بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
34583049وإن كانوا من قبل أن ينزل عليهم من قبله لمبلسين
अगरचे ये लोग उन पर (बाराने रहमत) नाज़िल होने से पहले (बारिश से) शुरु ही से बिल्कुल मायूस (और मज़बूर) थे
34593050فانظر إلى آثار رحمت الله كيف يحيي الأرض بعد موتها إن ذلك لمحيي الموتى وهو على كل شيء قدير
ग़रज़ ख़ुदा की रहमत के आसार की तरफ देखो तो कि वह क्योंकर ज़मीन को उसकी परती होने के बाद आबाद करता है बेशक यक़ीनी वही मुर्दो को ज़िन्दा करने वाला और वही हर चीज़ पर क़ादिर है
34603051ولئن أرسلنا ريحا فرأوه مصفرا لظلوا من بعده يكفرون
और अगर हम (खेती की नुकसान देह) हवा भेजें फिर लोग खेती को (उसी हवा की वजह से) ज़र्द (परस मुर्दा) देखें तो वह लोग इसके बाद (फौरन) नाशुक्री करने लगें
34613052فإنك لا تسمع الموتى ولا تسمع الصم الدعاء إذا ولوا مدبرين
(ऐ रसूल) तुम तो (अपनी) आवाज़ न मुर्दो ही को सुना सकते हो और न बहरों को सुना सकते हो (ख़ुसूसन) जब वह पीठ फेरकर चले जाएँ
34623053وما أنت بهاد العمي عن ضلالتهم إن تسمع إلا من يؤمن بآياتنا فهم مسلمون
और न तुम अंधों को उनकी गुमराही से (फेरकर) राह पर ला सकते हो तो तुम तो बस उन्हीं लोगों को सुना (समझा) सकते हो जो हमारी आयतों को दिल से मानें फिर यही लोग इस्लाम लाने वाले हैं
34633054الله الذي خلقكم من ضعف ثم جعل من بعد ضعف قوة ثم جعل من بعد قوة ضعفا وشيبة يخلق ما يشاء وهو العليم القدير
खुदा ही तो है जिसने तुम्हें (एक निहायत) कमज़ोर चीज़ (नुत्फे) से पैदा किया फिर उसी ने (तुम में) बचपने की कमज़ोरी के बाद (शबाब की) क़ूवत अता की फिर उसी ने (तुममें जवानी की) क़ूवत के बाद कमज़ोरी और बुढ़ापा पैदा कर दिया वह जो चाहता पैदा करता है-और वही बड़ा वाकिफकार और (हर चीज़ पर) क़ाबू रखता है
34643055ويوم تقوم الساعة يقسم المجرمون ما لبثوا غير ساعة كذلك كانوا يؤفكون
और जिस दिन क़यामत बरपा होगी तो गुनाहगार लोग कसमें खाएँगें कि वह (दुनिया में) घड़ी भर से ज्यादा नहीं ठहरे यूँ ही लोग (दुनिया में भी) इफ़तेरा परदाज़ियाँ करते रहे
34653056وقال الذين أوتوا العلم والإيمان لقد لبثتم في كتاب الله إلى يوم البعث فهذا يوم البعث ولكنكم كنتم لا تعلمون
और जिन लोगों को (ख़ुदा की बारगाह से) इल्म और ईमान दिया गया है जवाब देगें कि (हाए) तुम तो ख़ुदा की किताब के मुताबिक़ रोज़े क़यामत तक (बराबर) ठहरे रहे फिर ये तो क़यामत का ही दिन है मगर तुम लोग तो उसका यक़ीन ही न रखते थे
34663057فيومئذ لا ينفع الذين ظلموا معذرتهم ولا هم يستعتبون
तो उस दिन सरकश लोगों को न उनकी उज्र माअज़ेरत कुछ काम आएगी और न उनकी सुनवाई होगी
34673058ولقد ضربنا للناس في هذا القرآن من كل مثل ولئن جئتهم بآية ليقولن الذين كفروا إن أنتم إلا مبطلون
और हमने तो इस कुरान में (लोगों के समझाने को) हर तरह की मिसल बयान कर दी और अगर तुम उनके पास कोई सा मौजिज़ा ले आओ


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