بسم الله الرحمن الرحيم

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35143211قل يتوفاكم ملك الموت الذي وكل بكم ثم إلى ربكم ترجعون
कहो, "मृत्यु का फ़रिश्ता जो तुमपर नियुक्त है, वह तुम्हें पूर्ण रूप से अपने क़ब्जे में ले लेता है। फिर तुम अपने रब की ओर वापस होंगे।"
35153212ولو ترى إذ المجرمون ناكسو رءوسهم عند ربهم ربنا أبصرنا وسمعنا فارجعنا نعمل صالحا إنا موقنون
और यदि कहीं तुम देखते जब वे अपराधी अपने रब के सामने अपने सिर झुकाए होंगे कि "हमारे रब! हमने देख लिया और सुन लिया। अब हमें वापस भेज दे, ताकि हम अच्छे कर्म करें। निस्संदेह अब हमें विश्वास हो गया।"
35163213ولو شئنا لآتينا كل نفس هداها ولكن حق القول مني لأملأن جهنم من الجنة والناس أجمعين
यदि हम चाहते तो प्रत्येक व्यक्ति को उसका अपना संमार्ग दिखा देते, तिन्तु मेरी ओर से बात सत्यापित हो चुकी है कि "मैं जहन्नम को जिन्नों और मनुष्यों, सबसे भरकर रहूँगा।"
35173214فذوقوا بما نسيتم لقاء يومكم هذا إنا نسيناكم وذوقوا عذاب الخلد بما كنتم تعملون
अतः अब चखो मज़ा, इसका कि तुमने अपने इस दिन के मिलन को भुलाए रखा। तो हमने भी तुम्हें भुला दिया। शाश्वत यातना का रसास्वादन करो, उसके बदले में जो तुम करते रहे हो
35183215إنما يؤمن بآياتنا الذين إذا ذكروا بها خروا سجدا وسبحوا بحمد ربهم وهم لا يستكبرون
हमारी आयतों पर जो बस वही लोग ईमान लाते है, जिन्हें उनके द्वारा जब याद दिलाया जाता है तो सजदे में गिर पड़ते है और अपने रब का गुणगान करते है और घमंड नहीं करते
35193216تتجافى جنوبهم عن المضاجع يدعون ربهم خوفا وطمعا ومما رزقناهم ينفقون
उनके पहलू बिस्तरों से अलग रहते है कि वे अपने रब को भय और लालसा के साथ पुकारते है, और जो कुछ हमने उन्हें दिया है उसमें से ख़र्च करते है
35203217فلا تعلم نفس ما أخفي لهم من قرة أعين جزاء بما كانوا يعملون
फिर कोई प्राणी नहीं जानता आँखों की जो ठंडक उसके लिए छिपा रखी गई है उसके बदले में देने के ध्येय से जो वे करते रहे होंगे
35213218أفمن كان مؤمنا كمن كان فاسقا لا يستوون
भला जो व्यक्ति ईमानवाला हो वह उस व्यक्ति जैसा हो सकता है जो अवज्ञाकारी हो? वे बराबर नहीं हो सकते
35223219أما الذين آمنوا وعملوا الصالحات فلهم جنات المأوى نزلا بما كانوا يعملون
रहे वे लोग जा ईमान लाए और उन्हें अच्छे कर्म किए, उनके लिए जो कर्म वे करते रहे उसके बदले में आतिथ्य स्वरूप रहने के बाग़ है
35233220وأما الذين فسقوا فمأواهم النار كلما أرادوا أن يخرجوا منها أعيدوا فيها وقيل لهم ذوقوا عذاب النار الذي كنتم به تكذبون
रहे वे लोग जिन्होंने सीमा का उल्लंघन किया, उनका ठिकाना आग है। जब कभी भी वे चाहेंगे कि उससे निकल जाएँ तो उसी में लौटा दिए जाएँगे और उनसे कहा जाएगा, "चखो उस आग की यातना का मज़ा, जिसे तुम झूठ समझते थे।"


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