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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3421 | 30 | 12 | ويوم تقوم الساعة يبلس المجرمون |
| | | और जिस दिन क़यामत बरपा होगी (उस दिन) गुनेहगार लोग ना उम्मीद होकर रह जाएँगे |
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3422 | 30 | 13 | ولم يكن لهم من شركائهم شفعاء وكانوا بشركائهم كافرين |
| | | और उनके (बनाए हुए ख़ुदा के) शरीकों में से कोई उनका सिफारिशी न होगा और ये लोग ख़़ुद भी अपने शरीकों से इन्कार कर जाएँगे |
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3423 | 30 | 14 | ويوم تقوم الساعة يومئذ يتفرقون |
| | | और जिस दिन क़यामत बरपा होगी उस दिन (मोमिनों से) कुफ्फ़ार जुदा हो जाएँगें |
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3424 | 30 | 15 | فأما الذين آمنوا وعملوا الصالحات فهم في روضة يحبرون |
| | | फिर जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए तो वह बाग़े बेहश्त में निहाल कर दिए जाएँगे |
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3425 | 30 | 16 | وأما الذين كفروا وكذبوا بآياتنا ولقاء الآخرة فأولئك في العذاب محضرون |
| | | मगर जिन लोगों के कुफ्र एख्तेयार किया और हमारी आयतों और आखेरत की हुज़ूरी को झुठलाया तो ये लोग अज़ाब में गिरफ्तार किए जाएँगे |
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3426 | 30 | 17 | فسبحان الله حين تمسون وحين تصبحون |
| | | फिर जिस वक्त तुम लोगों की शाम हो और जिस वक्त तुम्हारी सुबह हो ख़ुदा की पाकीज़गी ज़ाहिर करो |
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3427 | 30 | 18 | وله الحمد في السماوات والأرض وعشيا وحين تظهرون |
| | | और सारे आसमान व ज़मीन में तीसरे पहर को और जिस वक्त तुम लोगों की दोपहर हो जाए वही क़ाबिले तारीफ़ है |
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3428 | 30 | 19 | يخرج الحي من الميت ويخرج الميت من الحي ويحيي الأرض بعد موتها وكذلك تخرجون |
| | | वही ज़िन्दा को मुर्दे से निकालता है और वही मुर्दे को जिन्दा से पैदा करता है और ज़मीन को मरने (परती होने) के बाद ज़िन्दा (आबाद) करता है और इसी तरह तुम लोग भी (मरने के बाद निकाले जाओगे) |
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3429 | 30 | 20 | ومن آياته أن خلقكم من تراب ثم إذا أنتم بشر تنتشرون |
| | | और उस (की कुदरत) की निशानियों में ये भी है कि उसने तुमको मिट्टी से पैदा किया फिर यकायक तुम आदमी बनकर (ज़मीन पर) चलने फिरने लगे |
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3430 | 30 | 21 | ومن آياته أن خلق لكم من أنفسكم أزواجا لتسكنوا إليها وجعل بينكم مودة ورحمة إن في ذلك لآيات لقوم يتفكرون |
| | | और उसी की (क़ुदरत) की निशानियों में से एक ये (भी) है कि उसने तुम्हारे वास्ते तुम्हारी ही जिन्स की बीवियाँ पैदा की ताकि तुम उनके साथ रहकर चैन करो और तुम लोगों के दरमेयान प्यार और उलफ़त पैदा कर दी इसमें शक नहीं कि इसमें ग़ौर करने वालों के वास्ते (क़ुदरते ख़ुदा की) यक़ीनी बहुत सी निशानियाँ हैं |
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