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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3690 | 35 | 30 | ليوفيهم أجورهم ويزيدهم من فضله إنه غفور شكور |
| | | परिणामस्वरूप वह उन्हें उनके प्रतिदान पूरे-पूरे दे और अपने उदार अनुग्रह से उन्हें और अधिक भी प्रदान करे। निस्संदेह वह बहुत क्षमाशील, अत्यन्त गुणग्राहक है |
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3691 | 35 | 31 | والذي أوحينا إليك من الكتاب هو الحق مصدقا لما بين يديه إن الله بعباده لخبير بصير |
| | | जो किताब हमने तुम्हारी ओर प्रकाशना द्वारा भेजी है, वही सत्य है। अपने से पहले (की किताबों) की पुष्टि में है। निश्चय ही अल्लाह अपने बन्दों की ख़बर पूरी रखनेवाला, देखनेवाला है |
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3692 | 35 | 32 | ثم أورثنا الكتاب الذين اصطفينا من عبادنا فمنهم ظالم لنفسه ومنهم مقتصد ومنهم سابق بالخيرات بإذن الله ذلك هو الفضل الكبير |
| | | फिर हमने इस किताब का उत्तराधिकारी उन लोगों को बनाया, जिन्हें हमने अपने बन्दो में से चुन लिया है। अब कोई तो उनमें से अपने आप पर ज़ुल्म करता है और कोई उनमें से मध्य श्रेणी का है और कोई उनमें से अल्लाह के कृपायोग से भलाइयों में अग्रसर है। यही है बड़ी श्रेष्ठता। - |
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3693 | 35 | 33 | جنات عدن يدخلونها يحلون فيها من أساور من ذهب ولؤلؤا ولباسهم فيها حرير |
| | | सदैव रहने के बाग है, जिनमें वे प्रवेश करेंगे। वहाँ उन्हें सोने के कंगनों और मोती से आभूषित किया जाएगा। और वहाँ उनका वस्त्र रेशम होगा |
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3694 | 35 | 34 | وقالوا الحمد لله الذي أذهب عنا الحزن إن ربنا لغفور شكور |
| | | और वे कहेंगे, "सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने हमसे ग़म दूर कर दिया। निश्चय ही हमारा रब अत्यन्त क्षमाशील, बड़ा गुणग्राहक है |
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3695 | 35 | 35 | الذي أحلنا دار المقامة من فضله لا يمسنا فيها نصب ولا يمسنا فيها لغوب |
| | | जिसने हमें अपने उदार अनुग्रह से रहने के ऐसे घर में उतारा जहाँ न हमें कोई मशक़्क़त उठानी पड़ती है और न हमें कोई थकान ही आती है।" |
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3696 | 35 | 36 | والذين كفروا لهم نار جهنم لا يقضى عليهم فيموتوا ولا يخفف عنهم من عذابها كذلك نجزي كل كفور |
| | | रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया, उनके लिए जहन्नम की आग है, न उनका काम तमाम किया जाएगा कि मर जाएँ और न उनसे उसकी यातना ही कुछ हल्की की जाएगी। हम ऐसा ही बदला प्रत्येक अकृतज्ञ को देते है |
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3697 | 35 | 37 | وهم يصطرخون فيها ربنا أخرجنا نعمل صالحا غير الذي كنا نعمل أولم نعمركم ما يتذكر فيه من تذكر وجاءكم النذير فذوقوا فما للظالمين من نصير |
| | | वे वहाँ चिल्लाएँगे कि "ऐ हमारे रब! हमें निकाल ले। हम अच्छा कर्म करेंगे, उससे भिन्न जो हम करते रहे।" "क्या हमने तुम्हें इतनी आयु नहीं दी कि जिसमें कोई होश में आना चाहता तो होश में आ जाता? और तुम्हारे पास सचेतकर्ता भी आया था, तो अब मज़ा चखते रहो! ज़ालिमोंं को कोई सहायक नहीं!" |
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3698 | 35 | 38 | إن الله عالم غيب السماوات والأرض إنه عليم بذات الصدور |
| | | निस्संदेह अल्लाह आकाशों और धरती की छिपी बात को जानता है। वह तो सीनो तक की बात जानता है |
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3699 | 35 | 39 | هو الذي جعلكم خلائف في الأرض فمن كفر فعليه كفره ولا يزيد الكافرين كفرهم عند ربهم إلا مقتا ولا يزيد الكافرين كفرهم إلا خسارا |
| | | वही तो है जिसने तुम्हे धरती में ख़लीफ़ा बनाया। अब तो कोई इनकार करेगा, उसके इनकार का वबाल उसी पर है। इनकार करनेवालों का इनकार उनके रब के यहाँ केवल प्रकोप ही को बढ़ाता है, और इनकार करनेवालों का इनकार केवल घाटे में ही अभिवृद्धि करता है |
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