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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3498 | 31 | 29 | ألم تر أن الله يولج الليل في النهار ويولج النهار في الليل وسخر الشمس والقمر كل يجري إلى أجل مسمى وأن الله بما تعملون خبير |
| | | क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह रात को दिन में प्रविष्ट करता है और दिन को रात में प्रविष्ट करता है। उसने सूर्य और चन्द्रमा को काम में लगा रखा है? प्रत्येक एक नियत समय तक चला जा रहा है और इसके साथ यह कि जो कुछ भी तुम करते हो, अल्लाह उसकी पूरी ख़बर रखता है |
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3499 | 31 | 30 | ذلك بأن الله هو الحق وأن ما يدعون من دونه الباطل وأن الله هو العلي الكبير |
| | | यह सब कुछ इस कारण से है कि अल्लाह ही सत्य है और यह कि उसे छोड़कर जिनको वे पुकारते है, वे असत्य है। और यह कि अल्लाह ही सर्वोच्च, महान है |
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3500 | 31 | 31 | ألم تر أن الفلك تجري في البحر بنعمت الله ليريكم من آياته إن في ذلك لآيات لكل صبار شكور |
| | | क्या तुमने देखा नहीं कि नौका समुद्र में अल्लाह के अनुग्रह से चलती है, ताकि वह तुम्हें अपनी कुछ निशानियाँ दिखाए। निस्संदेह इसमें प्रत्येक धैर्यवान, कृतज्ञ के लिए निशानियाँ है |
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3501 | 31 | 32 | وإذا غشيهم موج كالظلل دعوا الله مخلصين له الدين فلما نجاهم إلى البر فمنهم مقتصد وما يجحد بآياتنا إلا كل ختار كفور |
| | | और जब कोई मौज छाया-छत्रों की तरह उन्हें ढाँक लेती है, तो वे अल्लाह को उसी के लिए अपने निष्ठाभाव के विशुद्ध करते हुए पुकारते है, फिर जब वह उन्हें बचाकर स्थल तक पहुँचा देता है, तो उनमें से कुछ लोग संतुलित मार्ग पर रहते है। (अधिकांश तो पुनः पथभ्रष्ट हो जाते है।) हमारी निशानियों का इनकार तो बस प्रत्येक वह व्यक्ति करता है जो विश्वासघाती, कृतध्न हो |
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3502 | 31 | 33 | يا أيها الناس اتقوا ربكم واخشوا يوما لا يجزي والد عن ولده ولا مولود هو جاز عن والده شيئا إن وعد الله حق فلا تغرنكم الحياة الدنيا ولا يغرنكم بالله الغرور |
| | | ऐ लोगों! अपने रब का डर रखो और उस दिन से डरो जब न कोई बाप अपनी औलाद की ओर से बदला देगा और न कोई औलाद ही अपने बाप की ओर से बदला देनेवाली होगी। निश्चय ही अल्लाह का वादा सच्चा है। अतः सांसारिक जीवन कदापि तुम्हें धोखे में न डाले। और न अल्लाह के विषय में वह धोखेबाज़ तुम्हें धोखें में डाले |
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3503 | 31 | 34 | إن الله عنده علم الساعة وينزل الغيث ويعلم ما في الأرحام وما تدري نفس ماذا تكسب غدا وما تدري نفس بأي أرض تموت إن الله عليم خبير |
| | | निस्संदेह उस घड़ी का ज्ञान अल्लाह ही के पास है। वही मेंह बरसाता है और जानता है जो कुछ गर्भाशयों में होता है। कोई क्यक्ति नहीं जानता कि कल वह क्या कमाएगा और कोई व्यक्ति नहीं जानता है कि किस भूभाग में उसक मृत्यु होगी। निस्संदेह अल्लाह जाननेवाला, ख़बर रखनेवाला है |
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3504 | 32 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الم |
| | | अलिफ़॰ लाम॰ मीम॰ |
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3505 | 32 | 2 | تنزيل الكتاب لا ريب فيه من رب العالمين |
| | | इस किताब का अवतरण - इसमें सन्देह नहीं - सारे संसार के रब की ओर से है |
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3506 | 32 | 3 | أم يقولون افتراه بل هو الحق من ربك لتنذر قوما ما أتاهم من نذير من قبلك لعلهم يهتدون |
| | | (क्या वे इसपर विश्वास नहीं रखते) या वे कहते है कि "इस व्यक्ति ने इसे स्वयं ही घड़ लिया है?" नहीं, बल्कि वह सत्य है तेरे रब की ओर से, ताकि तू उन लोगों को सावधान कर दे जिनके पास तुझसे पहले कोई सावधान करनेवाला नहीं आया। कदाचित वे मार्ग पाएँ |
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3507 | 32 | 4 | الله الذي خلق السماوات والأرض وما بينهما في ستة أيام ثم استوى على العرش ما لكم من دونه من ولي ولا شفيع أفلا تتذكرون |
| | | अल्लाह ही है जिसने आकाशों और धरती को और जो कुछ दोनों के बीच है छह दिनों में पैदा किया। फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। उससे हटकर न तो तुम्हारा कोई संरक्षक मित्र है और न उसके मुक़ाबले में कोई सिफ़ारिस करनेवाला। फिर क्या तुम होश में न आओगे? |
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