بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
36953535الذي أحلنا دار المقامة من فضله لا يمسنا فيها نصب ولا يمسنا فيها لغوب
जिसने हमें अपने उदार अनुग्रह से रहने के ऐसे घर में उतारा जहाँ न हमें कोई मशक़्क़त उठानी पड़ती है और न हमें कोई थकान ही आती है।"
36963536والذين كفروا لهم نار جهنم لا يقضى عليهم فيموتوا ولا يخفف عنهم من عذابها كذلك نجزي كل كفور
रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया, उनके लिए जहन्नम की आग है, न उनका काम तमाम किया जाएगा कि मर जाएँ और न उनसे उसकी यातना ही कुछ हल्की की जाएगी। हम ऐसा ही बदला प्रत्येक अकृतज्ञ को देते है
36973537وهم يصطرخون فيها ربنا أخرجنا نعمل صالحا غير الذي كنا نعمل أولم نعمركم ما يتذكر فيه من تذكر وجاءكم النذير فذوقوا فما للظالمين من نصير
वे वहाँ चिल्लाएँगे कि "ऐ हमारे रब! हमें निकाल ले। हम अच्छा कर्म करेंगे, उससे भिन्न जो हम करते रहे।" "क्या हमने तुम्हें इतनी आयु नहीं दी कि जिसमें कोई होश में आना चाहता तो होश में आ जाता? और तुम्हारे पास सचेतकर्ता भी आया था, तो अब मज़ा चखते रहो! ज़ालिमोंं को कोई सहायक नहीं!"
36983538إن الله عالم غيب السماوات والأرض إنه عليم بذات الصدور
निस्संदेह अल्लाह आकाशों और धरती की छिपी बात को जानता है। वह तो सीनो तक की बात जानता है
36993539هو الذي جعلكم خلائف في الأرض فمن كفر فعليه كفره ولا يزيد الكافرين كفرهم عند ربهم إلا مقتا ولا يزيد الكافرين كفرهم إلا خسارا
वही तो है जिसने तुम्हे धरती में ख़लीफ़ा बनाया। अब तो कोई इनकार करेगा, उसके इनकार का वबाल उसी पर है। इनकार करनेवालों का इनकार उनके रब के यहाँ केवल प्रकोप ही को बढ़ाता है, और इनकार करनेवालों का इनकार केवल घाटे में ही अभिवृद्धि करता है
37003540قل أرأيتم شركاءكم الذين تدعون من دون الله أروني ماذا خلقوا من الأرض أم لهم شرك في السماوات أم آتيناهم كتابا فهم على بينت منه بل إن يعد الظالمون بعضهم بعضا إلا غرورا
कहो, "क्या तुमने अपने ठहराए हुए साझीदारो का अवलोकन भी किया, जिन्हें तुम अल्लाह को छोड़कर पुकारते हो? मुझे दिखाओ उन्होंने धरती का कौन-सा भाग पैदा किया है या आकाशों में उनकी कोई भागीदारी है?" या हमने उन्हें कोई किताब ही है कि उसका कोई स्पष्ट प्रमाण उनके पक्ष में हो? नहीं, बल्कि वे ज़ालिम आपस में एक-दूसरे से केवल धोखे का वादा कर रहे है
37013541إن الله يمسك السماوات والأرض أن تزولا ولئن زالتا إن أمسكهما من أحد من بعده إنه كان حليما غفورا
अल्लाह ही आकाशों और धरती को थामे हुए है कि वे टल न जाएँ और यदि वे टल जाएँ तो उसके पश्चात कोई भी नहीं जो उन्हें थाम सके। निस्संदेह, वह बहुत सहनशील, क्षमा करनेवाला है
37023542وأقسموا بالله جهد أيمانهم لئن جاءهم نذير ليكونن أهدى من إحدى الأمم فلما جاءهم نذير ما زادهم إلا نفورا
उन्होंने अल्लाह की कड़ी-कड़ी क़समें खाई थी कि यदि उनके पास कोई सचेतकर्ता आए तो वे समुदायों में से प्रत्येक से बढ़कर सीधे मार्ग पर होंगे। किन्तु जब उनके पास एक सचेतकर्ता आ गया तो इस चीज़ ने धरती में उनके घमंड और बुरी चालों के कारण उनकी नफ़रत ही में अभिवृद्धि की,
37033543استكبارا في الأرض ومكر السيئ ولا يحيق المكر السيئ إلا بأهله فهل ينظرون إلا سنت الأولين فلن تجد لسنت الله تبديلا ولن تجد لسنت الله تحويلا
हालाँकि बुरी चाल अपने ही लोगों को घेर लेती है। तो अब क्या जो रीति अगलों के सिलसिले में रही है वे बस उसी रीति की प्रतिक्षा कर रहे है? तो तुम अल्लाह की रीति में कदापि कोई परिवर्तन न पाओगे और न तुम अल्लाह की रीति को कभी टलते ही पाओगे
37043544أولم يسيروا في الأرض فينظروا كيف كان عاقبة الذين من قبلهم وكانوا أشد منهم قوة وما كان الله ليعجزه من شيء في السماوات ولا في الأرض إنه كان عليما قديرا
क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं कि देखते कि उन लोगों का कैसा परिणाम हुआ है जो उनसे पहले गुज़रे हैं? हालाँकि वे शक्ति में उनसे कही बढ़-चढ़कर थे। अल्लाह ऐसा नहीं कि आकाशों में कोई चीज़ उसे मात कर सके और न धरती ही में। निस्संदेह वह सर्वज्ञ, सामर्थ्यमान है


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