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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3602 | 33 | 69 | يا أيها الذين آمنوا لا تكونوا كالذين آذوا موسى فبرأه الله مما قالوا وكان عند الله وجيها |
| | | ऐ ईमान लानेवालो! उन लोगों की तरह न हो जाना जिन्होंने मूसा को दुख पहुँचाया, तो अल्लाह ने उससे जो कुछ उन्होंने कहा था उसे बरी कर दिया। वह अल्लाह के यहाँ बड़ा गरिमावान था |
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3603 | 33 | 70 | يا أيها الذين آمنوا اتقوا الله وقولوا قولا سديدا |
| | | ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह का डर रखो और बात कहो ठीक सधी हुई |
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3604 | 33 | 71 | يصلح لكم أعمالكم ويغفر لكم ذنوبكم ومن يطع الله ورسوله فقد فاز فوزا عظيما |
| | | वह तुम्हारे कर्मों को सँवार देगा और तुम्हारे गुनाहों को क्षमा कर देगा। और जो अल्लाह और उसके रसूल का आज्ञापालन करे, उसने बड़ी सफलता प्राप्त॥ कर ली है |
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3605 | 33 | 72 | إنا عرضنا الأمانة على السماوات والأرض والجبال فأبين أن يحملنها وأشفقن منها وحملها الإنسان إنه كان ظلوما جهولا |
| | | हमने अमानत को आकाशों और धरती और पर्वतों के समक्ष प्रस्तुत किया, किन्तु उन्होंने उसके उठाने से इनकार कर दिया और उससे डर गए। लेकिन मनुष्य ने उसे उठा लिया। निश्चय ही वह बड़ी ज़ालिम, आवेश के वशीभूत हो जानेवाला है |
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3606 | 33 | 73 | ليعذب الله المنافقين والمنافقات والمشركين والمشركات ويتوب الله على المؤمنين والمؤمنات وكان الله غفورا رحيما |
| | | ताकि अल्लाह कपटाचारी पुरुषों और कपटाचारी स्त्रियों और बहुदेववादी पुरुषों और बहुदेववादी स्त्रियों को यातना दे, और ईमानवाले पुरुषों और ईमानवाली स्त्रियों पर अल्लाह कृपा-स्पष्ट करे। वास्तव में अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है |
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3607 | 34 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الحمد لله الذي له ما في السماوات وما في الأرض وله الحمد في الآخرة وهو الحكيم الخبير |
| | | प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है जिसका वह सब कुछ है जो आकाशों और धरती में है। और आख़िरत में भी उसी के लिए प्रशंसा है। और वही तत्वदर्शी, ख़बर रखनेवाला है |
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3608 | 34 | 2 | يعلم ما يلج في الأرض وما يخرج منها وما ينزل من السماء وما يعرج فيها وهو الرحيم الغفور |
| | | वह जानता है जो कुछ धरती में प्रविष्ट होता है और जो कुथ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और वही अत्यन्त दयावान, क्षमाशील है |
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3609 | 34 | 3 | وقال الذين كفروا لا تأتينا الساعة قل بلى وربي لتأتينكم عالم الغيب لا يعزب عنه مثقال ذرة في السماوات ولا في الأرض ولا أصغر من ذلك ولا أكبر إلا في كتاب مبين |
| | | जिन लोगों ने इनकार किया उनका कहना है कि "हमपर क़ियामत की घड़ी नहीं आएगी।" कह दो, "क्यों नहीं, मेरे परोक्ष ज्ञाता रब की क़सम! वह तो तुमपर आकर रहेगी - उससे कणभर भी कोई चीज़ न तो आकाशों में ओझल है और न धरती में, और न इससे छोटी कोई चीज़ और न बड़ी। किन्तु वह एक स्पष्ट किताब में अंकित है। - |
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3610 | 34 | 4 | ليجزي الذين آمنوا وعملوا الصالحات أولئك لهم مغفرة ورزق كريم |
| | | "ताकि वह उन लोगों को बदला दे, जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए। वहीं है जिनके लिए क्षमा और प्रतिष्ठामय आजीविका है |
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3611 | 34 | 5 | والذين سعوا في آياتنا معاجزين أولئك لهم عذاب من رجز أليم |
| | | "रहे वे लोग जिन्होंने हमारी आयतों को मात करने का प्रयास किया, वह है जिनके लिए बहुत ही बुरे प्रकार की दुखद यातना है।" |
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