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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3461 | 30 | 52 | فإنك لا تسمع الموتى ولا تسمع الصم الدعاء إذا ولوا مدبرين |
| | | अतः तुम मुर्दों को नहीं सुना सकते और न बहरों को अपनी पुकार सुना सकते हो, जबकि वे पीठ फेरे चले जो रहे हों |
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3462 | 30 | 53 | وما أنت بهاد العمي عن ضلالتهم إن تسمع إلا من يؤمن بآياتنا فهم مسلمون |
| | | और न तुम अंधों को उनकी गुमराही से फेरकर मार्ग पर ला सकते हो। तुम तो केवल उन्हीं को सुना सकते हो जो हमारी आयतों पर ईमान लाएँ। तो वही आज्ञाकारी हैं |
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3463 | 30 | 54 | الله الذي خلقكم من ضعف ثم جعل من بعد ضعف قوة ثم جعل من بعد قوة ضعفا وشيبة يخلق ما يشاء وهو العليم القدير |
| | | अल्लाह ही है जिसनें तुम्हें निर्बल पैदा किया, फिर निर्बलता के पश्चात शक्ति प्रदान की; फिर शक्ति के पश्चात निर्बलता औऱ बुढापा दिया। वह जो कुछ चाहता है पैदा करता है। वह जाननेवाला, सामर्थ्यवान है |
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3464 | 30 | 55 | ويوم تقوم الساعة يقسم المجرمون ما لبثوا غير ساعة كذلك كانوا يؤفكون |
| | | जिस दिन वह घड़ी आ खड़ी होगी अपराधी क़सम खाएँगे कि वे घड़ी भर से अधिक नहीं ठहरें। इसी प्रकार वे उलटे फिरे चले जाते थे |
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3465 | 30 | 56 | وقال الذين أوتوا العلم والإيمان لقد لبثتم في كتاب الله إلى يوم البعث فهذا يوم البعث ولكنكم كنتم لا تعلمون |
| | | किन्तु जिन लोगों को ज्ञान और ईमान प्रदान हुआ, वे कहते, "अल्लाह के लेख में तो तुम जीवित होकर उठने के दिन ठहरे रहे हो। तो यही जीवित हो उठाने का दिन है। किन्तु तुम जानते न थे।" |
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3466 | 30 | 57 | فيومئذ لا ينفع الذين ظلموا معذرتهم ولا هم يستعتبون |
| | | अतः उस दिन ज़ुल्म करनेवालों को उनका कोई उज़्र (सफाई पेश करना) काम न आएगा और न उनसे यह चाहा जाएगा कि वे किसी यत्न से (अल्लाह के) प्रकोप को टाल सकें |
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3467 | 30 | 58 | ولقد ضربنا للناس في هذا القرآن من كل مثل ولئن جئتهم بآية ليقولن الذين كفروا إن أنتم إلا مبطلون |
| | | हमने इस क़ुरआन में लोगों के लिए प्रत्येक मिसाल पेश कर दी है। यदि तुम कोई भी निशानी उनके पास ले आओ, जिन लोगों ने इनकार किया है, वे तो यही कहेंगे, "तुम तो बस झूठ घड़ते हो।" |
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3468 | 30 | 59 | كذلك يطبع الله على قلوب الذين لا يعلمون |
| | | इस प्रकार अल्लाह उन लोगों के दिलों पर ठप्पा लगा देता है जो अज्ञानी है |
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3469 | 30 | 60 | فاصبر إن وعد الله حق ولا يستخفنك الذين لا يوقنون |
| | | अतः धैर्य से काम लो निश्चय ही अल्लाह का वादा सच्चा है और जिन्हें विश्वास नहीं, वे तुम्हें कदापि हल्का न पाएँ |
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3470 | 31 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الم |
| | | अलिफ़॰ लाम॰ मीम॰ |
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