بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
35763343هو الذي يصلي عليكم وملائكته ليخرجكم من الظلمات إلى النور وكان بالمؤمنين رحيما
वह वही तो है जो खुद तुमपर दूरूद (दर्दों रहमत) भेजता है और उसके फ़रिश्ते ताकि तुमको (कुफ़्र की) तारीक़ियों से निकालकर (ईमान की) रौशनी में ले जाए और खुदा ईमानवालों पर बड़ा मेहरबान है
35773344تحيتهم يوم يلقونه سلام وأعد لهم أجرا كريما
जिस दिन उसकी बारगाह में हाज़िर होंगे (उस दिन) उनकी मुरादात (उसकी तरफ से हर क़िस्म की) सलामती होगी और खुदा ने तो उनके वास्ते बहुत अच्छा बदला (बेहश्त) तैयार रखा है
35783345يا أيها النبي إنا أرسلناك شاهدا ومبشرا ونذيرا
ऐ नबी हमने तुमको (लोगों का) गवाह और (नेकों को बेहश्त की) खुशख़बरी देने वाला और बदों को अज़ाब से डराने वाला
35793346وداعيا إلى الله بإذنه وسراجا منيرا
और खुदा की तरफ उसी के हुक्म से बुलाने वाला और (ईमान व हिदायत का) रौशन चिराग़ बनाकर भेजा
35803347وبشر المؤمنين بأن لهم من الله فضلا كبيرا
और तुम मोमिनीन को खुशख़बरी दे दो कि उनके लिए खुदा की तरफ से बहुत बड़ी (मेहरबानी और) बख्शिश है
35813348ولا تطع الكافرين والمنافقين ودع أذاهم وتوكل على الله وكفى بالله وكيلا
और (ऐ रसूल) तुम (कहीं) काफिरों और मुनाफिक़ों की इताअत न करना और उनकी ईज़ारसानी का ख्याल छोड़ दो और खुदा पर भरोसा रखो और कारसाज़ी में खुदा काफ़ी है
35823349يا أيها الذين آمنوا إذا نكحتم المؤمنات ثم طلقتموهن من قبل أن تمسوهن فما لكم عليهن من عدة تعتدونها فمتعوهن وسرحوهن سراحا جميلا
ऐ ईमानवालों जब तुम मोमिना औरतों से (बग़ैर मेहर मुक़र्रर किये) निकाह करो उसके बाद उन्हें अपने हाथ लगाने से पहले ही तलाक़ दे दो तो फिर तुमको उनपर कोई हक़ नहीं कि (उनसे) इद्दा पूरा कराओ उनको तो कुछ (कपड़े रूपये वग़ैरह) देकर उनवाने शाइस्ता से रूख़सत कर दो
35833350يا أيها النبي إنا أحللنا لك أزواجك اللاتي آتيت أجورهن وما ملكت يمينك مما أفاء الله عليك وبنات عمك وبنات عماتك وبنات خالك وبنات خالاتك اللاتي هاجرن معك وامرأة مؤمنة إن وهبت نفسها للنبي إن أراد النبي أن يستنكحها خالصة لك من دون المؤمنين قد علمنا ما فرضنا عليهم في أزواجهم وما ملكت أيمانهم لكيلا يكون عليك حرج وكان الله غفورا رحيما
ऐ नबी हमने तुम्हारे वास्ते तुम्हारी उन बीवियों को हलाल कर दिया है जिनको तुम मेहर दे चुके हो और तुम्हारी उन लौंडियों को (भी) जो खुदा ने तुमको (बग़ैर लड़े-भिड़े) माले ग़नीमत में अता की है और तुम्हारे चचा की बेटियाँ और तुम्हारी फूफियों की बेटियाँ और तुम्हारे मामू की बेटियाँ और तुम्हारी ख़ालाओं की बेटियाँ जो तुम्हारे साथ हिजरत करके आयी हैं (हलाल कर दी और हर ईमानवाली औरत (भी हलाल कर दी) अगर वह अपने को (बग़ैर मेहर) नबी को दे दें और नबी भी उससे निकाह करना चाहते हों मगर (ऐ रसूल) ये हुक्म सिर्फ तुम्हारे वास्ते ख़ास है और मोमिनीन के लिए नहीं और हमने जो कुछ (मेहर या क़ीमत) आम मोमिनीन पर उनकी बीवियों और उनकी लौंडियों के बारे में मुक़र्रर कर दिया है हम खूब जानते हैं और (तुम्हारी रिआयत इसलिए है) ताकि तुमको (बीवियों की तरफ से) कोई दिक्क़त न हो और खुदा तो बड़ा बख़शने वाला मेहरबान है
35843351ترجي من تشاء منهن وتؤوي إليك من تشاء ومن ابتغيت ممن عزلت فلا جناح عليك ذلك أدنى أن تقر أعينهن ولا يحزن ويرضين بما آتيتهن كلهن والله يعلم ما في قلوبكم وكان الله عليما حليما
इनमें से जिसको (जब) चाहो अलग कर दो और जिसको (जब तक) चाहो अपने पास रखो और जिन औरतों को तुमने अलग कर दिया था अगर फिर तुम उनके ख्वाहॉ हो तो भी तुम पर कोई मज़ाएक़ा नहीं है ये (अख़तेयार जो तुमको दिया गया है) ज़रूर इस क़ाबिल है कि तुम्हारी बीवियों की ऑंखें ठन्डी रहे और आर्जूदा ख़ातिर न हो और वो कुछ तुम उन्हें दे दो सबकी सब उस पर राज़ी रहें और जो कुछ तुम्हारे दिलों में है खुदा उसको ख़ुब जानता है और खुदा तो बड़ा वाक़िफकार बुर्दबार है
35853352لا يحل لك النساء من بعد ولا أن تبدل بهن من أزواج ولو أعجبك حسنهن إلا ما ملكت يمينك وكان الله على كل شيء رقيبا
(ऐ रसूल) अब उन (नौ) के बाद (और) औरतें तुम्हारे वास्ते हलाल नहीं और न ये जायज़ है कि उनके बदले उनमें से किसी को छोड़कर और बीबियाँ कर लो अगर चे तुमको उनका हुस्न कैसा ही भला (क्यों न) मालूम हो मगर तुम्हारी लौंडियाँ (इस के बाद भी जायज़ हैं) और खुदा तो हर चीज़ का निगरॉ है


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