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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3677 | 35 | 17 | وما ذلك على الله بعزيز |
| | | और यह अल्लाह के लिए कुछ भी कठिन नहीं |
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3678 | 35 | 18 | ولا تزر وازرة وزر أخرى وإن تدع مثقلة إلى حملها لا يحمل منه شيء ولو كان ذا قربى إنما تنذر الذين يخشون ربهم بالغيب وأقاموا الصلاة ومن تزكى فإنما يتزكى لنفسه وإلى الله المصير |
| | | कोई बोझ उठानेवाला किसी दूसरे का बोझ न उठाएगा। और यदि कोई कोई से दबा हुआ व्यक्ति अपना बोझ उठाने के लिए पुकारे तो उसमें से कुछ भी न उठाया, यद्यपि वह निकट का सम्बन्धी ही क्यों न हो। तुम तो केवल सावधान कर रहे हो। जो परोक्ष में रहते हुए अपने रब से डरते हैं और नमाज़ के पाबन्द हो चुके है (उनकी आत्मा का विकास हो गया) । और जिसने स्वयं को विकसित किया वह अपने ही भले के लिए अपने आपको विकसित करेगा। और पलटकर जाना तो अल्लाह ही की ओर है |
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3679 | 35 | 19 | وما يستوي الأعمى والبصير |
| | | अंधा और आँखोंवाला बराबर नहीं, |
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3680 | 35 | 20 | ولا الظلمات ولا النور |
| | | और न अँधेरे और प्रकाश, |
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3681 | 35 | 21 | ولا الظل ولا الحرور |
| | | और न छाया और धूप |
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3682 | 35 | 22 | وما يستوي الأحياء ولا الأموات إن الله يسمع من يشاء وما أنت بمسمع من في القبور |
| | | और न जीवित और मृत बराबर है। निश्चय ही अल्लाह जिसे चाहता है सुनाता है। तुम उन लोगों को नहीं सुना सकते, जो क़ब्रों में हो। |
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3683 | 35 | 23 | إن أنت إلا نذير |
| | | तुम तो बस एक सचेतकर्ता हो |
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3684 | 35 | 24 | إنا أرسلناك بالحق بشيرا ونذيرا وإن من أمة إلا خلا فيها نذير |
| | | हमने तुम्हें सत्य के साथ भेजा है, शुभ-सूचना देनेवाला और सचेतकर्ता बनाकर। और जो भी समुदाय गुज़रा है, उसमें अनिवार्यतः एक सचेतकर्ता हुआ है |
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3685 | 35 | 25 | وإن يكذبوك فقد كذب الذين من قبلهم جاءتهم رسلهم بالبينات وبالزبر وبالكتاب المنير |
| | | यदि वे तुम्हें झुठलाते है तो जो उनसे पहले थे वे भी झुठला चुके है। उनके रसूल उनके पास स्पष्ट और ज़बूरें और प्रकाशमान किताब लेकर आए थे |
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3686 | 35 | 26 | ثم أخذت الذين كفروا فكيف كان نكير |
| | | फिर मैं उन लोगों को, जिन्होंने इनकार किया, पकड़ लिया (तो फिर कैसा रहा मेरा इनकार!) |
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