بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
36723512وما يستوي البحران هذا عذب فرات سائغ شرابه وهذا ملح أجاج ومن كل تأكلون لحما طريا وتستخرجون حلية تلبسونها وترى الفلك فيه مواخر لتبتغوا من فضله ولعلكم تشكرون
दोनों सागर समान नहीं, यह मीठा सुस्वाद है जिससे प्यास जाती रहे, पीने में रुचिकर। और यह खारा-कडुवा है। और तुम प्रत्येक में से तरोताज़ा माँस खाते हो और आभूषण निकालते हो, जिसे तुम पहनते हो। और तुम नौकाओं को देखते हो कि चीरती हुई उसमें चली जा रही हैं, ताकि तुम उसका उदार अनुग्रह तलाश करो और कदाचित तुम आभारी बनो
36733513يولج الليل في النهار ويولج النهار في الليل وسخر الشمس والقمر كل يجري لأجل مسمى ذلكم الله ربكم له الملك والذين تدعون من دونه ما يملكون من قطمير
वह रात को दिन में प्रविष्ट करता है और दिन को रात में प्रविष्ट करता हैं। उसने सूर्य और चन्द्रमा को काम में लगा रखा है। प्रत्येक एक नियत समय पूरी करने के लिए चल रहा है। वही अल्लाह तुम्हारा रब है। उसी की बादशाही है। उससे हटकर जिनको तुम पुकारते हो वे एक तिनके के भी मालिक नहीं
36743514إن تدعوهم لا يسمعوا دعاءكم ولو سمعوا ما استجابوا لكم ويوم القيامة يكفرون بشرككم ولا ينبئك مثل خبير
यदि तुम उन्हें पुकारो तो वे तुम्हारी पुकार सुनेगे नहीं। और यदि वे सुनते तो भी तुम्हारी याचना स्वीकार न कर सकते और क़ियामत के दिन वे तुम्हारे साझी ठहराने का इनकार कर देंगे। पूरी ख़बर रखनेवाला (अल्लाह) की तरह तुम्हें कोई न बताएगा
36753515يا أيها الناس أنتم الفقراء إلى الله والله هو الغني الحميد
ऐ लोगों! तुम्ही अल्लाह के मुहताज हो और अल्लाह तो निस्पृह, स्वप्रशंसित है
36763516إن يشأ يذهبكم ويأت بخلق جديد
यदि वह चाहे तो तुम्हें हटा दे और एक नई संसृति ले आए
36773517وما ذلك على الله بعزيز
और यह अल्लाह के लिए कुछ भी कठिन नहीं
36783518ولا تزر وازرة وزر أخرى وإن تدع مثقلة إلى حملها لا يحمل منه شيء ولو كان ذا قربى إنما تنذر الذين يخشون ربهم بالغيب وأقاموا الصلاة ومن تزكى فإنما يتزكى لنفسه وإلى الله المصير
कोई बोझ उठानेवाला किसी दूसरे का बोझ न उठाएगा। और यदि कोई कोई से दबा हुआ व्यक्ति अपना बोझ उठाने के लिए पुकारे तो उसमें से कुछ भी न उठाया, यद्यपि वह निकट का सम्बन्धी ही क्यों न हो। तुम तो केवल सावधान कर रहे हो। जो परोक्ष में रहते हुए अपने रब से डरते हैं और नमाज़ के पाबन्द हो चुके है (उनकी आत्मा का विकास हो गया) । और जिसने स्वयं को विकसित किया वह अपने ही भले के लिए अपने आपको विकसित करेगा। और पलटकर जाना तो अल्लाह ही की ओर है
36793519وما يستوي الأعمى والبصير
अंधा और आँखोंवाला बराबर नहीं,
36803520ولا الظلمات ولا النور
और न अँधेरे और प्रकाश,
36813521ولا الظل ولا الحرور
और न छाया और धूप


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