بسم الله الرحمن الرحيم

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36893529إن الذين يتلون كتاب الله وأقاموا الصلاة وأنفقوا مما رزقناهم سرا وعلانية يرجون تجارة لن تبور
बेशक जो लोग Âुदा की किताब पढ़ा करते हैं और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ते हैं और जो कुछ हमने उन्हें अता किया है उसमें से छिपा के और दिखा के (खुदा की राह में) देते हैं वह यक़ीनन ऐसे व्यापार का आसरा रखते हैं
36903530ليوفيهم أجورهم ويزيدهم من فضله إنه غفور شكور
जिसका कभी टाट न उलटेगा ताकि खुदा उन्हें उनकी मज़दूरियाँ भरपूर अता करे बल्कि अपने फज़ल (व करम) से उसे कुछ और बढ़ा देगा बेशक वह बड़ा बख्शने वाला है (और) बड़ा क़द्रदान है
36913531والذي أوحينا إليك من الكتاب هو الحق مصدقا لما بين يديه إن الله بعباده لخبير بصير
और हमने जो किताब तुम्हारे पास ''वही'' के ज़रिए से भेजी वह बिल्कुल ठीक है और जो (किताबें इससे पहले की) उसके सामने (मौजूद) हैं उनकी तसदीक़ भी करती हैं - बेशक खुदा अपने बन्दों (के हालात) से खूब वाक़िफ है (और) देख रहा है
36923532ثم أورثنا الكتاب الذين اصطفينا من عبادنا فمنهم ظالم لنفسه ومنهم مقتصد ومنهم سابق بالخيرات بإذن الله ذلك هو الفضل الكبير
फिर हमने अपने बन्दगान में से ख़ास उनको कुरान का वारिस बनाया जिन्हें (अहल समझकर) मुन्तख़िब किया क्योंकि बन्दों में से कुछ तो (नाफरमानी करके) अपनी जान पर सितम ढाते हैं और कुछ उनमें से (नेकी बदी के) दरमियान हैं और उनमें से कुछ लोग खुदा के इख़तेयार से नेकों में (औरों से) गोया सबकत ले गए हैं (इन्तेख़ाब व सबक़त) तो खुदा का बड़ा फज़ल है
36933533جنات عدن يدخلونها يحلون فيها من أساور من ذهب ولؤلؤا ولباسهم فيها حرير
(और उसका सिला बेहिश्त के) सदा बहार बाग़ात हैं जिनमें ये लोग दाख़िल होंगे और उन्हें वहाँ सोने के कंगन और मोती पहनाए जाएँगे और वहाँ उनकी (मामूली) पोशाक ख़ालिस रेशमी होगी
36943534وقالوا الحمد لله الذي أذهب عنا الحزن إن ربنا لغفور شكور
और ये लोग (खुशी के लहजे में) कहेंगे खुदा का शुक्र जिसने हम से (हर क़िस्म का) रंज व ग़म दूर कर दिया बेशक हमारा परवरदिगार बड़ा बख्शने वाला (और) क़दरदान है
36953535الذي أحلنا دار المقامة من فضله لا يمسنا فيها نصب ولا يمسنا فيها لغوب
जिसने हमको अपने फज़ल (व करम) से हमेशगी के घर (बेहिश्त) में उतारा (मेहमान किया) जहाँ हमें कोई तकलीफ छुयेगी भी तो नहीं और न कोई थकान ही पहुँचेगी
36963536والذين كفروا لهم نار جهنم لا يقضى عليهم فيموتوا ولا يخفف عنهم من عذابها كذلك نجزي كل كفور
और जो लोग काफिर हो बैठे उनके लिए जहन्नुम की आग है न उनकी कज़ा ही आएगी कि वह मर जाए और तकलीफ से नजात मिले और न उनसे उनके अज़ाब ही में तख़फीफ की जाएगी हम हर नाशुक्रे की सज़ा यूँ ही किया करते हैं
36973537وهم يصطرخون فيها ربنا أخرجنا نعمل صالحا غير الذي كنا نعمل أولم نعمركم ما يتذكر فيه من تذكر وجاءكم النذير فذوقوا فما للظالمين من نصير
और ये लोग दोजख़ में (पड़े) चिल्लाया करेगें कि परवरदिगार अब हमको (यहाँ से) निकाल दे तो जो कुछ हम करते थे उसे छोड़कर नेक काम करेंगे (तो ख़ुदा जवाब देगा कि) क्या हमने तुम्हें इतनी उम्रें न दी थी कि जिनमें जिसको जो कुछ सोंचना समझना (मंज़ूर) हो खूब सोच समझ ले और (उसके अलावा) तुम्हारे पास (हमारा) डराने वाला (पैग़म्बर) भी पहुँच गया था तो (अपने किए का मज़ा) चखो क्योंकि सरकश लोगों का कोई मद्दगार नहीं
36983538إن الله عالم غيب السماوات والأرض إنه عليم بذات الصدور
बेशक खुदा सारे आसमान व ज़मीन की पोशीदा बातों से ख़ूब वाक़िफ है वह यक़ीनी दिलों के पोशीदा राज़ से बाख़बर है


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