بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
36223416فأعرضوا فأرسلنا عليهم سيل العرم وبدلناهم بجنتيهم جنتين ذواتي أكل خمط وأثل وشيء من سدر قليل
किन्तु वे ध्यान में न लाए तो हमने उनपर बँध-तोड़ बाढ़ भेज दी और उनके दोनों बाग़ों के बदले में उन्हें दो दूसरे बाग़ दिए, जिनमें कड़वे-कसैले फल और झाड़ थे, और कुछ थोड़ी-सी झड़-बेरियाँ
36233417ذلك جزيناهم بما كفروا وهل نجازي إلا الكفور
यह बदला हमने उन्हें इसलिए दिया कि उन्होंने कृतध्नता दिखाई। ऐसा बदला तो हम कृतध्न लोगों को ही देते है
36243418وجعلنا بينهم وبين القرى التي باركنا فيها قرى ظاهرة وقدرنا فيها السير سيروا فيها ليالي وأياما آمنين
और हमने उनके और उन बस्तियों के बीच जिनमें हमने बरकत रखी थी प्रत्यक्ष बस्तियाँ बसाई और उनमें सफ़र की मंज़िलें ख़ास अंदाज़े पर रखीं, "उनमें रात-दिन निश्चिन्त होकर चलो फिरो!"
36253419فقالوا ربنا باعد بين أسفارنا وظلموا أنفسهم فجعلناهم أحاديث ومزقناهم كل ممزق إن في ذلك لآيات لكل صبار شكور
किन्तु उन्होंने कहा, "ऐ हमारे रब! हमारी यात्राओं में दूरी कर दे।" उन्होंने स्वयं अपने ही ऊपर ज़ुल्म किया। अन्ततः हम उन्हें (अतीत की) कहानियाँ बनाकर रहे, औऱ उन्हें बिल्कुल छिन्न-भिन्न कर डाला। निश्चय ही इसमें निशानियाँ है प्रत्येक बड़े धैर्यवान, कृतज्ञ के लिए
36263420ولقد صدق عليهم إبليس ظنه فاتبعوه إلا فريقا من المؤمنين
इबलीस ने उनके विषय में अपना गुमान सत्य पाया और ईमानवालो के एक गिरोह के सिवा उन्होंने उसी का अनुसरण किया
36273421وما كان له عليهم من سلطان إلا لنعلم من يؤمن بالآخرة ممن هو منها في شك وربك على كل شيء حفيظ
यद्यपि उसको उनपर कोई ज़ोर और अधिकार प्राप्त न था, किन्तु यह इसलिए कि हम उन लोगों को जो आख़िरत पर ईमान रखते है उन लोगों से अलग जान ले जो उसकी ओर से किसी सन्देह में पड़े हुए है। तुम्हारा रब हर चीज़ का अभिरक्षक है
36283422قل ادعوا الذين زعمتم من دون الله لا يملكون مثقال ذرة في السماوات ولا في الأرض وما لهم فيهما من شرك وما له منهم من ظهير
कह दो, "अल्लाह को छोड़कर जिनका तुम्हें (उपास्य होने का) दावा है, उन्हें पुकार कर देखो। वे न अल्लाह में कणभर चीज़ के मालिक है और न धरती में और न उन दोनों में उनका कोई साझी है और न उनमें से कोई उसका सहायक है।"
36293423ولا تنفع الشفاعة عنده إلا لمن أذن له حتى إذا فزع عن قلوبهم قالوا ماذا قال ربكم قالوا الحق وهو العلي الكبير
और उसके यहाँ कोई सिफ़ारिश काम नहीं आएगी, किन्तु उसी की जिसे उसने (सिफ़ारिश करने की) अनुमति दी हो। यहाँ तक कि जब उनके दिलों से घबराहट दूर हो जाएगी, तो वे कहेंगे, "तुम्हारे रब ने क्या कहा?" वे कहेंगे, "सर्वथा सत्य। और वह अत्यन्त उच्च, महान है।"
36303424قل من يرزقكم من السماوات والأرض قل الله وإنا أو إياكم لعلى هدى أو في ضلال مبين
कहो, "कौन तुम्हें आकाशों और धरती में रोज़ी देता है?" कहो, "अल्लाह!" अब अवश्य ही हम है या तुम ही हो मार्ग पर, या खुली गुमराही में
36313425قل لا تسألون عما أجرمنا ولا نسأل عما تعملون
कहो, "जो अपराध हमने किए, उसकी पूछ तुमसे न होगी और न उसकी पूछ हमसे होगी जो तुम कर रहे हो।"


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