरित नहीं की है। तुम केवल झूठ बोलते हो।" |
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3721 | 36 | 16 | قالوا ربنا يعلم إنا إليكم لمرسلون |
| | | उन्होंने कहा, "हमारा रब जानता है कि हम निश्चय ही तुम्हारी ओर भेजे गए है |
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3722 | 36 | 17 | وما علينا إلا البلاغ المبين |
| | | औऱ हमारी ज़िम्मेदारी तो केवल स्पष्ट रूप से संदेश पहुँचा देने की हैं।" |
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3723 | 36 | 18 | قالوا إنا تطيرنا بكم لئن لم تنتهوا لنرجمنكم وليمسنكم منا عذاب أليم |
| | | वे बोले, "हम तो तुम्हें अपशकुन समझते है, यदि तुम बाज न आए तो हम तुम्हें पथराव करके मार डालेंगे और तुम्हें अवश्य हमारी ओर से दुखद यातना पहुँचेगी।" |
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3724 | 36 | 19 | قالوا طائركم معكم أئن ذكرتم بل أنتم قوم مسرفون |
| | | उन्होंने कहा, "तुम्हारा अवशकुन तो तुम्हारे अपने ही साथ है। क्या यदि तुम्हें याददिहानी कराई जाए (तो यह कोई क्रुद्ध होने की बात है)? नहीं, बल्कि तुम मर्यादाहीन लोग हो।" |
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3725 | 36 | 20 | وجاء من أقصى المدينة رجل يسعى قال يا قوم اتبعوا المرسلين |
| | | इतने में नगर के दूरवर्ती सिरे से एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आया। उसने कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! उनका अनुवर्तन करो, जो भेजे गए है। |
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3726 | 36 | 21 | اتبعوا من لا يسألكم أجرا وهم مهتدون |
| | | उसका अनुवर्तन करो जो तुमसे कोई बदला नहीं माँगते और वे सीधे मार्ग पर है |
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3727 | 36 | 22 | وما لي لا أعبد الذي فطرني وإليه ترجعون |
| | | "और मुझे क्या हुआ है कि मैं उसकी बन्दगी न करूँ, जिसने मुझे पैदा किया और उसी की ओर तुम्हें लौटकर जाना है? |
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3728 | 36 | 23 | أأتخذ من دونه آلهة إن يردن الرحمن بضر لا تغن عني شفاعتهم شيئا ولا ينقذون |
| | | "क्या मैं उससे इतर दूसरे उपास्य बना लूँ? यदि रहमान मुझे कोई तकलीफ़ पहुँचाना चाहे तो उनकी सिफ़ारिश मेरे कुछ काम नहीं आ सकती और न वे मुझे छुडा ही सकते है |
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