بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
34483039وما آتيتم من ربا ليربو في أموال الناس فلا يربو عند الله وما آتيتم من زكاة تريدون وجه الله فأولئك هم المضعفون
और तुम लोग जो सूद देते हो ताकि लोगों के माल (दौलत) में तरक्क़ी हो तो (याद रहे कि ऐसा माल) ख़ुदा के यहॉ फूलता फलता नही और तुम लोग जो ख़ुदा की ख़ुशनूदी के इरादे से ज़कात देते हो तो ऐसे ही लोग (ख़ुदा की बारगाह से) दूना दून लेने वाले हैं
34493040الله الذي خلقكم ثم رزقكم ثم يميتكم ثم يحييكم هل من شركائكم من يفعل من ذلكم من شيء سبحانه وتعالى عما يشركون
ख़ुदा वह (क़ादिर तवाना है) जिसने तुमको पैदा किया फिर उसी ने रोज़ी दी फिर वही तुमको मार डालेगा फिर वही तुमको (दोबारा) ज़िन्दा करेगा भला तुम्हारे (बनाए हुए ख़ुदा के) शरीकों में से कोई भी ऐसा है जो इन कामों में से कुछ भी कर सके जिसे ये लोग (उसका) शरीक बनाते हैं
34503041ظهر الفساد في البر والبحر بما كسبت أيدي الناس ليذيقهم بعض الذي عملوا لعلهم يرجعون
वह उससे पाक व पाकीज़ा और बरतर है ख़़ुद लोगों ही के अपने हाथों की कारस्तानियों की बदौलत ख़ुश्क व तर में फसाद फैल गया ताकि जो कुछ ये लोग कर चुके हैं ख़ुदा उन को उनमें से बाज़ करतूतों का मज़ा चखा दे ताकि ये लोग अब भी बाज़ आएँ
34513042قل سيروا في الأرض فانظروا كيف كان عاقبة الذين من قبل كان أكثرهم مشركين
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि ज़रा रुए ज़मीन पर चल फिरकर देखो तो कि जो लोग उसके क़ब्ल गुज़र गए उनके (अफ़आल) का अंजाम क्या हुआ उनमें से बहुतेरे तो मुशरिक ही हैं
34523043فأقم وجهك للدين القيم من قبل أن يأتي يوم لا مرد له من الله يومئذ يصدعون
तो (ऐ रसूल) तुम उस दिन के आने से पहले जो खुदा की तरफ से आकर रहेगा (और) कोई उसे रोक नहीं सकता अपना रुख़ मज़बूत (और सीधे दीन की तरफ किए रहो उस दिन लोग (परेशान होकर) अलग अलग हो जाएँगें
34533044من كفر فعليه كفره ومن عمل صالحا فلأنفسهم يمهدون
जो काफ़िर बन बैठा उस पर उस के कुफ्र का वबाल है और जिन्होने अच्छे काम किए वह अपने ही आसाइश का सामान कर रहें है
34543045ليجزي الذين آمنوا وعملوا الصالحات من فضله إنه لا يحب الكافرين
ताकि जो लोग ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम किए उनको ख़ुदा अपने फज़ल व (करम) से अच्छी जज़ा अता करेगा वह यक़ीनन कुफ्फ़ार से उलफ़त नहीं रखता
34553046ومن آياته أن يرسل الرياح مبشرات وليذيقكم من رحمته ولتجري الفلك بأمره ولتبتغوا من فضله ولعلكم تشكرون
उसी की (क़ुदरत) की निशानियों में से एक ये भी है कि वह हवाओं को (बारिश) की ख़ुशख़बरी के वास्ते (क़ब्ल से) भेज दिया करता है और ताकि तुम्हें अपनी रहमत की लज्ज़त चखाए और इसलिए भी कि (इसकी बदौलत) कश्तियां उसके हुक्म से चल खड़ी हो और ताकि तुम उसके फज़ल व करम से (अपनी रोज़ी) की तलाश करो और इसलिए भी ताकि तुम शुक्र करो
34563047ولقد أرسلنا من قبلك رسلا إلى قومهم فجاءوهم بالبينات فانتقمنا من الذين أجرموا وكان حقا علينا نصر المؤمنين
औ (ऐ रसूल) हमने तुमसे पहले और भी बहुत से पैग़म्बर उनकी क़ौमों के पास भेजे तो वह पैग़म्बर वाज़ेए व रौशन लेकर आए (मगर उन लोगों ने न माना) तो उन मुजरिमों से हमने (खूब) बदला लिया और हम पर तो मोमिनीन की मदद करना लाज़िम था ही
34573048الله الذي يرسل الرياح فتثير سحابا فيبسطه في السماء كيف يشاء ويجعله كسفا فترى الودق يخرج من خلاله فإذا أصاب به من يشاء من عباده إذا هم يستبشرون
ख़ुदा ही (क़ादिर तवाना) है जो हवाओं को भेजता है तो वह बादलों को उड़ाए उड़ाए फिरती हैं फिर वही ख़ुदा बादल को जिस तरह चाहता है आसमान में फैला देता है और (कभी) उसको टुकड़े (टुकड़े) कर देता है फिर तुम देखते हो कि बूँदियां उसके दरमियान से निकल पड़ती हैं फिर जब ख़ुदा उन्हें अपने बन्दों में से जिस पर चहता है बरसा देता है तो वह लोग खुशियाँ माानने लगते हैं


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