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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3674 | 35 | 14 | إن تدعوهم لا يسمعوا دعاءكم ولو سمعوا ما استجابوا لكم ويوم القيامة يكفرون بشرككم ولا ينبئك مثل خبير |
| | | अगर तुम उनको पुकारो तो वह तुम्हारी पुकार को सुनते नहीं अगर (बिफ़रज़े मुहाल) सुनों भी तो तुम्हारी दुआएँ नहीं कुबूल कर सकते और क़यामत के दिन तुम्हारे शिर्क से इन्कार कर बैठेंगें और वाक़िफकार (शख्स की तरह कोई दूसरा उनकी पूरी हालत) तुम्हें बता नहीं सकता |
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3675 | 35 | 15 | يا أيها الناس أنتم الفقراء إلى الله والله هو الغني الحميد |
| | | लोगों तुम सब के सब खुदा के (हर वक्त) मोहताज हो और (सिर्फ) खुदा ही (सबसे) बेपरवा सज़ावारे हम्द (व सना) है |
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3676 | 35 | 16 | إن يشأ يذهبكم ويأت بخلق جديد |
| | | अगर वह चाहे तो तुम लोगों को (अदम के पर्दे में) ले जाए और एक नयी ख़िलक़त ला बसाए |
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3677 | 35 | 17 | وما ذلك على الله بعزيز |
| | | और ये कुछ खुदा के वास्ते दुशवार नहीं |
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3678 | 35 | 18 | ولا تزر وازرة وزر أخرى وإن تدع مثقلة إلى حملها لا يحمل منه شيء ولو كان ذا قربى إنما تنذر الذين يخشون ربهم بالغيب وأقاموا الصلاة ومن تزكى فإنما يتزكى لنفسه وإلى الله المصير |
| | | और याद रहे कि कोई शख्स किसी दूसरे (के गुनाह) का बोझ नहीं उठाएगा और अगर कोई (अपने गुनाहों का) भारी बोझ उठाने वाला अपना बोझ उठाने के वास्ते (किसी को) बुलाएगा तो उसके बारे में से कुछ भी उठाया न जाएगा अगरचे (कोई किसी का) कराबतदार ही (क्यों न) हो (ऐ रसूल) तुम तो बस उन्हीं लोगों को डरा सकते हो जो बे देखे भाले अपने परवरदिगार का ख़ौफ रखते हैं और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ते हैं और (याद रखो कि) जो शख्स पाक साफ रहता है वह अपने ही फ़ायदे के वास्ते पाक साफ रहता है और (आख़िरकार सबको हिरफिर के) खुदा ही की तरफ जाना है |
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3679 | 35 | 19 | وما يستوي الأعمى والبصير |
| | | और अन्धा (क़ाफिर) और ऑंखों वाला (मोमिन किसी तरह) बराबर नहीं हो सकते |
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3680 | 35 | 20 | ولا الظلمات ولا النور |
| | | और न अंधेरा (कुफ्र) और उजाला (ईमान) बराबर है |
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3681 | 35 | 21 | ولا الظل ولا الحرور |
| | | और न छाँव (बेहिश्त) और धूप (दोज़ख़ बराबर है) |
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3682 | 35 | 22 | وما يستوي الأحياء ولا الأموات إن الله يسمع من يشاء وما أنت بمسمع من في القبور |
| | | और न ज़िन्दे (मोमिनीन) और न मुर्दें (क़ाफिर) बराबर हो सकते हैं और खुदा जिसे चाहता है अच्छी तरह सुना (समझा) देता है और (ऐ रसूल) जो (कुफ्फ़ार मुर्दों की तरह) क़ब्रों में हैं उन्हें तुम अपनी (बातें) नहीं समझा सकते हो |
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3683 | 35 | 23 | إن أنت إلا نذير |
| | | तुम तो बस (एक खुदा से) डराने वाले हो |
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