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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
344 | 3 | 51 | إن الله ربي وربكم فاعبدوه هذا صراط مستقيم |
| | | "निस्संदेह अल्लाह मेरी भी रब है और तुम्हारा रब भी, अतः तुम उसी की बन्दगी करो। यही सीधा मार्ग है।" |
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345 | 3 | 52 | فلما أحس عيسى منهم الكفر قال من أنصاري إلى الله قال الحواريون نحن أنصار الله آمنا بالله واشهد بأنا مسلمون |
| | | फिर जब ईसा को उनके अविश्वास और इनकार का आभास हुआ तो उसने कहा, "कौन अल्लाह की ओर बढ़ने में मेरा सहायक होता है?" हवारियों (साथियों) ने कहा, "हम अल्लाह के सहायक हैं। हम अल्लाह पर ईमान लाए और गवाह रहिए कि हम मुस्लिम है |
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346 | 3 | 53 | ربنا آمنا بما أنزلت واتبعنا الرسول فاكتبنا مع الشاهدين |
| | | "हमारे रब! तूने जो कुछ उतारा है, हम उसपर ईमान लाए और इस रसूल का अनुसरण स्वीकार किया। अतः तू हमें गवाही देनेवालों में लिख ले।" |
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347 | 3 | 54 | ومكروا ومكر الله والله خير الماكرين |
| | | और वे चाल चले तो अल्लाह ने भी उसका तोड़ किया और अल्लाह उत्तम तोड़ करनेवाला है |
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348 | 3 | 55 | إذ قال الله يا عيسى إني متوفيك ورافعك إلي ومطهرك من الذين كفروا وجاعل الذين اتبعوك فوق الذين كفروا إلى يوم القيامة ثم إلي مرجعكم فأحكم بينكم فيما كنتم فيه تختلفون |
| | | जब अल्लाह ने कहा, "ऐ ईसा! मैं तुझे अपने क़ब्जे में ले लूँगा और तुझे अपनी ओर उठा लूँगा और अविश्वासियों (की कुचेष्टाओं) से तुझे पाक कर दूँगा और तेरे अनुयायियों को क़ियामत के दिन तक लोगों के ऊपर रखूँगा, जिन्होंने इनकार किया। फिर मेरी ओर तुम्हें लौटना है। फिर मैं तुम्हारे बीच उन चीज़ों का फ़ैसला कर दूँगा, जिनके विषय में तुम विभेद करते रहे हो |
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349 | 3 | 56 | فأما الذين كفروا فأعذبهم عذابا شديدا في الدنيا والآخرة وما لهم من ناصرين |
| | | "तो जिन लोगों ने इनकार की नीति अपनाई, उन्हें दुनिया और आख़िरत में कड़ी यातना दूँगा। उनका कोई सहायक न होगा।" |
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350 | 3 | 57 | وأما الذين آمنوا وعملوا الصالحات فيوفيهم أجورهم والله لا يحب الظالمين |
| | | रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उन्हें वह उनका पूरा-पूरा बदला देगा। अल्लाह अत्याचारियों से प्रेम नहीं करता |
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351 | 3 | 58 | ذلك نتلوه عليك من الآيات والذكر الحكيم |
| | | ये आयतें है और हिकमत (तत्वज्ञान) से परिपूर्ण अनुस्मारक, जो हम तुम्हें सुना रहे हैं |
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352 | 3 | 59 | إن مثل عيسى عند الله كمثل آدم خلقه من تراب ثم قال له كن فيكون |
| | | निस्संदेह अल्लाह की दृष्टि में ईसा की मिसाल आदम जैसी है कि उसे मिट्टी से बनाया, फिर उससे कहा, "हो जा", तो वह हो जाता है |
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353 | 3 | 60 | الحق من ربك فلا تكن من الممترين |
| | | यह हक़ तुम्हारे रब की ओर से हैं, तो तुम संदेह में न पड़ना |
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