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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3508 | 32 | 5 | يدبر الأمر من السماء إلى الأرض ثم يعرج إليه في يوم كان مقداره ألف سنة مما تعدون |
| | | वह कार्य की व्यवस्था करता है आकाश से धरती तक - फिर सारे मामले उसी की तरफ़ लौटते है - एक दिन में, जिसकी माप तुम्हारी गणना के अनुसार एक हज़ार वर्ष है |
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3509 | 32 | 6 | ذلك عالم الغيب والشهادة العزيز الرحيم |
| | | वही है परोक्ष और प्रत्यक्ष का जाननेवाला अत्यन्त प्रभुत्वशाली, दयावान है |
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3510 | 32 | 7 | الذي أحسن كل شيء خلقه وبدأ خلق الإنسان من طين |
| | | जिसने हरेक चीज़, जो बनाई ख़ूब ही बनाई और उसने मनुष्य की संरचना का आरम्भ गारे से किया |
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3511 | 32 | 8 | ثم جعل نسله من سلالة من ماء مهين |
| | | फिर उसकी सन्तति एक तुच्छ पानी के सत से चलाई |
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3512 | 32 | 9 | ثم سواه ونفخ فيه من روحه وجعل لكم السمع والأبصار والأفئدة قليلا ما تشكرون |
| | | फिर उसे ठीक-ठीक किया और उसमें अपनी रूह (आत्मा) फूँकी। और तुम्हें कान और आँखें और दिल दिए। तुम आभारी थोड़े ही होते हो |
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3513 | 32 | 10 | وقالوا أإذا ضللنا في الأرض أإنا لفي خلق جديد بل هم بلقاء ربهم كافرون |
| | | और उन्होंने कहा, "जब हम धरती में रल-मिल जाएँगे तो फिर क्या हम वास्तब में नवीन काय में जीवित होंगे?" नहीं, बल्कि उन्हें अपने रब से मिलने का इनकार है |
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3514 | 32 | 11 | قل يتوفاكم ملك الموت الذي وكل بكم ثم إلى ربكم ترجعون |
| | | कहो, "मृत्यु का फ़रिश्ता जो तुमपर नियुक्त है, वह तुम्हें पूर्ण रूप से अपने क़ब्जे में ले लेता है। फिर तुम अपने रब की ओर वापस होंगे।" |
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3515 | 32 | 12 | ولو ترى إذ المجرمون ناكسو رءوسهم عند ربهم ربنا أبصرنا وسمعنا فارجعنا نعمل صالحا إنا موقنون |
| | | और यदि कहीं तुम देखते जब वे अपराधी अपने रब के सामने अपने सिर झुकाए होंगे कि "हमारे रब! हमने देख लिया और सुन लिया। अब हमें वापस भेज दे, ताकि हम अच्छे कर्म करें। निस्संदेह अब हमें विश्वास हो गया।" |
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3516 | 32 | 13 | ولو شئنا لآتينا كل نفس هداها ولكن حق القول مني لأملأن جهنم من الجنة والناس أجمعين |
| | | यदि हम चाहते तो प्रत्येक व्यक्ति को उसका अपना संमार्ग दिखा देते, तिन्तु मेरी ओर से बात सत्यापित हो चुकी है कि "मैं जहन्नम को जिन्नों और मनुष्यों, सबसे भरकर रहूँगा।" |
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3517 | 32 | 14 | فذوقوا بما نسيتم لقاء يومكم هذا إنا نسيناكم وذوقوا عذاب الخلد بما كنتم تعملون |
| | | अतः अब चखो मज़ा, इसका कि तुमने अपने इस दिन के मिलन को भुलाए रखा। तो हमने भी तुम्हें भुला दिया। शाश्वत यातना का रसास्वादन करो, उसके बदले में जो तुम करते रहे हो |
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