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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3702 | 35 | 42 | وأقسموا بالله جهد أيمانهم لئن جاءهم نذير ليكونن أهدى من إحدى الأمم فلما جاءهم نذير ما زادهم إلا نفورا |
| | | और ये लोग तो खुदा की बड़ी-बड़ी सख्त क़समें खा (कर कहते) थे कि बेशक अगर उनके पास कोई डराने वाला (पैग़म्बर) आएगा तो वह ज़रूर हर एक उम्मत से ज्यादा रूबसह होंगे फिर जब उनके पास डराने वाला (रसूल) आ पहुँचा तो (उन लोगों को) रूए ज़मीन में सरकशी और बुरी-बुरी तद्बीरें करने की वजह से |
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3703 | 35 | 43 | استكبارا في الأرض ومكر السيئ ولا يحيق المكر السيئ إلا بأهله فهل ينظرون إلا سنت الأولين فلن تجد لسنت الله تبديلا ولن تجد لسنت الله تحويلا |
| | | (उसके आने से) उनकी नफरत को तरक्की ही होती गयी और बुदी तद्बीर (की बुराई) तो बुरी तद्बीर करने वाले ही पर पड़ती है तो (हो न हो) ये लोग बस अगले ही लोगों के बरताव के मुन्तज़िर हैं तो (बेहतर) तुम खुदा के दसतूर में कभी तब्दीली न पाओगे और खुदा की आदत में हरगिज़ कोई तग़य्युर न पाओगे |
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3704 | 35 | 44 | أولم يسيروا في الأرض فينظروا كيف كان عاقبة الذين من قبلهم وكانوا أشد منهم قوة وما كان الله ليعجزه من شيء في السماوات ولا في الأرض إنه كان عليما قديرا |
| | | तो क्या उन लोगों ने रूए ज़मीन पर चल फिर कर नहीं देखा कि जो लोग उनके पहले थे और उनसे ज़ोर व कूवत में भी कहीं बढ़-चढ़ के थे फिर उनका (नाफ़रमानी की वजह से) क्या (ख़राब) अन्जाम हुआ और खुदा ऐसा (गया गुज़रा) नहीं है कि उसे कोई चीज़ आजिज़ कर सके (न इतने) आसमानों में और न ज़मीन में बेशक वह बड़ा ख़बरदार (और) बड़ी (क़ाबू) कुदरत वाला है |
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3705 | 35 | 45 | ولو يؤاخذ الله الناس بما كسبوا ما ترك على ظهرها من دابة ولكن يؤخرهم إلى أجل مسمى فإذا جاء أجلهم فإن الله كان بعباده بصيرا |
| | | और अगर (कहीं) खुदा लोगों की करतूतों की गिरफ्त करता तो (जैसी उनकी करनी है) रूए ज़मीन पर किसी जानवर को बाक़ी न छोड़ता मगर वह तो एक मुक़र्रर मियाद तक लोगों को मोहलत देता है (कि जो करना हो कर लो) फिर जब उनका (वह) वक्त अा जाएगा तो खुदा यक़ीनी तौर पर अपने बन्दों (के हाल) को देख रहा है (जो जैसा करेगा वैसा पाएगा) |
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3706 | 36 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم يس |
| | | यासीन |
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3707 | 36 | 2 | والقرآن الحكيم |
| | | इस पुरअज़ हिकमत कुरान की क़सम |
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3708 | 36 | 3 | إنك لمن المرسلين |
| | | (ऐ रसूल) तुम बिलाशक यक़ीनी पैग़म्बरों में से हो |
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3709 | 36 | 4 | على صراط مستقيم |
| | | (और दीन के बिल्कुल) सीधे रास्ते पर (साबित क़दम) हो |
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3710 | 36 | 5 | تنزيل العزيز الرحيم |
| | | जो बड़े मेहरबान (और) ग़ालिब (खुदा) का नाज़िल किया हुआ (है) |
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3711 | 36 | 6 | لتنذر قوما ما أنذر آباؤهم فهم غافلون |
| | | ताकि तुम उन लोगों को (अज़ाबे खुदा से) डराओ जिनके बाप दादा (तुमसे पहले किसी पैग़म्बर से) डराए नहीं गए |
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