بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
35573324ليجزي الله الصادقين بصدقهم ويعذب المنافقين إن شاء أو يتوب عليهم إن الله كان غفورا رحيما
ये इम्तेहान इसलिए था ताकि खुद सच्चे (ईमानदारों) को उनकी सच्चाई की जज़ाए ख़ैर दे और अगर चाहे तो मुनाफेक़ीन की सज़ा करे या (अगर वह लागे तौबा करें तो) खुदा उनकी तौबा कुबूल फरमाए इसमें शक नहीं कि खुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
35583325ورد الله الذين كفروا بغيظهم لم ينالوا خيرا وكفى الله المؤمنين القتال وكان الله قويا عزيزا
और खुदा ने (अपनी कुदरत से) क़ाफिरों को मदीने से फेर दिया (और वह लोग) अपनी झुंझलाहट में (फिर गए) और इन्हें कुछ फायदे भी न हुआ और खुदा ने (अपनी मेहरबानी से) मोमिनीन को लड़ने की नौबत न आने दी और खुदा तो (बड़ा) ज़बरदस्त (और) ग़ालिब हैं
35593326وأنزل الذين ظاهروهم من أهل الكتاب من صياصيهم وقذف في قلوبهم الرعب فريقا تقتلون وتأسرون فريقا
और अहले किताब में से जिन लोगों (बनी कुरैज़ा) ने उन (कुफ्फार) की मदद की थी खुदा उनको उनके क़िलों से (बेदख़ल करके) नीचे उतार लाया और उनके दिलों में (तुम्हारा) ऐसा रोब बैठा दिया कि तुम उनके कुछ लोगों को क़त्ल करने लगे
35603327وأورثكم أرضهم وديارهم وأموالهم وأرضا لم تطئوها وكان الله على كل شيء قديرا
और कुछ को क़ैदी (और गुलाम) बनाने और तुम ही लोगों को उनकी ज़मीन और उनके घर और उनके माल और उस ज़मीन (खैबर) का खुदा ने मालिक बना दिया जिसमें तुमने क़दम तक नहीं रखा था और खुदा तो हर चीज़ पर क़ादिर वतवाना है
35613328يا أيها النبي قل لأزواجك إن كنتن تردن الحياة الدنيا وزينتها فتعالين أمتعكن وأسرحكن سراحا جميلا
ऐ रसूल अपनी बीवियों से कह दो कि अगर तुम (फक़त) दुनियावी ज़िन्दगी और उसकी आराइश व ज़ीनत की ख्वाहॉ हो तो उधर आओ मैं तुम लोगों को कुछ साज़ो सामान दे दूँ और उनवाने शाइस्ता से रूख़सत कर दूँ
35623329وإن كنتن تردن الله ورسوله والدار الآخرة فإن الله أعد للمحسنات منكن أجرا عظيما
और अगर तुम लोग खुदा और उसके रसूल और आखेरत के घर की ख्वाहॉ हो तो (अच्छी तरह ख्याल रखो कि) तुम लोगों में से नेकोकार औरतों के लिए खुदा ने यक़ीनन् बड़ा (बड़ा) अज्र व (सवाब) मुहय्या कर रखा है
35633330يا نساء النبي من يأت منكن بفاحشة مبينة يضاعف لها العذاب ضعفين وكان ذلك على الله يسيرا
ऐ पैग़म्बर की बीबियों तुममें से जो कोई किसी सरीही ना शाइस्ता हरकत की का मुरतिब हुई तो (याद रहे कि) उसका अज़ाब भी दुगना बढ़ा दिया जाएगा और खुदा के वास्ते (निहायत) आसान है
35643331ومن يقنت منكن لله ورسوله وتعمل صالحا نؤتها أجرها مرتين وأعتدنا لها رزقا كريما
और तुममें से जो (बीवी) खुदा और उसके रसूल की ताबेदारी अच्छे (अच्छे) काम करेगी उसको हम उसका सवाब भी दोहरा अता करेगें और हमने उसके लिए (जन्नत में) इज्ज़त की रोज़ी तैयार कर रखी है
35653332يا نساء النبي لستن كأحد من النساء إن اتقيتن فلا تخضعن بالقول فيطمع الذي في قلبه مرض وقلن قولا معروفا
ऐ नबी की बीवियों तुम और मामूली औरतों की सी तो हो वही (बस) अगर तुम को परहेज़गारी मंजूर रहे तो (अजनबी आदमी से) बात करने में नरम नरम (लगी लिपटी) बात न करो ताकि जिसके दिल में (शहवते ज़िना का) मर्ज़ है वह (कुछ और) इरादा (न) करे
35663333وقرن في بيوتكن ولا تبرجن تبرج الجاهلية الأولى وأقمن الصلاة وآتين الزكاة وأطعن الله ورسوله إنما يريد الله ليذهب عنكم الرجس أهل البيت ويطهركم تطهيرا
और (साफ-साफ) उनवाने शाइस्ता से बात किया करो और अपने घरों में निचली बैठी रहो और अगले ज़माने जाहिलियत की तरह अपना बनाव सिंगार न दिखाती फिरो और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ा करो और (बराबर) ज़कात दिया करो और खुदा और उसके रसूल की इताअत करो ऐ (पैग़म्बर के) अहले बैत खुदा तो बस ये चाहता है कि तुमको (हर तरह की) बुराई से दूर रखे और जो पाक व पाकीज़ा दिखने का हक़ है वैसा पाक व पाकीज़ा रखे


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